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नए सीजन में क्या 7000 के पार बिकेगी आपकी सरसों | जाने सरसों की तेजी मंदी रिपोर्ट में

नए सीजन में क्या 7000 के पार बिकेगी आपकी सरसों | जाने सरसों की तेजी मंदी रिपोर्ट में
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किसान साथियो और व्यापारी भाइयों सरसों का बाजार में मजबूती बनी हुई है। हालांकि भाव में कुछ बड़ा उछाल देखने को नहीं मिल रहा है। ऐसा लग रहा है है जैसे बाजार अब किस्तों में उपर जा रहा है। पिछले दिनों जयपुर में सरसों के भाव पिट कर 6200 के लेवल दिखाने लगे थे और अब वहाँ से उठकर बाजार 6525 पर आ गया है। बाजार में आयी इस तेजी को देखकर किसानों और व्यापरियों के मन में यह सवाल उठने लगा है कि क्या सरसों के बाजार में यह तेजी बनी रहेगी या फिर पिछले ट्रेंड के हिसाब से बाजार फिर से नीचे की तरफ जाएगा। दोस्तो जनवरी महीने के दूसरे कारोबारी हफ्ते में कदम रख चुके हैं। और आने वाले कुछ हफ्तों में MP और गुजरात जैसे राज्यों से नयी सरसों आने की इक्का-दुक्का खबरें मिलने लगेंगी। ऐसे में क्या बाजार अपनी तेजी मेंटेन कर पाएगा आज की रिपोर्ट में हम इसी सवाल का उत्तर ढूंढने की कोशिश करेंगे।

पिछले साल के मुकाबले इस साल क्या है अलग
दोस्तों किसी भी फसल का भाव उसकी बुवाई के आंकड़ों, मौसम के अनुकूलन, उत्पादन के आंकड़ों, बाजारी डिमांड, पिछले स्टॉक की स्थिति और विदेशी बाजारों में चल रहे भाव के आधार पर ही तय होता है। इस संदर्भ में अगर सरसों को देखें तो पिछले साल की तरह कमजोरी आएगी या नहीं इस सवाल का उत्तर जानने के लिए हमें सबसे पहले यह जानना चाहिए कि पिछले सीज़न और इस सीज़न में सरसों की डिमांड, सप्लाई, स्टॉक और विदेशी बाजारों की स्थिति में क्या अंतर बना हुआ है। यदि हम यह सारी जानकारी जुटा लेते हैं तो हमारे लिए यह अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं होगा कि इस साल सरसों के बाजार में क्या रुझान रह सकता है।

तो दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल जनवरी के शुरुआती हफ्ते में सरसों का रेट 5500 रुपये के आसपास जयपुर में चल रहा था। सरसों की आवक 2 लाख 75 हज़ार बोरी के आसपास चल रही थी। मलेशिया के बाजार में पाम तेल के भाव 3700 रिंगिट प्रति टन के आसपास चल रहा था। इसे अगर इसकी मौजूदा स्थिति से तुलना करें तो इस समय जयपुर में सरसों का रेट 6525, सरसों की आवक 2 लाख बोरी और मलेशिया में पाम तेल के भाव 4400 रिंगिट प्रति टन के आसपास बने हुए हैं। जहां तक स्टॉक की बात है सरसों का स्टॉक इस समय लगभग 30 लाख टन के आसपास बताया जा रहा है। जो कि बहुत ज्यादा नहीं है। दोस्तों बम्पर उत्पादन की खबरों के चलते पिछले साल जनवरी 2024 से मार्च 2024 आते आते सरसों के रेट 5000 के रेंज में चले गए थे लेकिन जब सरसों की घटी हुई आवक ने बंपर उत्पादन की खबर को सपोर्ट नहीं किया तो मई का महीना आते-आते सरसों के भाव में फिर से तेजी बनने लगी थी। और मई का महीना आते-आते सरसों के भाव में फिर से 6200 का स्तर छू लिया था। इस लिहाज से देखा जाए तो इस सीजन में सरसों के भाव में उतनी गिरावट नहीं होनी चाहिए जितनी पिछले साल हुई थी। कहने का मतलब यह है कि सरसों के भाव ज्यादा से ज्यादा 6000 के आसपास जा सकते हैं उसे नीचे जाने की संभावना बहुत कम है।

ताजा मार्केट अपडेट
दोस्तों सरसों की ताजा बाजार भाव की बात करें तो इस समय जयपुर में सरसों का भाव 6525 भरतपुर में सरसों का रेट 6160, दिल्ली में 6425 और च दादरी मंडी में सरसों का भाव 6400 के आसपास चल रहा है। बुधवार को बाजार में स्थिरता से लेकर हल्की तेजी का माहौल दिखाई दिया है।

नए सीजन में क्या 7000 के पार बिकेगी आपकी सरसों | जाने सरसों की तेजी मंदी रिपोर्ट में

प्लांटों पर क्या रहे भाव
प्लान्ट के भाव की बात करें तो आगरा में शारदा प्लान्ट पर सरसों का भाव ₹ 6700, बीपी आगरा सरसों भाव ₹ 6700, गोयल कोटा सरसों भाव ₹ 6250, सलोनी शमसाबाद भाव ₹ 7175, सलोनी दिगनेर भाव ₹ 7175, सलोनी अलवर भाव ₹ 7175 और सलोनी कोटा प्लान्ट पर सरसों का भाव ₹ 7100 प्रति क्विंटल तक दर्ज किया गया

