Movie prime

दिसम्बर में कैसा रहेगा आलू और प्याज के बाजार | जाने इस रिपोर्ट में

जाने इस रिपोर्ट में
WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now
आलू और प्याज भारतीय रसोई का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इन्हे सब्जियों में विशेष स्थान प्राप्त है। लेकिन, हाल के वर्षों में मौसम की प्रतिकूलताओं और किसानों के अन्य फसलों की ओर रुझान के कारण आलू और प्याज की खेती का रकबा और उत्पादन लगातार घटता जा रहा है। कृषि विभाग के अनुसार, इस वर्ष रबी सीजन में आलू की फसल के बजाय अधिक किसान गेहूं की बुवाई कर रहे हैं। मौसम संबंधी समस्याएं आलू की पैदावार पर बुरा प्रभाव डाल रही हैं। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि गर्मियों में अत्यधिक तापमान और सर्दियों की देर से शुरुआत के कारण आलू की पैदावार में 30% तक की कमी हुई है। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में इस वर्ष उत्पादन में भारी गिरावट दिखने को मिली है। ऊना में करीब 1200 हेक्टेयर क्षेत्र में आलू की खेती होती है, जहां हर साल लगभग 20,000-25,000 टन आलू का उत्पादन होता है। 

बाजार में आलू के मौजूदा भाव सामान्यतः ₹3000 से ₹3700 प्रति क्विंटल के बीच चल रहे हैं। इंदौर मंडी में चिप्स के लिए उपयोग किए जाने वाले आलू ₹4000-₹4500 प्रति क्विंटल बिक रहे हैं, जबकि ज्योति और गुल्ला किस्में ₹2600-₹3500 प्रति क्विंटल तक मिल रही हैं। नई फसल की आवक के बावजूद आलू के दाम में गिरावट देखने को नहीं मिली है। विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले महीनों में आलू के भाव में बढ़ोतरी हो सकती है |  फरवरी 2025 से आलू के भाव बढ़ सकते है  और मार्च 2025 तक ये ₹4000 प्रति क्विंटल के आसपास हो सकते हैं। प्याज की बढ़ी हुई कीमतों के बाद अब आलू की महंगाई भी आम जनता पर बोझ डाल सकती है।

प्याज की कीमतों में उतार-चढ़ाव

कभी प्याज की कीमतें इतनी बढ़ जाती हैं कि आम लोग इसे खरीदने से कतराते हैं। ऐसे में सरकार का यह कदम बहुत ही महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। हालांकि, प्याज की कीमतों में उतार-चढ़ाव मौसम, उत्पादन और आपूर्ति पर निर्भर करता है। जब उत्पादन कम होता है, तो बाजार में कमी आ जाती है और कीमतें बढ़ जाती हैं, वहीं जब उत्पादन अधिक होता है, तो दाम कम हो जाते हैं। इस बार प्याज की उत्पादन में गिरावट के कारण कीमतें बढ़ी थीं, लेकिन अब सरकार ने बड़े पैमाने पर प्याज की खरीदारी की है और उन्हें सस्ते दरों पर वितरित करने का निर्णय लिया है, जिससे कीमतों को स्थिर करने में मदद मिल सकती है।

प्याज को लेकर सरकार का बड़ा कदम

दोस्तों हाल ही में, प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ मिल सके। सर्दियों के मौसम में जब प्याज की आपूर्ति कम होती है, तो इसके दाम अचानक बढ़ जाते हैं, इस कारण सरकार ने इस समस्या का समाधान करने के लिए 35 रुपए प्रति किलो की दर पर प्याज की बिक्री शुरू की है। इस निर्णय का उद्देश्य लोगों को सस्ते दामों में प्याज मुहैया कराना है,  कृषि मंत्री और सरकार के अन्य अधिकारियों ने बताया कि 35 रुपये किलो वाली प्याज की योजना से खासतौर पर उन इलाकों को राहत मिलेगी, जहां प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं। सरकार ने यह कदम तब उठाया जब प्याज के दाम बढ़ने से आम आदमी और खासकर, मध्यमवर्गीय परिवारों को समस्या का सामना करना पड़ रहा था। सस्ते प्याज की उपलब्धता न केवल उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद होगी, बल्कि यह किसानों को भी मदद करेगी क्योंकि सरकारी योजना के तहत किसानों से प्याज खरीदी जाएगी और बाद में बाजार में सस्ते दामों पर बेचा जाएगा।

इस कदम से हर साल सर्दियों में होने वाली प्याज की महंगाई को रोकने का प्रयास किया जा रहा है। सरकारी एजेंसियां और स्थानीय मंडियां इस योजना के तहत प्याज की आपूर्ति सुनिश्चित करेंगी, ताकि कोई भी क्षेत्र प्याज की कमी से प्रभावित न हो। इस सस्ते प्याज योजना का लाभ कई राज्यों और शहरों के लोग उठा सकेंगे। वाराणसी, सोनभद्र, और मिर्जापुर जैसे शहरों में प्याज 35 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिल रहे हैं। सरकार ने इन क्षेत्रों को पहले प्राथमिकता दी है क्योंकि यहां प्याज की कीमतें बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थीं और स्थानीय लोग परेशान थे। बिहार को भी इस योजना में शामिल किया गया है, जहां प्याज की कीमतों में उछाल से आम लोगों के लिए खाद्य सामग्रियों की उपलब्धता मुश्किल हो गई थी। अब, बिहार में भी सरकार ने सस्ते दामों पर प्याज उपलब्ध कराए हैं, ताकि वहां के लोग भी राहत महसूस कर सकें।