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सरकार के इस कदम के बाद क्या घट जाएगा गेहूं का रेट | जाने गेहूं की इस तेजी मंदी रिपोर्ट में

जाने गेहूं की इस तेजी मंदी रिपोर्ट में
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नमस्कार किसान साथियों और व्यापारी भाइयों, पिछले कुछ दिनों से गेहूं की कीमतें चर्चा का विषय बनी हुई हैं। इस बार किसानों की तो बल्ले-बल्ले हो गई है, क्योंकि उन्हें अपनी फसल का दाम MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) से कहीं ज्यादा मिल रहा है। सरकार ने गेहूं का MSP 2425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, लेकिन खुले बाजार में गेहूं की कीमत 3300 रुपये प्रति क्विंटल से भी ऊपर चली गई है। ऐसे में किसान अपनी फसल सरकार को बेचने के बजाय मंडियों और व्यापारियों को ज्यादा कीमत पर बेच रहे हैं।
इस स्थिति को काबू में लाने और बाजार में गेहूं की आपूर्ति बढ़ाने के लिए सरकार ने "ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS)" के तहत गेहूं बेचने का बड़ा फैसला लिया है। लेकिन फिर भी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान की मंडियों में गेहूं के दाम अभी भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से ऊपर बने हुए हैं। सरकार की लाख कोशिश है कि बाजार में गेहूं की पर्याप्त सप्लाई हो, जिससे कीमतों में स्थिरता आए। लेकिन क्या यह योजना कामयाब होगी? और अगर हां, तो किसानों और उपभोक्ताओं पर इसका क्या असर पड़ेगा? आइए, इन बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा करते हैं।

कैसे होगा गेहूं की कीमतों पर काबू 

भारत सरकार ने गेहूं की खुले बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत साप्ताहिक ई-नीलामी में बिक्री सीमा 1.5 लाख टन से बढ़ाकर 5 लाख टन कर दी है। इस फैसले के पीछे मुख्य कारण बाजार में गेहूं की आपूर्ति बढ़ाना और कीमतों को नियंत्रित करना है। हालांकि, अभी भी राष्ट्रीय स्तर पर गेहूं का औसत थोक मूल्य 2967 रुपये प्रति क्विंटल बना हुआ है, जो कि MSP (2425 रुपये) से 542 रुपये ज्यादा है।सरकार का यह फैसला मिलर्स, प्रोसेसिंग यूनिट्स और ट्रेडर्स के लिए राहत ला सकता है, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या यह कदम किसानों के लिए फायदेमंद होगा?

क्या गेहूं की कीमतें MSP से नीचे आएंगी?

सरकार ने गेहूं की कीमतों को MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) के करीब लाने के लिए ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत खुले बाजार में आपूर्ति बढ़ाने का फैसला लिया है। हालांकि, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान की मंडियों में कीमतें अभी भी MSP (2425 रुपये प्रति क्विंटल) से ऊपर बनी हुई हैं, जिससे किसानों और व्यापारियों की चिंताएँ बनी हुई हैं। 1 फरवरी से 10 फरवरी के बीच उत्तर प्रदेश में गेहूं की कीमत 2731 रुपये से घटकर 2714 रुपये प्रति क्विंटल, मध्य प्रदेश में 2849 रुपये से घटकर 2840 रुपये और राजस्थान में 2840 रुपये से गिरकर 2712 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। हालांकि, सरकारी हस्तक्षेप से मामूली गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन राष्ट्रीय औसत थोक भाव 2967 रुपये प्रति क्विंटल बना हुआ है, जो MSP से 542 रुपये अधिक है। आगामी रबी सीजन में सरकारी खरीद को सुचारू बनाने के लिए सरकार को और उपाय करने की जरूरत होगी, क्योंकि पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में अधिक मंडी शुल्क के कारण व्यापारी उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से अधिक खरीदारी कर रहे हैं, जिससे इन राज्यों में भी कीमतों को नियंत्रित करने की चुनौती बनी हुई है।

सरकार की गेहूं खरीद मे चुनौतियां ?

