बांग्लादेश एक बार फिर खरीदेगा 50,000 टन गैर-बासमती चावल | जाने क्या है नियम इस रिपोर्ट में
बांग्लादेश की सरकारी अनाज खरीद एजेंसी ने एक बार फिर 50,000 टन गैर-बासमती सेला चावल के आयात के लिए टेंडर जारी किया है। इस टेंडर में, इच्छुक आपूर्तिकर्ता 19 मार्च 2025 तक अपनी कीमतों के प्रस्ताव जमा कर सकते हैं। यह टेंडर बांग्लादेश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय बाजार से बड़ी मात्रा में चावल खरीदने के लिए नियमित रूप से टेंडर जारी कर रहा है। पिछले वर्ष अगस्त और अक्टूबर के दौरान देश के कई हिस्सों में आई भयंकर बाढ़ के कारण करीब 11 लाख टन चावल के बराबर धान की फसल नष्ट हो गई थी। चावल के उत्पादन में गिरावट की खबर फैलते ही घरेलू बाजार में इसके दाम तेजी से बढ़ गए। इस मूल्य वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए सरकार को चावल का आयात बढ़ाने की आवश्यकता पड़ रही है।
अब प्राइवेट व्यापारियों को भी चावल मंगाने की अनुमति दे दी गई है। इससे पहले, केवल सरकारी एजेंसियों को ही चावल आयात करने का अधिकार था। नए निविदा में, व्यापारियों को सीआईएफ लाइनर आउट के आधार पर मूल्य प्रस्ताव जमा करने के लिए कहा गया है। इसका मतलब है कि उन्हें बांग्लादेश के चटगांव और मोंगला बंदरगाहों पर चावल पहुंचाने और उसे उतारने की लागत भी शामिल करनी होगी। निविदा शर्तों के अनुसार, चावल दुनिया के किसी भी देश से मंगाया जा सकता है, और अनुबंध दिए जाने के 40 दिनों के भीतर इसे भेज दिया जाना चाहिए। इस बदलाव से चावल के बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ने और कीमतों में कमी आने की संभावना है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
बांग्लादेश में चावल के आयात के लिए जारी किए गए टेंडरों में भारतीय चावल को सबसे अधिक सफलता मिली है। हालांकि, हाल ही में बांग्लादेश ने वियतनाम से एक लाख टन और पाकिस्तान से 50 हजार टन चावल के आयात का अनुबंध किया है, और म्यांमार से भी चावल खरीदने के लिए बातचीत चल रही है। इसके बावजूद, राजनीतिक तनाव के बावजूद, भारतीय चावल के आयात पर बांग्लादेश की निर्भरता लगातार बढ़ती जा रही है। इसका मतलब है कि बांग्लादेश में चावल की जरूरतों को पूरा करने में भारत एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, और भारतीय चावल की गुणवत्ता और उपलब्धता बांग्लादेश के लिए एक विश्वसनीय विकल्प बना हुआ है।
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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।