भारत में बन रहे ये 10 एक्सप्रेस-वे | जानिए किन इलाकों की बदलेगी किस्मत
भारत में बन रहे ये 10 एक्सप्रेस-वे | जानिए किन इलाकों की बदलेगी किस्मत
साथियों, देश में भारतमाला परियोजना के तहत केंद्र सरकार के सहयोग से सड़क परिवहन का ढांचा तेजी से बदल रहा है और इसके साथ-साथ देशभर में नए एक्सप्रेसवे का निर्माण भी हो रहा है। इन एक्सप्रेसवे का उद्देश्य देश में परिवहन यात्रा को तेज, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाना है। इसलिए भारतमाला परियोजना के तहत विभिन्न राज्यों के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर करने के लिए कई एक्सप्रेसवे बन रहे हैं। ये एक्सप्रेसवे न केवल यात्रा के समय को कम करेंगे, बल्कि व्यापार और पर्यटन को भी नया आयाम देंगे। इस रिपोर्ट में हम 10 प्रमुख एक्सप्रेसवे के बारे में जानेंगे जो भारत के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने में मदद करेंगे। इन एक्सप्रेसवे के निर्माण से न केवल यात्री यात्रा में आसानी होगी, बल्कि देश की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। क्योंकि विभिन्न शहरों और राज्यों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ने से एक्सप्रेसवे के जरिए न केवल बड़े शहरों को जोड़ा जा रहा है, बल्कि छोटे शहरों और कस्बों तक भी अच्छी कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जा रही है। इसके अलावा इन एक्सप्रेसवे के निर्माण से व्यापार में वृद्धि होगी और लोगों के लिए रोजमर्रा की यात्रा और भी सरल हो जाएगी। तो आइए जानते हैं इन खास एक्सप्रेसवे के बारे में कि वे कौन-कौन से एक्सप्रेसवे हैं और उद्योगों और यात्रियों पर इन एक्सप्रेसवे का कितना प्रभाव पड़ेगा। तो चलिए इन एक्सप्रेसवे के बारे में विस्तार से समझने के लिए शुरू करते हैं यह रिपोर्ट।
कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे
दोस्तों, देश में बन रहे एक्सप्रेसवे में उत्तर प्रदेश में कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे की परियोजना ने क्षेत्रीय यात्रा को बहुत सरल और तेज बना दिया है। यह एक्सप्रेसवे 63 किलोमीटर लंबा होगा, जो कानपुर और लखनऊ के बीच यात्रा के समय को लगभग 60 मिनट तक सीमित कर देगा। पहले इन दोनों शहरों के बीच यात्रा करने में लगभग 2.5 से 3 घंटे लगते थे, लेकिन इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से समय में बहुत बड़ी कमी आएगी। इससे न केवल लोगों को यात्रा में आराम मिलेगा, बल्कि व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे की खासियत यह है कि यह दोनों बड़े शहरों के बीच एक सीधे रास्ते को उपलब्ध कराएगा, जिससे ट्रैफिक जाम और लंबी यात्रा का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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बेंगलुरू-चेन्नई एक्सप्रेसवे
दोस्तों, बेंगलुरू-चेन्नई एक्सप्रेसवे एक और महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे है जो 262 किलोमीटर लंबा होगा। इस मार्ग का मुख्य उद्देश्य कर्नाटका, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्य के प्रमुख शहरों को जोड़ना है। इस एक्सप्रेसवे के बनने से बेंगलुरू और चेन्नई के बीच यात्रा का समय लगभग 4 से 5 घंटे घटकर 2 घंटे तक सीमित हो जाएगा। यह व्यापारिक दृष्टि से भी काफी फायदेमंद होगा क्योंकि दोनों शहरों के बीच माल और सेवाओं की आवाजाही बहुत तेज हो जाएगी। साथ ही, इन राज्यों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ने से पर्यटन को भी एक नया आयाम मिलेगा।
इंदौर-हैदराबाद एक्सप्रेसवे
साथियों, इंदौर-हैदराबाद एक्सप्रेसवे का निर्माण मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना राज्यों से होकर गुजरने वाले 525 किलोमीटर लंबे मार्ग पर हो रहा है। यह एक्सप्रेसवे इंदौर और हैदराबाद के बीच यात्रा के समय को कम करेगा। पहले इन दोनों शहरों के बीच यात्रा में 10 से 12 घंटे का समय लगता था, लेकिन इस एक्सप्रेसवे के बनने से यह समय काफी कम हो जाएगा। यह न केवल इन दोनों शहरों के बीच यात्रा को सुविधाजनक बनाएगा, बल्कि इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना में व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा।
