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चावल के बाजार में क्या हो रही है हलचल | देखें इस रिपोर्ट में

चावल के बाजार में क्या हो रही है हलचल | देखें इस रिपोर्ट में
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किसान साथियो देश में धान का उत्पादन इस वर्ष काफी बढ़ा है। लेकिन घरेलू बाजार में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी मांग कम होने के कारण धान और बासमती चावल दोनों के दामों में गिरावट आई है। विशेष रूप से, सभी तरह के बासमती चावल, जैसे 1509 और 1401, इस मंदी से प्रभावित हुए हैं। यूपी, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार जैसे प्रमुख धान उत्पादक राज्यों में इस साल धान की पैदावार पिछले साल की तुलना में 22-23% अधिक होने का अनुमान है। अधिक उत्पादन होने के कारण बाजार में धान की अधिकता हो गई है, जिससे कीमतें गिर रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल धान और बासमती चावल में आई मंदी अप्रत्याशित है और यह उत्पादन में वृद्धि से कहीं अधिक गंभीर है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय चावल की कीमतें कम होने के कारण, भविष्य में निर्यात बढ़ने की संभावना है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ रही है चावल की डिमांड
चावल बाजार में इन दिनों उतार-चढ़ाव का दौर चल रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मौसमी मंदी है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय चावल अन्य देशों के मुकाबले सस्ता होने के कारण कई देशों से मांग बढ़ रही है। हालांकि, भारतीय निर्यातक अंतरराष्ट्रीय बाजार में माल भेजने से हिचकिचा रहे हैं। इस कारण, राइस मिलें घबराहट में चावल सस्ते दामों पर बेचने को मजबूर हो रही हैं। वर्तमान में, 1509 सेला चावल की कीमतें उत्तर प्रदेश में 5400-5450 रुपये प्रति कुंतल और हरियाणा-पंजाब में 5500-5600 रुपये प्रति कुंतल तक आ गई हैं। इसी तरह, 1718 सेला चावल भी 200-250 रुपये प्रति कुंतल सस्ता होकर 6000-6050 रुपये प्रति कुंतल पर बिक रहा है। शरबती धान की कीमतें भी काफी गिर गई हैं। पहले जहां यह 2300-2350 रुपये प्रति कुंतल बिक रहा था, वहीं अब यह 2000-2050 रुपये प्रति कुंतल पर आ गया है। इसके कारण शरबती चावल की कीमतें भी कम हुई हैं और यह अब 4300-4400 रुपये (सी) और 4800-4900 रुपये (स्टीम) प्रति कुंतल पर बिक रहा है।

मोटे चावल में भी आई गिरावट
मोटे चावल के दामों में देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग रुझान देखने को मिल रहे हैं। हरियाणा, पंजाब और दिल्ली जैसी मंडियों में मोटे चावल, विशेषकर परमल आईआर-8, के दामों में 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है। इसका मुख्य कारण धान की मिलिंग के बाद चावल की अधिक उपलब्धता है। हालांकि, बंगाल में मोटे चावल के दामों में वृद्धि हुई है। इसका कारण यह है कि बंगाल के निर्यातक वर्तमान में बड़े पैमाने पर चावल खरीद रहे हैं। इस प्रकार, एक ही फसल के दाम अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग कारणों से बढ़ या घट रहे हैं।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।