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MSP पर धान खरीद की राह में एक और रोड़ा | अब आढ़ती उठान की गारन्टी की कर रहे मांग

MSP पर धान खरीद की राह में एक और रोड़ा | अब आढ़ती उठान की गारन्टी की कर रहे मांग
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किसानों द्वारा हाईवे जाम करने की चेतावनी के बाद सरकार ने आखिरकार धान की खरीद का आदेश जारी कर दिया। इस आदेश के बाद खरीद एजेंसियों के अधिकारी खेतों में सक्रिय हो गए, लेकिन आढ़तियों के विरोध के कारण उनकी मेहनत बेकार गई। अनाज मंडी एसोसिएशन के नेतृत्व में आढ़तियों ने एक बैठक आयोजित की और धान की फसल की भराई न करने का निर्णय लिया। आढ़तियों का कहना है कि सरकार के पास धान को स्टोर करने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। इस तरह, किसानों की फसल खरीदने के सरकार के फैसले के बावजूद, आढ़तियों के विरोध के कारण किसानों को अपनी उपज बेचने में मुश्किलें आ रही हैं। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

सरकार द्वारा राइस मिलर्स के साथ किसी भी प्रकार का समझौता न होने के कारण, सरकार द्वारा 48 घंटे के अंदर मंडियों से अनाज उठाने की कोई व्यवस्था नजर नहीं आ रही है। आढ़तियों का कहना है कि सामान्यतया, सरकार को खरीद के 48 घंटे के अंदर अनाज उठा लेना होता है और किसानों को 72 घंटे के अंदर भुगतान करना होता है। आढ़ती 72 घंटे के अंदर माल उठाने की गारंटी के साथ ही भराई करने को तैयार हैं। लेकिन वर्तमान स्थिति में, सरकार के पास अनाज उठाने की कोई ठोस योजना नहीं दिख रही है। इस मुद्दे पर अशोक कुमार, यशपाल सिंगला, मोहन लाल, पवन गौतम, गौरव सेठी, दीपक सिंघल, प्रवीण गर्ग, त्रिलोक सिंगला, प्रवीण गाबा, गुरचरण सिंगला, कर्ण गुप्ता, बॉबी गुप्ता, गुरमीत अटारी, संजय गुप्ता, बलबीर खुराना, रघुवीर चंद, सुखमीत हांडा, संजय मदान, रघुनाथ छाबड़ा व मनीष शर्मा जनधेड़ी सहित अनाज मंडी के सभी आढ़ती उपस्थित थे और उन्होंने इस समस्या को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की।

मार्कीट कमेटी सचिव का क्या कहना है 
मार्केट कमेटी के सचिव कृष्ण कुमार मलिक ने धान की सरकारी खरीद और उठान की प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि किसानों द्वारा बेचे गए धान को 72 घंटों के भीतर मंडी से उठा लेने के लिए विभिन्न पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श किया जा रहा है। इस संबंध में ट्रांसपोर्ट ठेकेदारों से बातचीत की जा रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसानों को अपनी उपज बेचने के बाद लंबा इंतजार न करना पड़े। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के निरीक्षक कुलदीप सिंह ने बताया कि वर्तमान में मंडी में धान की आवक बहुत अधिक नहीं है। हालांकि, खरीद प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही ट्रांसपोर्ट ठेकेदारों से गाड़ियों की संख्या बढ़ाने का अनुरोध किया जाएगा ताकि मंडी में धान का जमाव न हो और किसानों को अपनी उपज का उचित मूल्य समय पर मिल सके। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

3 महीने में मंडी होगी क्लियर  
अनाज मंडी एसोसिएशन के अध्यक्ष स्वर्णजीत सिंह बिट्टू कालड़ा ने एक गंभीर मुद्दे की ओर ध्यान दिलाया है। उनके अनुसार, मंडी में धान की आवक इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में काफी अधिक होने की संभावना है। पिछले साल जहां 40 लाख कट्टे धान की आवक हुई थी, वहीं इस बार यह आंकड़ा 48 लाख कट्टे तक पहुंचने की उम्मीद है। समस्या यह है कि ट्रांसपोर्ट ठेकेदारों के पास पर्याप्त गाड़ियों का अभाव है। एक बैठक में यह पता चला कि मौजूदा ठेकेदार के पास केवल 40 गाड़ियाँ हैं और वह प्रतिदिन अधिकतम 40 हजार कट्टे धान का ही उठान कर सकता है। इस हिसाब से, मंडी में आने वाले धान को खाली कराने में तीन महीने से अधिक का समय लग सकता है। बिट्टू कालड़ा ने यह भी स्पष्ट किया कि आढ़ती 72 घंटे तक माल भराई की जिम्मेदारी ले सकते हैं, लेकिन इसके बाद अगर माल में कोई कमी या खराबी आती है तो उसकी जिम्मेदारी आढ़ती पर नहीं होगी। यह स्थिति किसानों और व्यापारियों दोनों के लिए चिंता का विषय है। यदि धान समय पर नहीं उठाया गया तो किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है और बाजार में भी कीमतें प्रभावित हो सकती हैं। इस समस्या के समाधान के लिए प्रशासन को तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है।

मंडियों में धान आ रहा अधिक नमी वाला 
अनाज मंडी कच्चा आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान धनपत राय अग्रवाल ने बताया कि सरकार द्वारा धान की फसल में नमी की अधिकतम सीमा 17 प्रतिशत निर्धारित की गई है। लेकिन वर्तमान में किसान मंडी में 20 से 25 प्रतिशत तक नमी वाले धान ला रहे हैं। लगातार खराब मौसम के कारण फसल को पूरी तरह सुखाने में किसानों को मुश्किल हो रही है। यदि सरकार द्वारा समय पर धान की खरीद और उठान की व्यवस्था नहीं की जाती है तो अधिक नमी वाले धान के कारण फसल खराब होने का खतरा बढ़ जाता है और इसका नुकसान सीधे आढ़तियों को उठाना पड़ता है। धनपत राय अग्रवाल ने सरकार से आग्रह किया है कि वह धान की खरीद से पहले उठान की एक सुचारू और पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करे ताकि किसानों और आढ़तियों दोनों को किसी प्रकार का नुकसान न हो।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।

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