अमृतसर-भटिंडा-जामनगर एक्सप्रेसवे
साथियों, एक और अन्य एक्सप्रेसवे की बात करें तो अमृतसर-भटिंडा-जामनगर एक्सप्रेसवे पंजाब से लेकर गुजरात तक के प्रमुख शहरों को जोड़ने वाली एक लंबी परियोजना है। यह एक्सप्रेसवे 917 किलोमीटर लंबा होगा और पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात के बीच यात्रा को बहुत आसान बनाएगा। पहले इन शहरों के बीच यात्रा करने में काफी समय लगता था, लेकिन इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से यात्रा का समय काफी घट जाएगा। इसके अलावा यह मार्ग व्यापार और उद्योगों को बढ़ावा देने में मदद करेगा, साथ ही इससे पर्यटन में भी वृद्धि होगी।
दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे
दोस्तों, दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे लगभग 669 किलोमीटर लंबा होगा और इसका उद्देश्य दिल्ली और जम्मू कश्मीर के कटरा तक यात्रा को और अधिक सरल बनाना है। इस एक्सप्रेसवे के बनने से दिल्ली और कटरा के बीच यात्रा का समय 6 घंटे तक सीमित हो जाएगा, जो पहले 12 घंटे तक होता था। इसके अलावा यह एक्सप्रेसवे हरियाणा और पंजाब से होकर गुजरने वाला है, जिससे इस क्षेत्र में पर्यटन को एक नया मोड़ मिलेगा, साथ ही एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिकरण से बहुत से किसानों को जमीन का कई गुना पैसा मिलने से फायदा होगा।
वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे
साथियों, भारतमाला परियोजना के तहत बनने वाले एक्सप्रेसवे में वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे एक महत्वपूर्ण 612 किलोमीटर लंबा मार्ग है, जो उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के प्रमुख शहरों को जोड़ने वाला है। इस एक्सप्रेसवे के बनने से पहले वाराणसी से कोलकाता पहुंचने में लगभग 15 घंटे लगते थे, जो अब घटकर केवल 9 घंटे रह जाएंगे। यह एक्सप्रेसवे क्षेत्रीय विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा और यात्रा को और तेज और सुविधाजनक बनाएगा।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे
दोस्तों, यह दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे 239 किलोमीटर लंबा होगा और इसका उद्देश्य दिल्ली और उत्तराखंड के देहरादून के बीच यात्रा को और अधिक तेज बनाना है। यह मार्ग सहारनपुर से होकर गुजरेगा, और इसके बनने से यात्रा का समय लगभग 2.5 घंटे कम हो जाएगा। इस एक्सप्रेसवे के बनने से न केवल यात्रा में तेजी आएगी, बल्कि उत्तराखंड के पर्यटन स्थल भी आसानी से पहुंचने योग्य हो जाएंगे। जो राज्य के लिए काफी फायदे का सौदा हो सकता है।
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हैदराबाद-विशाखापत्तनम एक्सप्रेसवे
दोस्तों, भारतमाला परियोजना के तहत बनने वाला हैदराबाद-विशाखापत्तनम एक्सप्रेसवे लगभग 222 किलोमीटर लंबा होगा और तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बीच यात्रा को बहुत तेज बनाएगा। इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से दोनों शहरों के बीच की दूरी घट जाएगी और व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे
साथियों, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे भारतमाला परियोजना के तहत बनने वाला एक ऐसा एक्सप्रेसवे है जिसकी लंबाई 1,386 किलोमीटर है। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, दादरा और नगर हवेली और महाराष्ट्र से होकर गुजरने वाला है। इस मार्ग के बन जाने से दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा का समय लगभग 12 घंटे हो जाएगा। यह एक्सप्रेसवे भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा कदम होगा, क्योंकि यह दोनों महानगरों के बीच व्यापार और यात्री परिवहन को बहुत तेज करेगा। इसके अलावा यह एक्सप्रेसवे कई राज्यों को जोड़ने का कार्य करेगा, जिससे इन राज्यों के बीच व्यापारिक संबंधों में निकटता आएगी, साथ ही भूमि अधिकरण से हजारों किसानों को भी फायदा होने की उम्मीद है।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।