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कपास के किसानो के खिले चेहरे | हरियाणा में तेज हुए नरमा कपास के भाव

कपास के किसानो के खिले चेहरे | हरियाणा में तेज हुए नरमा कपास के भाव
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किसान साथियो होडल उपमंडल की अनाज मंडी में कपास की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक कीमत पर बिक रही है। इसका प्रमुख कारण कपास की खेती के क्षेत्र में कमी और बारिश के कारण हुए जलभराव से उत्पादन में गिरावट है। हालांकि बारिश ने फसल को नुकसान पहुंचाया है, लेकिन ऊंचे दाम मिलने से किसानों को कुछ राहत मिल रही है। वर्तमान में, किसान अपनी कपास की फसल को होडल मंडी में 7400 से 7900 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बेच रहे हैं। पिछले साल की तुलना में इस साल कपास की आवक में काफी कमी आई है। 2023 में, 23 सितंबर तक मंडी में 11,528 क्विंटल कपास की आवक हुई थी, जबकि इस वर्ष अब तक केवल 4144 क्विंटल कपास ही मंडी में पहुंची है। सरकार द्वारा छोटे रेशे वाली कपास के लिए एमएसपी 7121 रुपये और लंबे रेशे वाली कपास के लिए 7521 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। होडल क्षेत्र में मुख्य रूप से लंबे रेशे वाली कपास उगाई जाती है। पिछले सीजन में किसानों को कपास एमएसपी पर बेचने के लिए आंदोलन करना पड़ता था, लेकिन इस बार स्थिति पूरी तरह से बदल गई है। कपास का रकबा घटने और सितंबर में भारी बारिश के कारण हुए जलभराव से उत्पादन में भारी कमी आई है। इसने बाजार में कपास की मांग को बढ़ा दिया है और व्यापारी अब किसानों को अच्छे भाव देकर कपास खरीद रहे हैं। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

ख़राब मौसम के कारण से कपास की गुणवत्ता में आई कमी 
इस साल अनियमित मौसम के कारण कपास की गुणवत्ता प्रभावित हुई है। बावजूद इसके, किसानों को कपास के अच्छे दाम मिल रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में कपास की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखी गई है। सितंबर की शुरुआत में जहां कपास की कीमत 5200 से 6000 रुपये प्रति क्विंटल थी, वहीं अब यह बढ़कर 7400 से 7900 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। हालांकि, किसानों को अच्छी कीमत मिल रही है, लेकिन क्षेत्र में हुई भारी बारिश के कारण फसल को काफी नुकसान हुआ है। इसके अलावा, नवंबर में धान की कटाई और गेहूं की बुवाई के कारण किसान कपास मंडी में कम मात्रा में कपास ला रहे हैं। निजी व्यापारी ही अभी तक मंडी में आ रही सारी कपास खरीद रहे हैं।

बारिश से कपास की फसल को पहुंचा बड़ा नुकसान
मंडी सचिव वीरेंद्र कुमार ने बताया कि इस वर्ष कपास की आवक में पिछले वर्ष की तुलना में काफी गिरावट देखी गई है। पिछले वर्ष 23 सितंबर तक मंडी में 11,528 क्विंटल कपास आई थी, जबकि इस वर्ष अब तक केवल 4144 क्विंटल कपास ही मंडी पहुंची है। इस भारी गिरावट के पीछे मुख्य कारण बारिश के कारण फसल को हुए नुकसान को माना जा रहा है। कृषि विभाग के अधिकारी भी इस बात से सहमत हैं कि इस वर्ष फसल में रोगों का प्रकोप अधिक रहा है, जिसके कारण किसानों ने कपास की बुवाई कम की है। इन दोनों कारणों के चलते ही इस वर्ष कपास की आवक में इतनी बड़ी कमी आई है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।