क्या आपके पशु का लगातार दूध कम हो रहा है | जाने इसके क्या हैं बड़े 10 कारण
किसान भाइयों, कृषि क्षेत्र में खेती के साथ-साथ पशुपालन भी किसानों के लिए काफी लाभदायक होता है। किसान भाई पशुपालन से न सिर्फ अपने परिवार का भरण-पोषण और खाद्य पदार्थों की आपूर्ति करते हैं, बल्कि पशुपालन से अच्छी खासी आय भी प्राप्त करते हैं। पशुपालन में किसान भाई ज्यादातर दुधारू पशुओं को पालना पसंद करते हैं, जिससे वे आमदनी के साथ-साथ अपने परिवार की जरूरत को भी पूरा कर सकते हैं। लेकिन कई बार दुधारू पशुओं में कई प्रकार की समस्याएँ आ जाती हैं। इनमें एक समस्या यह भी है कि अचानक से पशु दूध की मात्रा कम कर देता है। दुधारू पशुओं के दूध उत्पादन में अचानक कमी होना एक आम समस्या है, जिसके सामान्य तौर पर कई कारण हो सकते हैं। आज की रिपोर्ट में हम चर्चा करेंगे कि वह कौन-कौन से कारण हैं, जिनकी वजह से आपका पशु अचानक दूध उत्पादन में कमी कर देता है। आज हम ऐसे ही 10 कारणों के बारे में चर्चा करेंगे, जो आपके पशु के दूध उत्पादन में कमी का कारण हो सकते हैं। साथ ही, हम यह भी जानने की कोशिश करेंगे कि दूध उत्पादन में कमी के इन कारणों का समाधान कैसे किया जा सकता है, ताकि किसान भाई सही समय पर अपने पशुओं की सही देखभाल कर सकें। तो आइए इन सब बातों को विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं इस रिपोर्ट के द्वारा।
दूध उत्पादन में कमी के कारण:
1. टॉक्सिन्स (विषाक्त पदार्थ)
किसान भाइयों, टॉक्सिन्स विभिन्न प्रकार के फंगस (फफूंद) द्वारा उत्पन्न होते हैं, जो कि हमारे पशुओं के शरीर में पहुँचते हैं और उनके दूध उत्पादन को प्रभावित करते हैं। ये फंगस ज्यादातर नमी युक्त आहार या नमी वाले भूसे को भंडारण के दौरान उत्पन्न होते हैं। विशेष रूप से मक्का या भूसे के नमी वाले स्टोरेज में यह समस्या आम होती है। इसलिए इस बात का विशेष ध्यान रखें कि जब भी हम भूसे का भंडारण करें, तो भूसे को पहले अच्छी तरह सुखा लें। भूसे का भंडारण करने से पहले यह भी सुनिश्चित करें कि आपके भंडारण वाले स्थान में नमी न हो। यह तरीका आपके पशुओं के दूध उत्पादन को बढ़ाने में अत्यंत लाभकारी है।
2. संक्रमण (इन्फेक्शन)
किसान भाइयों, यह भी ध्यान रखना आवश्यक है कि कहीं आपका पशु संक्रमण से प्रभावित तो नहीं है। संक्रमण कई प्रकार के होते हैं। यह पशुओं में बैक्टीरिया, वायरस, फंगस और माइकोप्लाज्मा जैसे सूक्ष्मजीवों से फैल सकता है। अक्सर पशुओं में संक्रमण का पता तब चलता है जब उनका शरीर तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है। थर्मामीटर से तापमान जाँचते रहना चाहिए, क्योंकि 103°F से अधिक तापमान संक्रमण का संकेत हो सकता है, और इसका तुरंत इलाज आवश्यक है। अपने पशु को संक्रमण से बचाने के लिए महीने में दो बार प्रशिक्षित पशु चिकित्सक से नॉर्मल चेकअप अवश्य करवाएँ, जिससे दूध उत्पादन में कमी से बचा जा सके।
3. मैस्टाइटिस (थनैला)
किसान भाइयों, थनैला या मैस्टाइटिस पशुओं के थनों में होने वाली सूजन को कहते हैं। अगर आपके पशु के थनों में सूजन आई हुई है, तो पशु के दूध उत्पादन में कमी आ सकती है। थनैला एक सामान्य बीमारी है, जो क्लिनिकल और सबक्लिनिकल रूपों में हो सकती है। इसका उपचार सही समय पर न किया जाए, तो दूध उत्पादन धीरे-धीरे कम हो जाता है। पशु चिकित्सक द्वारा जाँच और उचित देखभाल से इस समस्या को रोका जा सकता है।
4. गांठ या ट्यूमर
किसान भाइयों, पशुओं के शरीर में कहीं भी गांठ का होना संक्रमण का संकेत हो सकता है। यदि समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो यह पस बनकर दूध उत्पादन को प्रभावित कर सकता है। विशेषकर जबड़े या कान के नीचे गांठ होना एक सामान्य संकेत हो सकता है। पशु के शरीर पर गांठ होना, दूध उत्पादन में कमी का कारण बन सकता है। पशुओं की नियमित जाँच और उपचार से इस समस्या को खत्म किया जा सकता है।
