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क्या और बढ़ेंगे प्याज के भाव | जाने इस रिपोर्ट में

क्या और बढ़ेंगे  प्याज के भाव |
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किसान साथियों बीते सप्ताह शुक्रवार को देशभर में प्याज का औसत खुदरा मूल्य 38.67 रुपये प्रति किलो था, जबकि मॉडल मूल्य 40 रुपये प्रति किलो था। सूत्रों  से पता चल है कि 20 जून तक केंद्र सरकार ने 70,987 टन प्याज खरीदा है। पिछले साल इसी समय अवधि में 74,071 टन प्याज खरीदा गया था। 2024 में अब तक बफर स्टॉक के लिए 71 हजार टन प्याज खरीदा गया है। सरकार का लक्ष्य है कि प्याज की कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए 5 लाख टन प्याज की खरीद की जाए। मौजूदा खरीदी उसी लक्ष्य का हिस्सा है।

आपकी जानकारी क लिए बता दे रबी उत्पादन में लगभग 20 प्रतिशत की गिरावट आई है, जिससे प्याज की कीमतों में वृद्धि का खतरा है। सरकारी अधिकारी का कहना है कि अच्छे मानसून के साथ प्याज और अन्य सब्जियों के दाम कम होने की उम्मीद है।

सरकार मूल्य स्थिरीकरण के लिए 5 लाख टन प्याज के खरीद लक्ष्य को पूरा करने की कोशिश कर रही है। यदि प्याज की कीमतों में अचानक वृद्धि होती है, तो सरकार बफर स्टॉक से प्याज जारी करने का विकल्प आजमाएगी।

अधिकारी ने कहा है कि देश के अधिकांश हिस्सों में अच्छे मानसून के साथ खुदरा कीमतों में कमी आने की संभावना है। सरकार के इन प्रयासों का उद्देश्य है कि प्याज की कीमतों को नियंत्रित रखा जा सके और उपभोक्ताओं को राहत मिल सके। उम्मीद की जा रही है कि मानसून की बेहतर स्थिति और बफर स्टॉक की योजना से प्याज की कीमतों में स्थिरता आएगी।

प्याज की कीमतों पर नियंत्रण के लिए सरकारी प्रयास

अगर प्याज के भाव में अचानक तेजी आती है, तो सरकार बफर स्टॉक से प्याज जारी करेगी ताकि कीमतों को स्थिर रखा जा सके। प्याज की कीमतों में वृद्धि का मुख्य कारण 2023-24 में खरीफ, देर खरीफ और रबी में पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत की कमी है, क्योंकि प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में कम बारिश हुई है।

निर्यात शुल्क और प्रतिबंध: प्याज की घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाया है। अक्टूबर 2024 में 800 अमेरिकी डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य तय किया गया है। 8 दिसंबर 2023 से निर्यात प्रतिबंध भी लगाया गया था, जिसमें कुछ समय पहले ढील दी गई थी। इन उपायों ने घरेलू बाजार में प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने में मदद की है।

वर्तमान स्थिति और भविष्य की उम्मीदें  : अत्यधिक गर्मी के कारण हरी सब्जियों का उत्पादन घटा है, जिससे टमाटर, आलू और प्याज सहित सब्जियों की कीमतों में वृद्धि हुई है। अधिकारी ने बताया कि देश के अधिकांश हिस्सों में मानसून की शुरुआत हो चुकी है और इसके साथ ही स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है। अच्छे मानसून से प्याज और अन्य सब्जियों के दाम कम होने की संभावना है।

सरकार द्वारा उठाए गए इन कदमों का उद्देश्य प्याज और अन्य सब्जियों की कीमतों को नियंत्रित करना है, ताकि उपभोक्ताओं को राहत मिल सके और महंगाई पर काबू पाया जा सके। मानसून की बेहतर स्थिति से कीमतों में स्थिरता आने की भी उम्मीद है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।