हर साल सरकार बफर स्टॉक के लिए गेहूं की खरीद करती है, और इस साल भी यह प्रक्रिया कुछ राज्यों में मार्च और बाकी में 1 अप्रैल से शुरू होगी। लेकिन बड़ी चुनौती यह है कि अगर मंडियों में गेहूं की कीमतें MSP (2425 रुपये प्रति क्विंटल) से अधिक बनी रहती हैं, तो किसान सरकार को अपनी फसल क्यों बेचेंगे? विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को खरीद लक्ष्य पूरा करने के लिए कीमतों को MSP के आसपास लाना ही होगा। मौजूदा स्थिति में, हरियाणा और पंजाब में अधिक मंडी शुल्क होने के कारण निजी व्यापारी ज्यादातर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से खरीदारी कर रहे हैं, जिससे इन राज्यों में सरकारी खरीद प्रभावित हो सकती है। अगर किसान खुले बाजार में MSP से ज्यादा कीमत पाते हैं, तो वे सरकार को गेहूं बेचने में दिलचस्पी नहीं लेंगे, जिससे खरीद का लक्ष्य प्रभावित होगा। यदि खरीद 250 लाख टन से कम होती है, तो सरकार को एक आपातकालीन योजना बनानी होगी, ताकि बफर स्टॉक को बनाए रखा जा सके और बाजार में किसी भी संभावित गेहूं संकट से निपटा जा सके। ऐसे में सरकार के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वह मंडी में कीमतों को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न रणनीतियों पर काम करे, जिसमें खुले बाजार में आपूर्ति बढ़ाना, निर्यात को नियंत्रित करना और बड़े खरीदारों को प्रोत्साहित करना शामिल हो सकता है।

FCI की नई नीति ?

सरकार ने भारतीय खाद्य निगम (FCI) को मिलर्स, प्रोसेसिंग यूनिट्स और ट्रेडर्स के लिए साप्ताहिक ई-नीलामी में गेहूं की बिक्री लिमिट 5 लाख टन तक बढ़ाने की अनुमति दी है, जिससे खुले बाजार में गेहूं की आपूर्ति बढ़ेगी और कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। दिसंबर 2024 में जब से यह ई-नीलामी शुरू हुई, तब से अब तक सरकार करीब 13 लाख टन गेहूं बेच चुकी है, जबकि 25 लाख टन बिक्री का लक्ष्य रखा गया है। यह कदम खासतौर पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसी मंडियों में बढ़ती कीमतों को काबू में लाने के लिए उठाया गया है, जहां अभी भी गेहूं का थोक भाव MSP (2425 रुपये प्रति क्विंटल) से काफी ऊपर बना हुआ है। लगभग 3300 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुच चुका है | सरकार आने वाले दिनों में इस नीलामी प्रक्रिया को और तेज करने और नए खरीद लक्ष्य निर्धारित करने की योजना बना रही है, ताकि गेहूं की सप्लाई सुचारू बनी रहे। इसके लिए केंद्रीय खाद्य सचिव जल्द ही सभी गेहूं उत्पादक राज्यों के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे कि बाजार में मांग और आपूर्ति का संतुलन बना रहे।

गेहू की कीमत बढ़ने का कारण ?

किसान साथियों हम मंडी भाव टूडे रिपोर्ट मे पहले ही बता चुके है कि किसानों और स्टॉकिस्टों के पास भंडारण की कमी के कारण बाजार में गेहूं की आपूर्ति घट गई है। इस स्थिति में आटा मिलें सरकार द्वारा जारी साप्ताहिक टेंडर पर निर्भर हैं। कल का साप्ताहिक टेंडर जारी होने के बाद आज सुबह दिल्ली मंडी में गेहूं की कीमत 25 रुपये गिरकर 3225 रुपये प्रति क्विंटल रह गई थी। लेकिन महाकुंभ के चलते आटा, रवा और मैदा की बढ़ी हुई मांग से गेहूं के भाव में फिर 50 रुपये की तेजी आ गई, जिससे कीमत 3275 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गई। कम आपूर्ति और ज्यादा मांग की वजह से गेहूं के दाम लगातार चढ़ रहे हैं। व्यापारियों का मानना है कि यह तेजी अब अपने अंतिम दौर में है। जैसे ही महाकुंभ समाप्त होगा, आटा, रवा और मैदा की मांग घटेगी, जिससे बाजार पर दबाव कम होगा। साथ ही, सरकार के साप्ताहिक टेंडर आटा मिलों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त साबित हो सकते हैं।

