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गैर बासमती चावल का स्टॉक ने तोड़ा 20 सालों का रिकॉर्ड | जाने चावल के बाजार से क्या मिल रही है रिपोर्ट

गैर बासमती चावल का स्टॉक ने तोड़ा 20 सालों का रिकॉर्ड | जाने चावल के बाजार से क्या मिल रही है रिपोर्ट
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किसान साथियो देश में चावल का भंडार लगातार बढ़ रहा है और अब यह 3 करोड़ टन के पार पहुंच गया है। सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, पिछले साल चावल के निर्यात पर रोक लगाए जाने के कारण यह भंडार लगातार बढ़ रहा है। अक्टूबर महीने में यह भंडार 3.11 करोड़ टन के स्तर पर पहुंच गया है जो पिछले 20 वर्षों में सबसे अधिक है। इसी महीने शुरू हुए विपणन सीजन में सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर लगभग 4.85 करोड़ टन धान की खरीद का अनुमान है। इससे पहले से ही भरे हुए सरकारी गोदामों पर और दबाव बढ़ने की संभावना है। भारत विश्व में चावल का सबसे बड़ा निर्यातक देश है, लेकिन निर्यात पर रोक लगने से यह भंडार लगातार बढ़ रहा है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

धान के उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद
देश में धान की कटाई का मौसम शुरू हो चुका है। इस वर्ष मानसून सीजन में अच्छी बारिश होने के कारण किसानों ने धान की रोपाई का रकबा बढ़ाया है। जिसके चलते धान का उत्पादन इस वर्ष बढ़ने की उम्मीद है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य कार्यक्रम चलाता है, जिसमें 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त अनाज दिया जाता है। इस कार्यक्रम के लिए सरकार को बड़ी मात्रा में चावल की आवश्यकता होती है। खाद्य निगम (FCI) के अनुसार, अक्टूबर महीने में सरकार के गोदामों में चावल का स्टॉक पिछले साल की तुलना में काफी अधिक है। यह स्टॉक देश के खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम को पूरा करने के लिए पर्याप्त माना जा रहा है।

भारत ने गैर-बासमती चावल के निर्यात को दी मंजूरी
भारत सरकार ने हाल ही में गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है। इस निर्णय से अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय चावल की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पाकिस्तान, थाईलैंड और वियतनाम जैसे अन्य प्रमुख चावल निर्यातक देशों को अब अपनी चावल की निर्यात क्षमता को कम करना पड़ रहा है। भारत ने न केवल गैर-बासमती चावल के निर्यात को अनुमति दी है, बल्कि प्रीमियम, सुगंधित और पारबॉयल्ड चावल के निर्यात पर लगी रोक को हटाने के लिए भी कई कदम उठाए हैं। हालांकि, सरकार ने अभी तक 100 प्रतिशत टुकड़ा चावल के निर्यात को पूरी तरह से अनुमति नहीं दी है। देश में चावल के भंडारण को नियंत्रित करने के प्रयासों के तहत, सरकार ने पिछले अगस्त महीने में डिस्टिलरीज को एफसीआई से 23 लाख टन चावल खरीदने की अनुमति दी थी। बाकि व्यापार अपने विवेक से करे

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।