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किसान करेंगे अब अपनी फसल का मूल्य तय। जाने क्या कहा कृषि मंत्री ने

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किसान करेंगे अब अपनी फसल का मूल्य तय। जाने क्या कहा कृषि मंत्री ने

किसान भाइयों, किसान अपने उत्पादों को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए कई रास्ते अपनाते हैं, लेकिन इन रास्तों में बिचौलियों की भूमिका एक बड़ी बाधा बन चुकी है। इन बिचौलियों की वजह से किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल पाता और उपभोक्ताओं को भी महंगे दामों पर उत्पाद मिलते हैं। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार एक नई योजना पर काम कर रही है, जिसका उद्देश्य किसानों को अपनी उपज सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचाने का है। इस पहल का मकसद किसानों की आय बढ़ाना और बिचौलियों की भूमिका को कम करना है। इस विषय पर गंभीरता से विचार करने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में इस योजना की जानकारी दी, उन्होंने बताया कि सरकार किसानों को अपनी उपज सीधे उपभोक्ताओं को बेचने की अनुमति देने के लिए एक मॉडल पर काम कर रही है, जिससे बिचौलियों की भूमिका कम होगी। पीटीआई की खबर के मुताबिक, पूसा में बीते रविवार को करीब 400 किसानों से बात करते हुए यह बात कही। केंद्रीय मंत्री ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि 'खेत से उपभोक्ता' मॉडल किसानों को अधिकतम लाभ दिलाने में मदद करेगा, जिससे किसानों को लाभ होगा और कृषि क्षेत्र को एक नई दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस योजना से 'खेत से उपभोक्ता तक' का मॉडल लागू किया जाएगा, जिससे किसान अपनी उपज का मूल्य खुद तय कर सकेंगे और उन्हें बिचौलियों के हाथों शोषण का सामना नहीं करना पड़ेगा। आपको बता दें कि यदि सरकार की योजना सफल होती है तो यह कदम भारतीय कृषि के लिए एक महत्वपूर्ण परिवर्तन साबित हो सकता है। तो चलिए क्या है यह योजना और क्या इस योजना की विशेषताएं हैं और किसानों को इस योजना से कितना लाभ होने की उम्मीद है, इन सब बातों को विस्तारपूर्वक समझने की कोशिश करते हैं इस रिपोर्ट के द्वारा।

खेत से उपभोक्ता तक

किसान साथियों, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के अनुसार, किसान हमेशा से अपनी उपज का सही मूल्य पाने के लिए संघर्ष करते आए हैं। कई बार उन्हें अपनी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पाता, और इसकी वजह मुख्य रूप से बिचौलियों का हस्तक्षेप होता है। बिचौलिए किसानों से कम कीमत पर माल खरीदते हैं और उपभोक्ताओं से ज्यादा कीमत पर बेचते हैं, जिससे किसानों को उनकी मेहनत का पूरा लाभ नहीं मिल पाता। सरकार की योजना "खेत से उपभोक्ता तक" का मॉडल इस समस्या का समाधान पेश करता है। इस मॉडल के तहत, किसान अपनी उपज को सीधे उपभोक्ताओं को बेच सकते हैं, बिना बिचौलियों के। सरकार की इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि किसानों को उनकी मेहनत का पूरा मूल्य मिल सके और उपभोक्ताओं को सस्ती और ताजगी से भरपूर कृषि उत्पाद मिलें। इस योजना से कृषि उत्पादों की आपूर्ति श्रृंखला में सुधार होगा, जिससे उपभोक्ता और किसान दोनों को लाभ होगा।

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बिचौलियों की भूमिका

किसान साथियों, भारत में कृषि उत्पादों का व्यापार प्रायः बिचौलियों के माध्यम से होता है। इन बिचौलियों के कारण ही किसान अपनी उपज का पूरा मूल्य नहीं प्राप्त कर पाते। इसके अलावा, बिचौलियों का अत्यधिक हस्तक्षेप कृषि उत्पादों की कीमतों को भी प्रभावित करता है, जो आमतौर पर उपभोक्ताओं के लिए महंगा साबित होता है। सरकार का उद्देश्य कृषि उत्पादों की खरीद-बिक्री से इन बिचौलियों की भूमिका को न्यूनतम करना है। जब किसान अपनी फसल सीधे उपभोक्ता तक पहुंचा पाएंगे, तो बिचौलियों की आवश्यकता कम हो जाएगी। इससे किसानों को उनका वास्तविक मूल्य मिलेगा और उपभोक्ताओं को ताजे और सस्ते उत्पाद मिलेंगे। इसके अलावा, यह मॉडल किसानों को नए बाज़ारों तक पहुँचने का अवसर भी देगा, जिससे उनके लिए नए व्यापारिक अवसर खुलेंगे।

किसानों को सशक्त बनाना

साथियों, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह भी कहा कि सरकार का उद्देश्य किसानों को सशक्त बनाना है, ताकि वे अपनी मेहनत का सही मूल्य पा सकें। इसके लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है, जिनका मुख्य उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और उन्हें आधुनिक तकनीक के माध्यम से लाभ पहुंचाना है। सरकार ने प्रौद्योगिकी आधारित समाधानों को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसमें ड्रोन तकनीक से लेकर उन्नत बीजों तक का उपयोग शामिल है। साथ ही, प्राकृतिक खेती और फसल विविधीकरण को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि किसान अपनी आय के स्रोतों को बढ़ा सकें और एक ही प्रकार की फसल पर निर्भर न रहें। इसके अलावा कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसलों की खरीद को सुनिश्चित करने के लिए भी कार्य कर रही है, ताकि किसानों को किसी भी परिस्थिति में उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके।

अर्थव्यवस्था में योगदान

साथियों, भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का अहम योगदान है। कृषि न केवल देश की बड़ी जनसंख्या का रोजगार है, बल्कि यह भारत की खाद्य सुरक्षा और निर्यात की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में कृषि क्षेत्र और किसानों का योगदान अहम होता है। किसानों को सशक्त बनाने और उनके लाभ के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से न केवल कृषि क्षेत्र को नया बल मिलेगा, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा। किसानों के लिए यह एक नई उम्मीद का समय है, जहां उन्हें उनकी मेहनत का सही फल मिलेगा और उनका जीवन स्तर बेहतर होगा।

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किसका होगा फायदा

किसान भाइयों, अब सवाल यह उठता है कि सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का सबसे अधिक फायदा किसको होगा? तो हम आपको बता दें कि सरकार की इस पहल से सबसे ज्यादा लाभ उन किसानों को होगा, जिनके पास छोटे या मझोले खेत हैं। इन किसानों के लिए अपने उत्पादों को बाजार तक पहुंचाना और अच्छा मूल्य पाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। अब, जब उन्हें बिचौलियों के बिना अपनी उपज बेचने का मौका मिलेगा, तो यह उनके लिए एक बड़ा फायदा साबित होगा। इसके अलावा, उपभोक्ताओं को भी ताजे और सस्ते उत्पाद मिलेंगे, जिससे उनका खर्च भी कम होगा। इसके अलावा, इस पहल से देश की कृषि नीति को एक नई दिशा मिलेगी और किसानों के जीवन में सुधार होगा। इसके अलावा, केंद्र सरकार इसमें किसानों को व्यापक रूप से समर्थन करेगी। कृषि मंत्री ने अपने वार्ता में कहा कि कृषि क्षेत्र और किसानों का योगदान भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। केंद्र-राज्य सरकारों के साथ मिलकर आपका समर्थन करेगा।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।