5. संतुलित आहार की कमी
किसान साथियों, अगर आप चाहते हैं कि आपका पशु दूध उत्पादन में कमी न करे और उसकी दूध की मात्रा घटने की बजाय बढ़े, तो अपने पशुओं को संतुलित आहार खिलाएँ। संतुलित आहार में हरा चारा, सूखा चारा, और आवश्यक खनिज और विटामिन शामिल होते हैं। यदि आप अपने पशुओं को अधिक मात्रा में कोई एक तत्व, जैसे कि अनाज या खली, दे रहे हैं, तो इससे उनके पाचन तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। अधिक आहार से रूमिनल एसिडोसिस जैसी समस्याएँ हो सकती हैं, जिससे दूध की मात्रा कम हो जाती है। इसलिए संतुलित आहार का चयन करना जरूरी है। इसके लिए आप पशु विशेषज्ञों से सलाह भी ले सकते हैं।
6. तेल या घी की मात्रा
कई बार हमारे किसान भाई दूध उत्पादन को बढ़ाने के लिए पशुओं को तेल या घी दे देते हैं। तेल या घी पिलाने से शुरुआती कुछ महीनों में दूध उत्पादन बढ़ सकता है, लेकिन यदि लगातार तेल दिया जाए, तो यह पाचन क्रिया को बिगाड़ सकता है और दूध की मात्रा कम हो सकती है। इसलिए तेल का उपयोग सीमित मात्रा में और सही सलाह के साथ करें।
7. पानी की पूर्ति
दुधारू पशुओं के लिए पानी की सही पूर्ति बहुत ही आवश्यक होती है। पानी शरीर के हर क्रियाकलाप के लिए महत्वपूर्ण है और इसका सीधा प्रभाव दूध उत्पादन पर पड़ता है। अगर पशुओं को ठंडा और स्वच्छ पानी नहीं मिलेगा, तो उनका पानी पीने का रुझान कम हो जाएगा, जिससे दूध की मात्रा घट सकती है। अगर आपको पशुओं में दूध उत्पादन की मात्रा को बनाए रखना है या बढ़ाना है, तो गर्मियों में ठंडे पानी की व्यवस्था करना बहुत जरूरी है।
8. आहार की गुणवत्ता
कई बार हम अपने पशुओं को बिना जाँच किए बाजार से फीड या खल लाकर खिला देते हैं, जो आपके दुधारू पशु के दूध उत्पादन में कमी का कारण बन सकती है। बाजार में उपलब्ध फीड में कभी-कभी निम्न गुणवत्ता की सामग्री मिलाई जाती है, जो कुछ समय के लिए दूध उत्पादन को बढ़ा सकती है, लेकिन लंबे समय में पशुओं के स्वास्थ्य और उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। इसलिए, हमेशा उच्च गुणवत्ता वाली फीड का चयन करें और नियमित रूप से इसकी जाँच करें।
9. विटामिन की कमी
दुधारू पशुओं को विटामिन और खनिज लवणों की अधिक आवश्यकता होती है। यदि इनके किसी तत्व की कमी हो जाती है, तो इसका सीधा असर दूध उत्पादन पर पड़ता है। इसलिए नियमित रूप से मिनरल मिक्सचर देना चाहिए, जिससे पशुओं को सभी आवश्यक तत्व मिल सकें।
10. पेट के कीड़े
कई बार असीमित मात्रा में आहार देने से पशुओं के पेट में कीड़े उत्पन्न हो जाते हैं, जो दूध उत्पादन को प्रभावित करते हैं। इसके लिए समय-समय पर डिवर्मिंग (पेट के कीड़ों का इलाज) करना जरूरी है। हर तीन-चार महीने पर पशु चिकित्सक की सलाह अनुसार, पेट के कीड़ों की दवाओं का उपयोग कर कीड़ों को खत्म करना चाहिए, ताकि पशु स्वस्थ रहें और दूध की मात्रा स्थिर बनी रहे।
निष्कर्ष:
गाय-भैंस के दूध कम होने के इन कारणों को समझकर और सही समय पर उपाय करके पशुपालक अपने पशुओं के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। यदि आप अपने पशु की नियमित देखभाल करते हैं और पशु को संतुलित आहार, स्वच्छ पानी, और सही उपचार प्रदान करते हैं, तो आप अवश्य ही अपने पशु में दूध की मात्रा बढ़ा सकते हैं।
नोट: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठी की गई है। पशुओं से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए आप पशु चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।