सोयाबीन की सरकारी खरीद के लिए अब यह बनेगा स्थायी सिस्टम | जाने पूरी डिटेल्स
महाराष्ट्र में सोयाबीन खरीद के लिए स्थायी सिस्टम की योजना
किसान भाइयों, महाराष्ट्र, जो देश के प्रमुख सोयाबीन उत्पादक राज्यों में से एक है, वहां पर हर साल किसानों को अपनी उपज बेचने में विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस राज्य में सोयाबीन की भारी पैदावार होती है, लेकिन किसानों को अपनी फसल बेचने में दिक्कतें आती हैं, जैसे उचित मूल्य का न मिलना या खरीद प्रक्रिया में देरी होना आदि। किसानों की इन समस्याओं को दूर करने के लिए, महाराष्ट्र सरकार ने सोयाबीन खरीद के लिए एक स्थायी सिस्टम बनाने का निर्णय लिया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस दिशा में मार्केटिंग विभाग को निर्देश दिए हैं कि एक ऐसा तंत्र स्थापित किया जाए, जो सोयाबीन खरीद को बिना किसी रुकावट के सुचारू रूप से संचालित कर सके। इससे किसानों को उनकी उपज बेचने में आसानी होगी और वे किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करेंगे। महाराष्ट्र सरकार द्वारा यह कदम किसानों की मदद करने के साथ-साथ सोयाबीन के बाजार को भी स्थिर बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा किसानों के लिए उठाया गया यह कदम कितना प्रभावी होगा और इससे किसानों को कितना फायदा होगा, इन सब बातों पर विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं इस रिपोर्ट के माध्यम से।
किसानों के पंजीकरण पर जोर
किसान साथियों, महाराष्ट्र सरकार की यह योजना नवंबर 2025 में शुरू होने वाली सोयाबीन खरीद की तैयारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री फडणवीस ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अक्टूबर तक सभी किसानों का पंजीकरण पूरा करें ताकि खरीद प्रक्रिया सही समय पर शुरू हो सके। इस पंजीकरण से किसानों को उनकी उपज बेचने के लिए एक पहचान पत्र मिलेगा, जिससे वे अपनी फसल को आसानी से बाजार में बेच सकेंगे। इसके साथ ही, सरकार ने इस पूरे प्रक्रिया को स्थायी बनाने के लिए एक ऐसे तंत्र की रूपरेखा तैयार करने के लिए कहा है, जो हर साल बिना किसी बाधा के चल सके। मुख्यमंत्री का मानना है कि इस स्थायी व्यवस्था के जरिए सोयाबीन की खरीद में आने वाली देरी को खत्म किया जा सकेगा और किसानों को समय पर उनका उचित मूल्य मिलेगा।
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एग्रो हब का निर्माण
किसान साथियों, महाराष्ट्र सरकार ने सिर्फ सोयाबीन खरीद की प्रक्रिया को सुधारने का ही नहीं, बल्कि राज्य के कृषि क्षेत्र को और बेहतर बनाने के लिए अन्य योजनाओं पर भी ध्यान दिया है। मुख्यमंत्री फडणवीस ने समृद्धि राजमार्ग के किनारे एक एग्रो हब बनाने के लिए भी निर्देश दिए हैं। इस हब के निर्माण के बाद कृषि उत्पादों की मार्केटिंग और लॉजिस्टिक प्रक्रिया को बेहतर किया जाएगा, जिससे किसानों को अपने उत्पादों की बिक्री में आसानी होगी। समृद्धि राजमार्ग के किनारे बने इस एग्रो हब के तहत किसानों को कई सुविधाएं दी जाएंगी, जैसे कि बेहतर भंडारण सुविधा, कृषि उत्पादों के लिए उपयुक्त बाजार, और परिवहन की सुविधा। इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को भी एक नया दिशा मिलेगा। मुख्यमंत्री फडणवीस ने अधिकारियों को इस एग्रो हब की एक विस्तृत योजना तैयार करने का निर्देश दिया है, ताकि इसे जल्द से जल्द लागू किया जा सके।
100 दिनों के कार्यों की समीक्षा
साथियों, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इन सब बातों के अलावा विपणन विभाग के 100 दिनों के कार्यों की समीक्षा भी की और विभाग को कई महत्वपूर्ण निर्देश भी दिए। इस बैठक में उन्होंने सोयाबीन की खरीद के लिए स्थायी तंत्र स्थापित करने, समृद्धि राजमार्ग पर एग्रो हब बनाने और राज्य में कृषि उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग के लिए योजनाओं पर विचार किया। साथ ही उन्होंने अधिकारियों से इन योजनाओं की कार्यान्वयन प्रक्रिया को तेज करने के लिए कहा, ताकि जल्द ही किसानों को लाभ मिल सके।
केंद्र सरकार ने बढ़ाई सोयाबीन खरीद की समय सीमा
किसान भाइयों, हाल ही में केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने महाराष्ट्र और राजस्थान में सोयाबीन खरीद की समयसीमा बढ़ाने का निर्णय लिया है। इससे पहले, महाराष्ट्र के लिए समयसीमा 12 जनवरी तक और राजस्थान के लिए 15 जनवरी तक तय की गई थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 31 जनवरी और 4 फरवरी कर दिया गया है। सरकार के इस कदम से किसानों के बीच कुछ खुशी का माहौल दिखाई दे रहा है क्योंकि केंद्र सरकार के इस निर्णय से किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए और समय मिलेगा, और वे बिना किसी दबाव के अपनी फसल को सरकार को बेच सकेंगे। केंद्र सरकार का यह कदम राज्य सरकारों के अनुरोध पर लिया गया है, और इससे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। इस समयसीमा बढ़ाने से महाराष्ट्र और राजस्थान में सोयाबीन की खरीद में कोई रुकावट नहीं आएगी, और किसानों को उनका निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) मिलेगा।
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तेलंगाना में अतिरिक्त सोयाबीन खरीद की अनुमति
किसान साथियों, केंद्र सरकार ने तेलंगाना राज्य में 25,000 टन अतिरिक्त सोयाबीन खरीदने की भी अनुमति दी है। तेलंगाना ने पहले ही 59,508 टन सोयाबीन खरीदी थी, लेकिन अब केंद्र सरकार द्वारा इस मात्रा में वृद्धि की गई है। केंद्र सरकार के इस फैसले से राज्य सरकार को सोयाबीन किसानों को बेहतर समर्थन देने में मदद मिलेगी और वे अपनी फसल को सरकारी मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत बेच सकेंगे। इसके अलावा भारत में सोयाबीन की कुल खरीद अब तक 13.68 लाख टन तक पहुंच चुकी है, और यह आंकड़ा बढ़ने की संभावना है। इस खरीद प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य प्रदान करना और उनके द्वारा उत्पादित सोयाबीन की उचित तरीके से खरीदारी सुनिश्चित करना है।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।