Movie prime

सरकारी खरीद में तेजी | प्राइवेट में MSP के उपर बिक रहा गेहूं | भाव बढ़े तो अंकुश लगा सकती है सरकार

सरकारी खरीद में तेजी | प्राइवेट में MSP के उपर बिक रहा गेहूं | भाव बढ़े तो अंकुश लगा सकती है सरकार
WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

किसान साथियो हमने अपनी पिछली रिपोर्ट में भी बताया था कि शुरुआती सुस्ती के बाद इस सप्ताह से गेहूं की सरकारी खरीद ने रफ्तार पकड़ ली है। शुरुआती खरीद को देखकर ऐसा लग रहा था कि सरकार इस साल भी अपने गेहूं खरीद लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाएगी। लेकिन पिछले हफ्ते में हुई सरकारी खरीद के आंकड़े प्रभावित करने वाले हैं। सरकार ने अभी तक पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 25% तक अधिक गेहूं खरीदा है। आने वाले दिनों में इस प्रक्रिया में और तेजी आएगी क्योंकि सरकार ने 342 लाख टन गेहूं खरीद करने का लक्ष्य रखा है। आंकड़ों के अनुसार अभी तक करीब 188 लाख टन गेहूं खरीद हो चुकी है। जो कि पिछले साल समान अवधि में 171 लाख टन थी।

निराशा के माहौल में अब क्या करें सरसों के किसान। देखें आज की सरसों की तेजी मंदी रिपोर्ट

किसान साथियो सरकार के गेहूं खरीद के गुणवत्ता के मानकों में कुछ छूट दी है जिसके बाद गेहूं की खरीद में यह तेजी बनी है। देखने वाली बात यह भी है कि अच्छी क्वालिटी का गेहूं अभी भी अच्छे रेट में प्राइवेट खरीददारों द्वारा लिया जा रहा है। मंडी भाव टुडे की टीम ने कल रोहतक मंडी का दौरा किया था जिसके दौरान हमने देखा कि अच्छी क्वालिटी के गेहूं के भाव व्यापरियों द्वारा 2400 रुपये प्रति क्विंटल तक बोले जा रहे थे। ऐसे में संभावना है कि समृद्ध किसान अच्छी क्वालिटी के गेहूं को होल्ड कर सकते हैं।

आज का वायदा करोबार अपडेट 26 अप्रैल 2023 समय 09:00 AM

गेहूं के भाव की बात करें तो दिल्ली में लॉरेंस रोड़ पर गेहूं का रेट 2280 के आसपास चल रहा है। ऐसे समय में जब गेहूं की आवक जोरों पर भाव भाव का इस स्तर पर बना रहना यह संकेत दे रहा है कि जब गेहूं की आवक घटेगी तो भाव में और उछाल आ सकता है। पिछले साल कम उत्पादन होने के कारण देश में गेहूं की पाइप लाइन पूरी तरह खाली थी। नई फसल आने से ठीक पहले भाव 3200 रु प्रति क्विंटल तक पहुंच गए थे। जिसके कारण सरकार को 50 लाख टन गेहूं खुले बाजार में उतारना पड़ा था। जानकारों का मानना है कि चुनाव वर्ष होने के कारण सरकार हर हाल में गेहूं आटा की कीमतें नियंत्रण में रखना चाहेगी और इसलिए बड़ी तेजी नहीं आने देगी। हालांकि मंडी भाव टुडे का मानना है कि एक माह बाद आवक दबाव घटते ही एकबारगी कीमतों में वृद्धि हो सकती है और भाव 2500 रु तक जा सकते हैं लेकिन इस से अधिक तेजी हुई तो सरकार स्टाक लिमिट जैसी सख्ती दिखा सकती है। निर्यात पहले से ही बंद है। व्यापार अपने विवेक से ही करें।

About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट(Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।