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विदेशों से मिल रहे अच्छे संकेत, धान में जल्दी रुकेगी गिरावट - धान की तेजी मंदी रिपोर्ट

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विदेशों से मिल रहे अच्छे संकेत क्या धान में जल्दी रुकेगी गिरावट - धान की तेजी मंदी रिपोर्ट

किसान साथियो बासमती धान का सीजन आमतौर पर सितंबर से नवंबर तक चलता है। नवंबर महीना खत्म होते होते धान की आवक ढीली पड़ने लग जाती है। हर सीज़न में भाव की तेजी मंदी का एक ट्रेंड रहता है। मंडी भाव टुडे पर हम पिछले 4 सीज़न से इस ट्रेंड का विश्लेषण कर रहे हैं। इस रिपोर्ट में हम विश्लेषण करके यह जानने की कोशिश करेंगे कि इस बार आने वाले समय में धान भाव ट्रेंड के हिसाब से कितनी तेजी या मन्दी बन सकती है। WhatsApp पर भाव पाने के लिए ग्रुप join करे

क्या है माहौल
किसान साथियो जैसा कि आप सबको पता है कि पिछला स्टॉक ना होने के कारण इस बार बासमती धान और चावल का बाजार शुरू से ही काफी तेज बना हुआ है। जब नयी फ़सल आयी थी तो 1509 धान के भाव भी 4300 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक गए थे। जबकि सीज़न की शुरुआत में 1509 की अधिक आवक होने के कारण 1121 और 1718 के भाव कम खुले थे। हालांकि धान की बढ़ती डिमांड के कारण जल्दी ही 1121 के भाव 4450 के लेवल को भी पार कर गए। लेकिन उसके बाद आवक का प्रेशर बढ़ने के कारण  गिरावट शुरू हो गई और आज धान के भाव 4000 से 4100 से रेंज में घूम रहे हैं। अब आगे की दिशा दशा को लेकर किसानों के मन में संशय बना हुआ है। मंडियां हुई फुल, धान का भाव 200 रुपये तक लुढ़का - देखें आज की तेजी मंदी रिपोर्ट

किसान साथियो आज वह दिन है जब धान की आवक अपनी चरम सीमा पर है। मंडियां धान के ढेरों से खचाखच भरी हुई हैं। आवक इतनी जबरदस्त है कि धान का उठाव ना होने के कारण कुछ मंडियों में छुट्टी तक करने की नौबत आ चुकी है। किसान साथियो आप खुद सोचिए जब बाजार में इतनी ज्यादा सप्लाई है तो क्या भाव ठहर पाएंगे। यही बड़ी वज़ह है कि भाव अपनी चरम सीमा से 400 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर चुके हैं। इसके साथ ही दूसरा बड़ा सवाल यह भी उठता है कि क्या यह आवक ज्यादा दिन टिक पाएगी? जवाब है नहीं। जैसा कि हमने बताया कि नवंबर के खत्म होते होते धान की आवक ढीली पड़ने लग जाती है। ऐसे में भाव में तेजी लौटने की प्रबल संभावना बनती है।

उत्पादन और निर्यात की अपडेट
रही बात निर्यात की तो भारत हर साल लगभग 40-45 लाख टन बासमती चावल निर्यात करता है और इस साल यह करीब 5 लाख टन तक बढ़ सकता है। धान का कुल उत्पादन पिछले साल की 23 करोड़ बोरी के मुकाबले इस साल 27 करोड़ बोरी तक हो सकता है। हालांकि कुछ दिन और आवक का प्रेशर बना रहने की उम्मीद है। दूसरे पहलू को देखें तो इस साल पाकिस्तान से होने में से 7-8 लाख टन चावल निर्यात का भार केवल भारत पर ही रहने की उम्मीद है क्योंकि वहां बाढ़ से फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है। ये भी पढे :- देखें आज के सरसों के लाइव रेट Sarso Live Rate Today 04 Nov 2022

ताजा मार्केट अपडेट
ताजा भाव की बात करें तो शुक्रवार को मदलोडा मंडी में 1121 का टॉप भाव 4250, अमृतसर में 4191 और गोहाना मंडी में 4091 रुपये प्रति क्विंटल के टोप भाव देखने को मिले हैं। ज्यादातर मंडियों मे धान के टोप भाव 4100 के उपर बने हुए हैं। अन्य मंडियों के ताजा भाव के लिए यहाँ क्लिक करें

कुछ किसानों ने धान में और तेजी की उम्मीद से माल को रोक भी लिया है। जबरदस्त आवक के बावजूद व्यापारी हर भाव में खरीदी कर रहे हैं। बासमती 1509 की फसल पिछले साल से अधिक होने के बावजूद लगभग 70 प्रतिशत खप चुकी है। अब तक इस का भाव 3500-3600 रुपये प्रति क्विंटल तक बना हुआ है। 1509 का उत्पादन 7 करोड़ बोरी से अधिक होने का अनुमान है लेकिन अब मंडियों में 1509 की आवक नहीं के बराबर है। पिछला स्टॉक नहीं होने से इसकी खरीदी जमकर हुई है। ये भी पढे :- 1121 धान के भाव में आज भारी गिरावट जाने क्यों देखे आजा के धान के ताजा मंडी भाव 04 नवम्बर 2022

चावल के भाव
ओवर ऑल पिक्चर को देखें तो इन स्थितियों में धान या चावल में ज्यादा गिरावट नहीं आएगी और सीजन समाप्त होने के बाद तेजी बढ़ सकती है। निर्यात मांग में कोई कमी आने की बजाए बढ़ने की उम्मीद बनी हुई है। इसलिए यदि आने वाले दिनों में आवक बढ़ने से कुछ भाव कमजोर हो सकता है लेकिन लंबी अवधि में फिर ऊंचा होने की संभावना है चावल के भाव की बात करें तो बासमती स्टीम 1121 फिलहाल 81-82 बोला जा रहा है लेकिन यह एक डेढ़ माह बाद 90 तक पहुंच सकता है अन्य वैरायटियों के भाव जो कि अभी 1121 से काफी नीचे चल रहे हैं उनमें भी आगे चलकर उछाल आ सकता है। फिलहाल नया 1718 और 1509 स्टीम के भाव 7300 से 7400 रुपये प्रति क्विंटल की रेंज में चल रहे हैं। जबकि 1401 में 7500 के उपर के भाव बने हुए हैं।

रोके या बेचे
किसान साथियो धान का भाव बहुत ही संवेदनशील है। यह विदेशी घटनाओं से बहुत प्रभावित होता है। आज के भाव को देखें तो 1121 में 4000-4100 रुपये प्रति क्विंटल के टोप भाव बने हुए हैं। चूंकि निर्यात डिमांड अच्छी है इसलिए मंडी भाव टुडे का मानना है कि जब तक 3900-4000 के उपर के भाव मिल रहे हैं किसान अपना माल निकाल सकते हैं। इसके विपरीत नीचे के भाव में माल को रोका भी जा सकता है। हालांकि इसमें किसान साथियो को रिस्क उठाना पड़ सकता है।