इसके अलावा, मार्च के पहले सप्ताह से मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में नई गेहूं की आवक शुरू होने की संभावना है। इससे बाजार में आपूर्ति बढ़ेगी और कीमतों में स्थिरता आएगी। व्यापारियों का अनुमान है कि आने वाले दिनों में गेहूं के भाव में 75 से 100 रुपये प्रति क्विंटल तक और तेजी आ सकती है, लेकिन मार्च के पहले सप्ताह के बाद कीमतों में गिरावट की संभावना जताई जा रही है।

आज के गेहू के ताजा मंडी भाव
आज दिल्ली मंडी में गेहूं के भाव ₹3275-3300 प्रति क्विंटल तक रहे, जिसमें ₹25 की तेजी दर्ज की गई, और आवक 600-700 बोरी की रही। आज मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की प्रमुख मंडियों में  दाहोद मंडी में मिल भाव ₹3080 और बाजार भाव ₹3090 प्रति क्विंटल रहा, दोनों में ₹20 की तेजी देखी गई। सियाना (बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश) में गेहूं का भाव ₹2950 प्रति क्विंटल दर्ज किया गया। औरंगाबाद (महाराष्ट्र) में लोकल गेहूं ₹2800-2825 प्रति क्विंटल रहा, जिसमें ₹75 की तेजी दर्ज की गई। छिंदवाड़ा मंडी में गेहूं के भाव ₹3100-3270 प्रति क्विंटल तक रहे। आष्टा मंडी में मिल गेहूं ₹2800-3000, लोक वन पूर्णा गेहूं ₹2900-3200 और सरबती गेहूं ₹3000-4000 प्रति क्विंटल तक रहा, जहां कुल आवक 3000 बोरी की रही। अलिराजपुर और जोबट मंडी में गेहूं का भाव ₹2900 प्रति क्विंटल दर्ज हुआ। छतरपुर मंडी में गेहूं के भाव ₹2900-3000 प्रति क्विंटल रहे। अलवर मंडी में गेहूं ₹3050 प्रति क्विंटल तक पहुंचा। मुंबई मंडी में नेट भाव ₹3275 प्रति क्विंटल रहा, जिसमें ₹15 की तेजी रही। कोयंबटूर मंडी में गेहूं नेट भाव ₹3500 प्रति क्विंटल दर्ज किया गया, जिसमें ₹20 की तेजी रही। धनबाद मंडी में गेहूं का नेट भाव ₹3050 प्रति क्विंटल रहा। जोधपुर मंडी में गेहूं के भाव ₹3200 प्रति क्विंटल तक रहे, जिसमें ₹30 की तेजी दर्ज की गई (1% छूट के साथ)। राजकोट मंडी में गेहूं के भाव ₹3000-3550 प्रति क्विंटल रहे, और कुल आवक 2500 बोरी रही। बिल्सी मंडी में गेहूं का भाव ₹3050 प्रति क्विंटल रहा, और कुल आवक 100 बोरी रही। मुजफ्फरपुर मंडी में गेहूं के भाव ₹3000-3030 प्रति क्विंटल रहे। बेगूसराय मंडी में गेहूं का भाव ₹3000-3050 प्रति क्विंटल तक दर्ज किया गया। डिबाई मंडी में गेहूं का भाव ₹3150 प्रति क्विंटल तक पहुंचा, जिसमें ₹50 की तेजी देखी गई, और कुल आवक 500 बोरी रही। पटना मंडी में गेहूं के भाव ₹3100 प्रति क्विंटल तक रहे, जिसमें ₹50 की तेजी दर्ज की गई (2% छूट के साथ)।

कल राजस्थान और हरियाणा की प्रमुख मंडियों में जैतसर मंडी में गेहूं के भाव ₹2891 प्रति क्विंटल तक रहे, नोहर मंडी में गेहूं के भाव ₹3000-3037 प्रति क्विंटल तक रहे, गोलूवाला मंडी में गेहूं के भाव ₹2857-2888 प्रति क्विंटल तक रहे, श्री गंगानगर मंडी में गेहूं के भाव ₹2565-2871 प्रति क्विंटल तक रहे, संगरिया मंडी में गेहूं के भाव ₹2800-2831 प्रति क्विंटल तक रहे, सिरसा मंडी में गेहूं के भाव ₹2600-2750 प्रति क्विंटल तक रहे और ऐलनाबाद मंडी में गेहूं के भाव ₹2850-2951 प्रति क्विंटल तक रहे, 

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।