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क्या 3000 के पार हो जाएगा गेहूं का रेट | सरकारी फैसले का होगा बड़ा असर

क्या 3000 के पार हो जाएगा गेहूं का रेट | सरकारी फैसले का होगा बड़ा असर
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किसान साथियो सरकार द्वारा गेहूं की बिक्री खुले बाजार में की जा रही थी लेकिन व्यापार केसरी की रिपोर्ट के अनुसार सरकार के एक फैसले ने गेहूं के भाव की दिशा ही बदल दी जो सरकार द्वारा गेहूं की बिक्री खुले बाजार में की जा रही थी अब उस योजना को बंद क्र दिया गया है और इसी फैसले से गेहूं की कीमतों में 50 रुपए प्रति क्विंटल का उछाल आ गया है। लगता है सरकार ने यह निर्णय जल्दीबाजी में लिया है । यदि सरकार गेहूं की बिक्री OMMS (ओपन मार्केट सेल्स स्कीम) के माध्यम से नहीं करेगी तो जल्द गेहूं की कीमत 3000 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच सकती है, जिससे आम उपभोक्ता महंगाई का सामना करना पद सकता है । यह ध्यान देने की बात है कि सरकार ने जुलाई में घोषणा की थी कि एक अगस्त से ओएमएसएस के तहत टेंडर के माध्यम से गेहूं की बिक्री 2300/2325 रुपए प्रति क्विंटल के भाव में की जाएगी, जो श्रेणी के अनुसार निर्धारित किया गया था। इसके बाद, इस योजना को एक अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया था। लेकिन हाल ही में सरकार की एक बैठक में यह जानकारी दी गई कि अब गेहूं की बिक्री खुले बाजार में रोलर फ्लोर मिलों और आटा चक्कियों को नहीं की जाएगी, इस योजना को समाप्त कर दिया गया है। इसके साथ ही, 31 मार्च 2025 तक PDS के तहत 35 लाख मीट्रिक टन गेहूं वितरण किया जाएगा। खबर की पुष्टि तो नहीं हो पायी है लेकिन बाजार में इसका असर दिखने लगा है इस स्‍थिति में 70 मीट्रिक टन गेहूं का स्‍टाॅक की सरप्‍लस है। ध्‍यान देने वाली बात है कि पिछले साल 100 मीट्रिक टन OMSS के जरिए खुले बाजार में आया था। ऐसे में त्‍योहारी सीजन के बाद नई आवक आने से पहले गेहूं के दामों में तेजी बनी रहेगी। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

गेहूं का भाव पहुंचा 2900 तक
आज आई एक खबर के बाद गेहूं के बाजार में हड़कंप मच गया है। स्टॉकिस्टों ने माल बेचना बंद कर दिया है और रोलर फ्लोर मिलें अब गेहूं 2845 से 2850 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर खरीद रही हैं। इस वजह से खुले बाजार में गेहूं के दामों में तेजी से इजाफा हुआ है और शाम तक यह 2890 से 2900 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है। नई गेहूं की फसल आने में अभी सात महीने से अधिक का समय है और इसकी बुवाई अगले महीने से शुरू होगी। इस बीच, मंडियों में गेहूं की आवक पूरी तरह से रुक गई है। सरकार द्वारा खुले बाजार में गेहूं बेचने की घोषणा के बाद छोटे कारोबारियों ने अपना माल बेचना शुरू कर दिया था, जिससे बाजार में आपूर्ति बनी हुई थी। लेकिन स्टॉकिस्टों के माल बेचना बंद करने से यह स्थिति बदल गई है और अब गेहूं की आपूर्ति में कमी आ गई है।

गेहूं के हाजिर मंडियों के भाव
कल दिल्ली मंडी में गेहूं के भाव में सीजन का टॉप भाव आ गया है कल मंडी में गेहूं का भाव 2840 पर खुला था लेकिन शाम होते होते भाव में 40 की तेजी देखने को मिली और भाव 2880 पर पहुंच गया आज की बात करे तो गेहूं का भाव दिल्ली मंडी में 2890 का खुला है | भुना मंडी में गेहूं का रेट 2690 का रहा, जुलना मंडी में गेहूं का रेट 2730 का रहा, रानियाँ मंडी में गेहूं का रेट 2660 का रहा, पिपरिया मंडी में गेहूं का रेट 2713 का रहा, सिरसा मंडी में गेहूं का रेट 2555 का रहा, नरवाना मंडी में गेहूं का रेट 2680 का रहा, नोहर मंडी में गेहूं का रेट 2590 का रहा, ऐलनाबाद मंडी में गेहूं का रेट 2540 रुपए प्रति क्विंटल का रहा बाकि मंडियों के भाव नीचे दिए गए है चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

आगे क्या होगा गेहूं के भाव में
दिल्‍ली फ्लाेर मिल्‍स एसोसिएशन के पदाधिकारी राजीव गोयल कहते हैं कि सरकार ने OMSS के जरिए FCI के स्‍टॉक से 2300 रुपये क्‍विंटल पर गेहूं को बाजार में उतारना था, जिससे गेहूं के दामों में नियंत्रण की उम्‍मीद थी, लेकिन अभी तक गेहूं OMSS के जरिए नहीं आया है। अगर गेहूं के स्टॉक की बात करें तो FCI के पास कुल स्‍टॉक 330 मीट्रिक टन के करीब है। बता दें कि इसी स्‍टॉक से मार्च तक (75 मीट्रिक टन) गेहूं का बफर स्‍टॉक बनाए रखने की चुनौती है। तो वहीं 80 करोड़ लोगों को फ्री अनाज में (185 मीट्रिक टन) गेहूं भी वितरित करना है। देश में गेहूँ की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और इसका मुख्य कारण जमाखोरी का बढ़ना है। बड़े व्यापारी और कंपनियां भारी मुनाफे की उम्मीद में गेहूँ का भंडारण कर रहे हैं, जिससे बाजार में गेहूँ की आपूर्ति कम हो गई है और कीमतें आसमान छू रही हैं। इस स्थिति में सरकार को खुले बाजार में गेहूँ की बिक्री करके कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने होंगे। यदि सरकार खुले बाजार में गेहूँ नहीं बेचेगी तो रोलर फ्लोर मिलों और आटा चक्कियों को गेहूँ नहीं मिलेगा, जिससे आटा, मैदा और सूजी की किल्लत हो जाएगी। इसके अलावा, गेहूँ का उत्पादन अधिक होने के बावजूद भी बड़ी कंपनियां इसका भंडारण कर रही हैं, जो भविष्य में कीमतों में और अधिक वृद्धि का संकेत है। बाकि व्यापार अपने विवेक से करे

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।