हाजिर मंडियों के ताजा भाव
हाजिर मंडियों के ताजा भाव को देखें तो रावतसर मंडी में सरसों रेट ₹5650-6100, श्री गंगानगर मंडी सरसों रेट ₹5661-5901, नोहर मंडी सरसों रेट ₹5700-6225, ऐलनाबाद मंडी सरसों रेट ₹5700-6060, सूरतगढ़ मंडी सरसों रेट ₹5820, आदमपुर मंडी सरसों रेट ₹6200, भट्टू मंडी सरसों रेट ₹5500-5980, सिवानी मंडी सरसों नॉन रेट ₹5600, सिवानी मंडी सरसों 40 लैब रेट ₹6100, देवली मंडी सरसों रेट ₹5000-6200, देवली मंडी सरसों 42% रेट ₹6150-6200 और सिरसा मंडी में सरसों का रेट ₹5500-5980 रुपये प्रति क्विंटल तक दर्ज किया गया।

खाद्य तेल बाजार रिपोर्ट: पाम तेल में गिरावट, सोया तेल में मजबूती
मलेशिया पाम तेल बाजार (केएलसी) में अस्थिरता बनी हुई है। भारत की कमजोर मांग और इंडोनेशिया के बायोडीजल अधिदेश को लेकर अनिश्चितता के चलते केएलसी पर दबाव देखा जा रहा है। साथ ही, इंडोनेशिया द्वारा स्थानीय आपूर्ति बनाए रखने के लिए निर्यात पर अंकुश लगाने की संभावनाओं ने बाजार को प्रभावित किया है। मलेशिया में निर्यात में कमी और उत्पादन में गिरावट के कारण पाम तेल का फंडामेंटल मिला-जुला नजर आ रहा है। कमजोर मांग के कारण कांडला पाम ऑयल के भाव आज 2 रुपये प्रति किलो गिर गए। महंगा पाम तेल अब इसकी तेजी में बाधक बन रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, सभी कारकों को देखते हुए पाम तेल की कीमतें 1-2 रुपये प्रति किलो तक और गिर सकती हैं। हालांकि, इसे खरीदारी का अवसर माना जा सकता है क्योंकि निचले स्तरों से रिकवरी की उम्मीद जताई जा रही है।

दूसरी ओर, केएलसी में कमजोरी के बावजूद सोया तेल में मजबूती देखी गई है। अमेरिकी बाजार सीबीओटी और अर्जेंटीना सोया तेल की मजबूती ने स्थानीय बाजार में सुधार का समर्थन किया है। भारत में कांडला पोर्ट पर सोया तेल की लैंडिंग कॉस्ट पिछले 2-3 दिनों में 2 रुपये प्रति किलो बढ़ी है, जिससे रेडी डिलीवरी भाव में बिकवाल तेजी कर रहे हैं। प्रमुख खाद्य तेलों में सोया तेल सबसे सस्ता होने के कारण मांग को समर्थन मिल रहा है। पाम तेल के साथ कीमतों का अंतर कम करने के लिए निकट अवधि में सोया तेल के भाव में 2-3 रुपये प्रति किलो की और बढ़ोतरी की संभावना है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि किसी भी शॉर्ट-टर्म करेक्शन को खरीदारी के अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए।

क्या 7000 के पार बिकेगी आपकी सरसों
किसान साथियों और मंडी भाव टुडे पर हमने अभी तक सरसों को लेकर यही सलाह दी है कि सरसों में बहुत बड़ी तेजी आने मुश्किल है और व्यापारियों को हर उछाल पर अपना माल हलका करना चाहिए। लेकिन अब परिस्थितियों थोड़ी-थोड़ी बदलने लगी है। बुवाई के कमजोर आंकड़ों और पिछले सीज़न के सरसों स्टॉक में कमी को देखते हुए ऐसा कहा जा सकता है कि इस साल इतनी बड़ी गिरावट नहीं आएगी जितनी पिछले कुछ सीजन में देखने को मिली है। हालांकि बाजार के कुछ जानकारों का यह भी मानना है कि राजस्थान में इस साल बढ़िया बारिश हुई है और हो सकता है की कमजोरी बुवाई के बावजूद भी सरसों का उत्पादन ठीक-ठाक हो। बहरहाल फ़िलहाल स्थिति यही है कि अगले कुछ हफ्तों में गुजरात और एमपी की मंडियों से नई सरसों आने की समाचार मिलने लग जाएंगे उसके बाद बाजार में फिर से दबाव देखने को मिल सकता है। यह दबाव मार्केट को निश्चित रूप से नीचे लेकर जाएगा। इसलिए जो साथी इस वक्त माल निकालना चाहते हैं वह ऐसा कर सकते हैं। जो लोग तेजी की उम्मीद कर रहे हैं उन्हें बता दें कि मार्च महीने तक सरसों में किसी बड़ी तेजी की उम्मीद बिल्कुल ना के बराबर है। रही बात 7000 के भाव की तो ऐसा बिल्कुल नहीं लगता कि मार्च-अप्रैल तक आपको जयपुर में 7000 के भाव दिखाई दे जाएं। व्यापार अपने विवेक से करें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।