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अप्रैल में जीरा का रेट तेज होगा या नहीं | जीरा स्टॉक करें या नहीं | जीरे के किसान और व्यापारी ये रिपोर्ट जरूर पढ़ लें

जीरा रिपोर्ट
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*अपडेट 23 मार्च 2025*

*जीरा तेजी मंदी रिपोर्ट - 23 मार्च 2025*

किसान साथियो और व्यापारी भाइयो इस हफ्ते जीरे की कीमतों में हल्की तेजी देखने को मिली है। मुख्य रूप से निर्यातकों की मजबूत मांग और वायदा बाजार में तेजी के कारण मंडियों में जीरे की कीमतें ₹10 से ₹15 प्रति किलो तक बढ़ गईं। वायदा बाजार में मार्च डिलीवरी का जीरा सप्ताह की शुरुआत में ₹20,560 पर खुला और ₹22,090 पर बंद हुआ। वहीं अप्रैल वायदा ₹20,955 से शुरू होकर ₹22,220 पर बंद हुआ, जिससे बाजार में उत्साह देखा गया।  

*भारतीय जीरा अन्य देशों के मुकाबले सस्ता*
भारत का जीरा वर्तमान में वैश्विक स्तर पर सबसे सस्ता है, जिसकी कीमत 3,050 डॉलर प्रति टन है, जो चीनी जीरे से 200-250 डॉलर कम है, जिससे चीन सहित प्रमुख खरीदार भारत की ओर आकर्षित हो रहे हैं।  दिसंबर का निर्यात साल-दर-साल 47.77% बढ़कर 18,078 टन हो गया, जो यूरोप और अन्य क्षेत्रों से त्योहारी सीज़न की मांग के कारण मजबूत अंतरराष्ट्रीय मांग को दर्शाता है।

*निर्यात में तेजी*
पिछले सीजन में जीरे की कीमतें कम रहने के चलते निर्यात में बड़ी बढ़त दर्ज की गई। अप्रैल से दिसंबर 2024 के बीच 1,78,846 टन जीरा निर्यात हुआ जिससे ₹4,909 करोड़ की कमाई हुई। वहीं, अप्रैल से दिसंबर 2023 में 1,06,905 टन निर्यात से ₹4,034 करोड़ की आय हुई थी। इस प्रकार निर्यात मात्रा में 67 प्रतिशत और मूल्य में 22 प्रतिशत की बढ़त दर्ज हुई है। वर्ष 2023-24 के दौरान कुल 1,65,269 टन जीरा निर्यात किया गया जबकि वर्ष 2020-21 में यह रिकॉर्ड स्तर 2,98,423 टन तक पहुंचा था।   नोट :- बोली होते ही मंडियों के लाइव रेट व्हाट्सप्प पर पाने के लिए आप 500 रुपए दे कर 6 महीनो तक लाइव भाव की सर्विस ले सकते है | अगर आप को चाहिए तो 9518288171 पर व्हाट्सअप मैसेज करे | भाव सुबह 7 बजे से आने शुरू हो जायेंगे और इस सर्विस में और भी फसलों के भाव देखने को मिलेंगे | जिन्हे लेनी है वही मैसेज करे

*रोजाना बढ़ रही है जीरे की आवक*
गुजरात की प्रमुख मंडियों में नई फसल की आवक तेज हो गई है। उंझा मंडी में लगभग 50 हजार बोरी, राजकोट में 10-11 हजार बोरी, और गोंडल में 4-5 हजार बोरी की दैनिक आवक हो रही है। हलवद, बोटाद, मोरबी जैसी अन्य मंडियों में भी अच्छी मात्रा में माल पहुंच रहा है। कुल मिलाकर गुजरात की मंडियों में रोजाना करीब एक लाख बोरी जीरा आ रहा है। राजस्थान की मंडियों में भी नई फसल की आवक शुरू हो चुकी है। मेड़ता में 10 से 15 हजार, नागौर में 7 से 8 हजार और जोधपुर में 5 से 6 हजार बोरी की आवक देखी गई है। जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में राजस्थान में आवक और तेज होगी जिससे कीमतों पर असर पड़ेगा।  केडिया एडवाइजरी के अनुसार किसानों के पास उपलब्ध स्टॉक लगभग 20 लाख बैग है. इस स्टॉक से बाजार की ज़रूरतों के पूरा होने के कारण तेजी की उम्मीद सीमित है। सीजन के अंत तक केवल 3-4 लाख बैग का कारोबार होने की उम्मीद है, जिससे 16 लाख बैग का अनुमानित कैरी-फ़ॉरवर्ड स्टॉक बचेगा।

*घट सकता है जीरे का उत्पादन*
इस साल जीरे का उत्पादन पिछले साल की तुलना में कम रहने का अनुमान है। गोवा में हुए मसाला सेमिनार में जारी एफआईएसएस के आंकड़ों के अनुसार, चालू सीजन में देश में जीरे का कुल उत्पादन 97.94 लाख बोरी अनुमानित है जबकि पिछले साल यह 1.12 करोड़ बोरी रहा था। गुजरात में इस साल 45.74 लाख बोरी और राजस्थान में 52.19 लाख बोरी उत्पादन का अनुमान है। पिछली बार गुजरात में 48.15 लाख बोरी और राजस्थान में 64.27 लाख बोरी उत्पादन हुआ था। किसानों को पिछले साल सही कीमत नहीं मिलने के कारण इस बार बुवाई क्षेत्र में भी कमी आई है। पिछले साल देश में 12.64 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई थी, जबकि इस साल यह घटकर 11.71 लाख हेक्टेयर रह गई है।  

हालिया तेजी के बावजूद व्यापारियों का मानना है कि जीरे की कीमतों में आगे बड़ी तेजी की संभावना नहीं है। नई फसल की लगातार बढ़ती आवक से बाजार में फिर से दबाव बन सकता है। अनुमान है कि अप्रैल के महीने में जीरे की कीमतों में ₹5 से ₹8 प्रति किलो तक की गिरावट आ सकती है।  राजस्थान की मंडियों में भी नए जीरे की आवक बढ़ने लगी है जिससे इसकी कीमतों में भारी तेजी आने की उम्मीद नहीं है। बाजार भाव निश्चित दायरे में सीमित उतार-चढ़ाव के साथ स्थिर रह सकता है। मार्च के अंत तक लगभग ऐसा ही माहौल रहेगा। अप्रैल में यदि जोरदार आपूर्ति जारी रही तो कीमतों पर दबाव पड़ सकता है।

फिलहाल बाजार में हल्की तेजी का माहौल है लेकिन जैसे-जैसे मंडियों में आवक बढ़ेगी, कीमतों पर दबाव भी बढ़ेगा। निर्यात मांग अभी मजबूत बनी हुई है इसलिए बड़ी गिरावट की आशंका नहीं हैं।   लेकिन वैश्विक आपूर्ति की स्थिति और जून-जुलाई में तुर्की व सीरिया की फसल आने के बाद बाजार की दिशा तय होगी। व्यापार आने विवेक से ही करें

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।