धान में पीलेपन का रामबाण इलाज मिल गया है | यहां जाने
अगर आपकी धान की फसल 40 से 50 दिन के मध्य की हो गई है और आपको लग रहा है कि फसल का उत्पादन कम है, फुटकाव कम हो रहा है, या पत्तियों में पीलापन आ गया है, तो चिंता न करें। हम आपको दो ऐसे उपाय बताएंगे, जिन्हें अपनाकर आप केवल 7 दिनों में अपनी धान की फसल में सुधार देख सकते हैं।
जब धान की फसल 40 से 50 दिन की हो जाती है, तो यह समय होता है जब पौधों में अच्छे फुटकाव और वृद्धि की आवश्यकता होती है। लेकिन कुछ किसानों की फसल में इस समय तक भी कल्लों की संख्या कम रहती है और उत्पादन में भी कमी रहती है। इसका मुख्य कारण पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। फसल की प्रारंभिक अवस्था में पौधों को विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। अगर उन्हें सही समय पर सही मात्रा में ये पोषक तत्व नहीं मिलते हैं, तो पौधों का विकास रुक जाता है और पीलापन आ जाता है। इस स्थिति में, कुछ विशेष उत्पादों का उपयोग कर सकते हैं।
पहला उपाय:
500 ग्राम फेरस सल्फेट (19%) प्रति एकड़, यह पौधों में आयरन की कमी को पूरा करता है और पत्तियों के पीलापन को दूर करने में मदद करता है।
800 ग्राम मैग्नीशियम सल्फेट प्रति एकड़,मैग्नीशियम पौधों में क्लोरोफिल के निर्माण के लिए आवश्यक है, जिससे पत्तियों की हरियाली बनी रहती है।
1 किलोग्राम यूरिया, यह नाइट्रोजन का अच्छा स्रोत है जो पौधों की वृद्धि में सहायक है और धान के फुटकाव को बढ़ाता है।
500 ग्राम जिंक सल्फेट (33%) प्रति एकड़, जिंक पौधों के लिए आवश्यक माइक्रोन्यूट्रिएंट है, जो एंजाइमों की क्रियाशीलता और पौधों के विकास में मदद करता है।
100 ग्राम बोरॉन प्रति एकड़ के हिसाब से मिलाएं। बोरॉन फूलों के विकास और पौधों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
इन सभी पोषक तत्वों को मिलाकर फसल में छिड़काव करने से धान के पौधों में तेजी से सुधार होता है। इससे फसल का फुटकाव तेज़ी से शुरू हो जाएगा, पौधों की हरियाली बढ़ेगी, और कल्लों की संख्या में भी सुधार होगा।
दूसरा उपाय:
सागरिका नामक एक लिक्विड (250 मिली प्रति एकड़) का प्रयोग करें। यह एक बायोस्टिमुलेंट है जो पौधों की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और फसल की गुणवत्ता को बढ़ाता है।
एनपीके 18-18-18 (1 किलोग्राम) का 150 लीटर पानी में मिलाकर शाम के समय छिड़काव करें। एनपीके 18-18-18 एक संतुलित उर्वरक है जिसमें तीन मुख्य पोषक तत्व नाइट्रोजन (N), फास्फोरस (P), और पोटेशियम (K) 18-18-18 के अनुपात में होते हैं। इसका मतलब है कि इसमें 18% नाइट्रोजन, 18% फास्फोरस, और 18% पोटेशियम होता है। जो फसल के लिए बहुत लाभकारी हैं।
जब धान की फसल लगभग 50 दिन की होती है, तो यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि पौधों को सभी आवश्यक पोषक तत्व मिलें। यह उत्पाद पौधों को मजबूत बनाएगा, जड़ों का विकास करेगा, और पौधों को पीलापन से बचाएगा। इसका सही उपयोग करने से फसल की पैदावार तेजी से बढ़ेगी और फसल में नए कल्ले भी आने लगेंगे।
नोटः दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इन्टरनेट पर उपलब्ध भरोसेमंद स्त्रोतों से जुटाई गई है। किसी भी जानकारी को प्रयोग में लाने से पहले नजदीकी कृषि सलाह केंद्र से सलाह जरूर ले लें
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।