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क्या तेज होंगे गेहूं के भाव | देखें गेहूं की तेजी मंदी रिपोर्ट

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सरकार को नहीं मिल पा रहा पर्याप्त गेहूं | गेहूं में बन सकती है तेजी | देखने गेहूं की तेजी मंदी रिपोर्ट
किसान साथियो सरकार ने भले ही सरसों की सरकारी खरीद (Mustard Procurement on MSP) में कोई सक्रियता नहीं दिखायी और सरसों के किसानों को राम भरोसे छोड़ दिया हो लेकिन गेहूं की सरकारी खरीद (Wheat Procurement on MSP) के केस में इस बार सरकारी खाद्य विभाग चुस्त दिखाई दे रहा है। सरकार ने गेहूं की सरकारी खरीद को लेकर तरह-तरह के प्रयास किए हैं लेकिन सारी कोशिशों के बावजूद भी गेहूं की सरकारी खरीद का 300 लाख के उपर जाने की संभावना बहुत कम है। चालू रबी विपणन सीजन 2023-24 में 9 मई तक गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद बढ़कर 252 लाख टन की ही हो पायी है। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्रालय के अनुसार इस दौरान देशभर के 20 लाख किसानों से लगभग 53 हज़ार करोड़ रुपये मूल्य का गेहूं खरीदा गया है। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें

मंडियों में घट रही है दैनिक आवक
साथियो जैसा कि आप सबको पता है कि गेहूं की कटाई और आवक का सीजन लगभग समाप्त हो चुका है। अब गेहूं की आवक घटने लगी है। यही कारण है कि गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य, MSP पर दैनिक खरीद में अब कमी आने लगी है। देशभर की मंडियों से 8 मई को एमएसपी पर केवल 3.03 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई है, जबकि चालू सप्ताह के आरंभ में पांच से छह लाख टन दैनिक खरीद हो रही थी। गेहूं के ताजा भाव जानने के लिए यहाँ क्लिक करें

राज्यों ने कितनी की है खरीद
सूत्रों के अनुसार चालू रबी सीजन में पंजाब से गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद करीब 120 लाख टन की हो चुकी है, जबकि पंजाब से गेहूं की खरीद का लक्ष्य 132 लाख टन का रखा गया है। इसी तरह से हरियाणा से चालू रबी में MSP पर 61.60 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है, जबकि आरम्भिक लक्ष्य 75 लाख टन का रखा गया था। मध्य प्रदेश से चालू रबी में 80 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य के मुकाबले अभी तक 63.80 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई है। गेहूं के सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश से चालू रबी में 35 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य तय किया गया था, जबकि अभी तक खरीद केवल 1.50 लाख टन की ही हुई है। इसी तरह से राजस्थान की मंडियों से चालू में 2.32 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हो पाई है। कहने का तात्पर्य यह है कि सरकार की सक्रिय खरीद के बावजूद भी लक्ष्य के मुताबिक गेहूं नहीं मिल पाया है। सरसों के ताजा भाव जानने के लिए यहाँ क्लिक करें

पिछले साल भी नहीं मिला पर्याप्त गेहूं
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चालू रबी विपणन सीजन 2023- 24 में केंद्र सरकार ने गेहूं की खरीद का लक्ष्य 341.50 लाख टन का तय कर रखा है, लेकिन जिस तरह से मंडियों में गेहूं दैनिक आवक कम होने लगी है, उसे देखते हुए एमएसपी पर खरीद 300 लाख टन से भी कम रहने की आशंका है। भारतीय खाद्य निगम, FCI के अनुसार पिछले रबी विपणन सीजन 2022-23 के दौरान देशभर के राज्यों से एमएसपी पर केवल 187.92 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पायी थी।  धान और चावल के ताजा भाव जानने के लिए यहाँ क्लिक करें

अनुमान से कम रह सकता है उत्पादन
फरवरी के मध्य में आधिकारिक अनुमानों ने 2022-23 में गेहूं का उत्पादन (Wheat Production) 1120 लाख टन (mt) रखा, जो 2021-22 में 1080 लाख टन से अधिक था। लेकिन ये आंकड़े मार्च में बेमौसम बारिश से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फसल को हुए नुकसान से पहले जारी किए गए थे। इसके परिणामस्वरूप वास्तविक उत्पादन आधिकारिक अनुमानों से कम होने की संभावना है, और भारत ने दो साल पहले - 2020-21 में 1100 लाख टन का उत्पादन किया था। उत्पादन में गिरावट के साथ-साथ अच्छी गुणवत्ता वाले गेहूं की उपलब्धता एक चिंता का विषय है- एक कारण निजी खिलाड़ी कुछ राज्यों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक प्रीमियम पर गेहूं खरीद रहे हैं। जैसा कि आप सबको पता है कि केंद्र सरकार ने रबी विपणन सीजन 2023-2024 के लिए गेहूं का एमएसपी 110 रुपये बढ़ाकर 2,125 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है, जबकि रबी विपणन सीजन 2022-23 में एमएसपी 2,015 रुपये प्रति क्विंटल था। नरमा और कपास  के ताजा भाव जानने के लिए यहाँ क्लिक करें

गेहूं में तेजी की क्या है उम्मीद
अब बड़ा सवाल यह है कि जब सरकार को लक्ष्य के अनुसार गेहूं नहीं मिला तो बाकी गेहूं कहां है। किसान के पास गेहूं को स्टोर करने की ज्यादा सुविधाएं नहीं हैं इसलिए कहा जा सकता है कि पिछले साल की तरह बाकी गेहूं की प्राइवेट खरीद की गई है। रूस और यूक्रेन के बीच चल रही तनातनी काला सागर के अनाज समझोते को खतरे में डाल सकती है। अगर ऐसा होता है तो अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गेहूं के भाव और बढ़ सकते हैं गेहूं के भाव की बात करें तो आज दिल्ली लॉरेंस रोड़ पर गेहूं के भाव 10 रुपये प्रति क्विंटल बढ़कर 2335 रुपये प्रति क्विंटल हो चुके हैं। पिछले 1 हफ्ते में 50 रुपये के आसपास तेजी बन चुकी है। जैसा कि आप सबको पता है कि 2024 का साल चुनावी साल है। इसलिए सरकार कभी नहीं चाहेगी की गेहूं के दाम बढ़े। इसलिए सरकार भाव कम करने के लिए कोई भी कदम उठा सकती है। गेहूं के निर्यात पर तो पहले से ही प्रतिबंध लगा रखा है ही। मंडी भाव टुडे का मानना है कि सारे हथकंडे अपनाने की बाद भी सरकार गेहूं के भाव में ₹200 से ₹300 की तेजी बनने से नहीं रोक पाएगी । हालांकि यह सिर्फ एक अनुमान भर है । पूरे माहौल को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि गेहूं में तेजी तो बनेगी लेकिन बड़ी तेजी की संभावना कम है।  ऐसे में हर तेजी और मंदी पर माल खरीदते बेचते रहने की रणनीति बनाई जा सकती है। थोड़ा करके माल निकालते रहना चाहिए। बाकी व्यापार अपने विवेक से करें। सरसों किसानों के लिए खुशखबरी | 6 जिलों में फिर से शुरू होगी सरसों की सरकारी खरीद | जानें पूरी खबर

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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।