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काला सागर अनाज संधि पर नहीं बन रही बात | क्या महंगे होंगे अनाज के रेट | रिपोर्ट

Black Sea Grain Initiative

दोस्तो संयुक्त राष्ट्र की काला सागर अनाज संधि (Black Sea Grain Initiative) की वार्ता में रूस यूक्रेन और टर्की की प्रतिनिधियों ने भाग लिया। वार्ता में काला सागर के बंदरगाहों से निर्यात (Black Sea Export) के बारे में बातचीत की गई। लेकिन बताया जा रहा है कि इस बातचीत में किसी भी मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई है। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें

काला सागर की संधि क्या है
दरअसल कलासागर संधि टर्की यूक्रेन और रूस द्वारा हस्ताक्षरित एक अनाज निर्यात का समझौता है। जुलाई 2022 में इस्तांबुल में संयुक्त राष्ट्र की अगुवाई में इस पर हस्ताक्षर किए गए थे । समझौते के अनुसार काला सागर के माध्यम से यूक्रेन से अनाज निर्यात (Grain export) के लिए एक सुरक्षित रास्ता दिए जाने का समझौता है। समझौते के अनुसार यूक्रेन के जहाजों का जॉइंट कोऑर्डिनेटिंग कमेटी(JCC) द्वारा निरीक्षण किया जाएगा ताकि इन दिनों यूक्रेन द्वारा रूस पर किए गए कथित ड्रोन हमले(Drone Attack) के बाद इस समझौते की अवधि का बढ़ना खटाई में पड़ गया है। पिछले समझौते की अवधि 18 मई को समाप्त हो रही है।

18 मई के बाद नहीं जा सकेंगे जहाज
5 मई को रूस यूक्रेन और टर्की के प्रतिनिधियों के बीच हुई वार्ता में किसी भी नए जहाज द्वारा माल की आवाजाही के लिए अनुमति नहीं मिल पायी है। हालांकि 18 मई तक पुराने सौदों के जहाज आ जा सकेंगे। संयुक्त राष्ट्र के डिप्टी सेक्रेटरी फरहान हक ने बताया कि इस मामले में बातचीत अभी जारी रहेगी। रूस ने मीटिंग में कहा है कि कि वह समझौते की अवधि को तब तक नहीं बढ़ाएगा जब तक उसकी मांगे पूरी नहीं की जाती।

क्या महंगे होंगे अनाज
दोस्तो जैसा कि आप सबको पता है कि यूक्रेन गेहूं और खाद्य तेलों के बड़े उत्पादक देशों में से एक है। ऐसे में अगर यूक्रेन से अनाज और खाद्य तेलों का निर्यात बाधित होता है तो पिछले साल की तरह खाने पीने की चीजों का संकट(Food Inflation) खड़ा हो सकता है। ऐसी स्थिति में जिन देशों को यूक्रेन से निर्यात जाता है वहाँ की डिमांड को पूरा करने का भार अन्य देशों पर आ सकता है। लेकिन भारत ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा रखा है ऐसे में भारत में कोई तेजी आएगी ऐसा कहना मुश्किल है। लेकिन विदेशों में भाव बढ़ने का कुछ ना कुछ असर भारतीय बाजारों पर भी पड़ेगा। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि थोड़ी बहुत तेजी तो बन सकती है लेकिन बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं हैं।

About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।