उत्तरप्रदेश के इन जिलों में बन रहा है नया एक्सप्रेस-वे | जमीनों के बढ़ेंगे रेट
उत्तर प्रदेश में नया एक्सप्रेसवे: गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे का महत्व और इसके फायदे
साथियो, उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवे नेटवर्क लगातार फैलता जा रहा है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो राज्य की विकास यात्रा को और तेज करेगा। पहले से ही यूपी में कई एक्सप्रेसवे बन चुके हैं, और अब गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक एक नया एक्सप्रेसवे बनने की योजना तैयार हो रही है। यह एक्सप्रेसवे सिर्फ यात्रा को आसान और तेज नहीं करेगा, बल्कि इसके निर्माण से कई जिलों में औद्योगिक विकास भी होगा। गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक बनने वाला यह एक्सप्रेसवे सिर्फ एक यातायात मार्ग नहीं है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर भारत के बीच की दूरी को कम करेगा। इसके साथ ही, इस एक्सप्रेसवे से गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों में औद्योगिक संभावनाएं और निवेश आकर्षित होंगे, जो इन क्षेत्रों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। यह एक्सप्रेसवे प्रदेश के लिए एक नई शुरुआत होगी, जो न केवल यूपी के विकास को गति देगा, बल्कि पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा। गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे का निर्माण पूर्वी उत्तर प्रदेश और उससे जुड़े क्षेत्रों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। इस एक्सप्रेसवे से गोरखपुर और सिलीगुड़ी के बीच की यात्रा में 15 घंटे की बजाय महज 9 घंटे में सफर पूरा हो सकेगा। इसका असर सिर्फ यातायात पर ही नहीं, बल्कि व्यापार और औद्योगिकीकरण पर भी पड़ेगा। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण गोरखपुर, कुशीनगर और देवरिया जिलों के लिए खासतौर पर फायदेमंद होगा। आइए विस्तार से जानते हैं इस एक्सप्रेसवे से प्रभावित होने वाले क्षेत्र पर इसका क्या असर पड़ेगा और इस एक्सप्रेसवे की क्या-क्या खासियत है, तो चलिए जानने के लिए शुरू करते हैं आज की यह रिपोर्ट।
निर्माण के कारण और रूट
साथियों, इस प्रस्तावित गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई लगभग 700 किलोमीटर होगी, और यह मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से होते हुए उत्तर प्रदेश के गोरखपुर तक पहुंचेगा। पहले इस एक्सप्रेसवे को लखनऊ-मुजफ्फरपुर हाईवे से जोड़ने की योजना थी, लेकिन अब इसे जैतपुर से लिंक एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। यह बदलाव इस परियोजना को और प्रभावी और सुविधाजनक बनाने के लिए किया गया है। इस एक्सप्रेसवे का करीब 115 किलोमीटर लंबा हिस्सा उत्तर प्रदेश के तीन जिलों—गोरखपुर, कुशीनगर और देवरिया—से होकर गुजरेगा। इन जिलों में सर्वे का काम पहले से ही जारी है, और इसके आधार पर डीपीआर (Detailed Project Report) तैयार किया जाएगा। यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश को सीधे पूर्वोत्तर भारत से जोड़ने का काम करेगा, जिससे राज्य के औद्योगिक क्षेत्र को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा।
आसपास के क्षेत्रों में उद्योगों का विकास
साथियों, इस एक्सप्रेसवे के बनने से गोरखपुर शहर और आसपास के क्षेत्रों में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। इन क्षेत्रों में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं बनाई जा रही हैं। गोरखपुर का गीडा (गोरखपुर औद्योगिक विकास क्षेत्र) पहले ही औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित हो चुका है। यहां नए उद्योगों को आकर्षित करने के लिए एक्सप्रेसवे और लिंक एक्सप्रेसवे को एक दूसरे से जोड़ा जा रहा है। इससे गोरखपुर और आसपास के क्षेत्र में निवेश आने की संभावना बढ़ेगी। इसके अलावा, गीडा के अलावा धुरियापार में करीब 5500 हेक्टेयर जमीन पर नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा है। इस क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्र को और मजबूत बनाने के लिए पेप्सिको जैसी कंपनियों ने भी निवेश किया है। इस एक्सप्रेसवे के बनने से पूर्वोत्तर भारत और यूपी के बीच माल और सेवाओं की आवाजाही को एक नया रास्ता मिलेगा।
नए सर्वे और बदलाव
साथियों, इस एक्सप्रेसवे की योजना के दौरान कुछ बदलाव किए गए हैं। पहले इस मार्ग को गोरखपुर शहर के पूर्वी हिस्से से शुरू करने का प्रस्ताव था, लेकिन अब इस रूट में बदलाव किया गया है। नए सर्वे के अनुसार, एक्सप्रेसवे को जैतपुर से जोड़ा जाएगा, जो पहले के प्रस्ताव से थोड़ा अलग है। इस बदलाव से कुछ और गांवों की जमीन का अधिग्रहण भी हो सकता है, जिससे किसानों पर असर पड़ सकता है। कुल मिलाकर, इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से क्षेत्र के विकास को एक नई दिशा मिलेगी, लेकिन यह भी जरूरी होगा कि किसानों और अन्य प्रभावित व्यक्तियों के लिए उचित मुआवजा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
बिहार में विकास के नए अवसर
दोस्तों, गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह सिर्फ यूपी के गोरखपुर तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह बिहार और पश्चिम बंगाल के कई अहम शहरों को भी जोड़ने का काम करेगा। विशेष रूप से, बिहार के चंपारण, दरभंगा और सीतामढ़ी जैसे क्षेत्र इस एक्सप्रेसवे से सीधे जुड़ेंगे, जिससे इन क्षेत्रों में विकास की रफ्तार तेज हो जाएगी। इसके अलावा, यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर और सिलीगुड़ी के बीच यात्रा का समय 15 घंटे से घटाकर केवल 9 घंटे कर देगा। इससे न केवल यात्रियों को सुविधा होगी, बल्कि यह व्यापार के लिए भी एक महत्वपूर्ण कड़ी बनेगा। गोरखपुर के गीडा में लगे उद्योगों के लिए यह एक्सप्रेसवे एक सीधा रास्ता बनेगा, जिससे माल को बिहार, बंगाल और असम जैसे राज्यों तक आसानी से पहुंचाया जा सकेगा।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।