पराली प्रबंधन के लिए प्रति एकड़ 1000 रुपये दिए जाएंगे, जानिए पूरी योजना
हरियाणा में इन दिनों धान की कटाई और कढ़ाई का मौसम शुरू हो गया है। जल्दी भी भर भर के धान मंडियों मे आना शुरू हो जाएगा । धान की कुछ किस्में पहले ही बाजारों में पहुंचनी शुरू हो गई हैं। ऐसे में सरकार ने धान की पराली के प्रबंधन की तैयारी भी शुरू कर दी है ताकि किसान फसल के अवशेषों को जलाने के लिए विवश न हो। एक तो इससे पर्यावरण को नुकसान होता है, वहीं दूसरी ओर मिट्टी की उर्वरता भी कम हो जाती है। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें
किसानों को प्रति एकड़ 1,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलेगी.
इस संदर्भ में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने बताया कि फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम के तहत गांठें या बंडल बनाकर पराली का प्रबंधन करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 1,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया है। कृषि उपनिदेशक डॉ. बाबू लाल ने किसानों से अपील करते हुए कहा है कि किसान पर्यावरण एवं जनहित में पराली न जलाएं बल्कि इसका उचित प्रबंधन कर सरकारी स्कीम का लाभ उठा सकते हैं।
प्रोत्साहन राशि इस प्रकार प्रदान की जाएगी।
कृषि उपनिदेशक ने बताया कि पराली के अवशेष को जमीन में मिलाने वाले किसान को प्रति एकड़ एक हजार रुपये प्रोत्साहन राशि का भी लाभ मिलेगा. इस स्कीम का लाभ उठाने के लिए, किसानों को अपने धान के खेतों के जीपीएस स्थान का एक फोटोग्राफ रिकॉर्ड के रूप मे अपने पास रखना होगा।
पराली प्रबंधन कार्यों का वेरिफिकेशन
उन्होंने कहा कि पोर्टल पर पंजीकृत किसानों द्वारा किए गए पराली प्रबंधन कार्य के वेरिफिकेशन और ग्राम स्तरीय समिति द्वारा अनुमोदन के बाद प्रोत्साहन राशि किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी जाएगी। योजना की सबसे अच्छी बात यह है कि यह योजना धान की सभी किस्मों पर समान रूप से लागू होगी।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।