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कब रुकेगी चने के भाव में गिरावट | जाने चने की इस विशेष रिपोर्ट में

कब रुकेगी चने के भाव में गिरावट | जाने चने की इस विशेष रिपोर्ट में
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किसान साथियो कर्नाटक और महाराष्ट्र में चने की नई फसल आने के साथ ही बाजार में चने की कीमतों में गिरावट शुरू हो गई है। कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 5,650 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास या उससे नीचे आ गई हैं। चना या देसी चना 5,500 से 6,300 रुपये प्रति क्विंटल के बीच बिक रहा है। 2024-25 के विपणन सत्र के लिए चना का न्यूनतम समर्थन मूल्य पिछले साल के 5,440 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 5,650 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है था ।

चना के रकबे में हुई वर्द्धि
चालू रबी सीजन 2024-25 में दलहन की खेती का रकबा 24 जनवरी तक 2.3% बढ़कर 142.49 लाख हेक्टेयर हो गया है। पिछले साल इसी समय यह रकबा 139.29 लाख हेक्टेयर था। चना, जो दलहन का एक प्रमुख हिस्सा है, का रकबा भी 2.8% बढ़कर 98.55 लाख हेक्टेयर हो गया है। इसके साथ ही, भारत में चने का आयात भी काफी बढ़ा है। कैलेंडर वर्ष 2024 की जनवरी-नवंबर अवधि के दौरान, देश में चने का आयात 93% बढ़कर 2.32 लाख टन हो गया है, जो पिछले साल इसी अवधि में 1.19 लाख टन था। आयात का सबसे बड़ा हिस्सा ऑस्ट्रेलिया से है, जिसके बाद तंजानिया और इथियोपिया का स्थान है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि निकट भविष्य में चने की कीमतों में कमी आ सकती है। इसकी वजह यह है कि इस साल फसल अच्छी हुई है और आयात भी जारी है। इसके अलावा, आयातित पीली मटर की बड़ी मात्रा भी चने की मांग को प्रभावित कर रही है। पीली मटर को चने का एक अच्छा विकल्प माना जाता है और सरकार ने पिछले साल चने की फसल कम होने के कारण आपूर्ति बढ़ाने के लिए दिसंबर 2023 में इसका आयात खोल दिया था। चने के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति 31 मार्च 2025 तक है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

पैदावार में हो सकता है इजाफा
विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल भारत में चने का घरेलू उत्पादन बढ़ सकता है क्योंकि बुवाई का रकबा बढ़ा है और मौसम भी फसल के अनुकूल है। ऑस्ट्रेलिया, जो चना का एक प्रमुख निर्यातक देश है, इस साल अपनी अनुमानित फसल का एक बड़ा हिस्सा निर्यात करने जा रहा है, जिसमें से अधिकांश भारत में आने की उम्मीद है। आंकड़ों से पता चलता है कि भारत ने ऑस्ट्रेलिया से चने का आयात काफी बढ़ा दिया है। पिछले साल के मुकाबले इस साल आयात में भारी वृद्धि हुई है, जो भारत में चने की बढ़ती मांग को दर्शाता है।

चना के भाव में आगे क्या हो सकता है
विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में मंडियों में चने की आवक बढ़ने के साथ ही कीमतों में गिरावट आ सकती है। घरेलू फसल की आवक, बढ़ते आयात और पिछले साल के आयातित पीले मटर की अधिक उपलब्धता के कारण चना की कीमतों पर दबाव बना हुआ है। कर्नाटक की मंडियों में नए चने का भाव 5,500-6,000 रुपये के बीच है, जबकि महाराष्ट्र में यह 6,000-6,400 रुपये के बीच है। मध्य प्रदेश में पुरानी चना फसल की कीमतें 5,000 रुपये के करीब पहुंच रही हैं। एगमार्कनेट के आंकड़ों के अनुसार, चने का औसत मूल्य वर्तमान में 6,039 रुपये प्रति क्विंटल है, जो पिछले साल की तुलना में थोड़ा कम है। हालांकि, इस साल आयात अधिक हुआ है। किसानों को कुछ राहत मिल सकती है क्योंकि कृषि मंत्रालय ने कर्नाटक में मूल्य समर्थन योजना के तहत 96,498 टन चना खरीदने को मंजूरी दी है।

बात करे दिल्ली मंडी की तो दिल्ली में नीचे दाम पर दाल मिलों की खरीद से चना की कीमते 75 रुपये तेज हुई। हालांकि व्यापारीयो का कहना है  ज्यादा तेजी नहीं आएगी क्योकि ऑस्ट्रेलिया से चना की शिपमेंट लगातार आ रही है जिसे देखते हुए दाल मिलर्स इस समय जरूरत के हिसाब से ही खरीद कर रहे हैं। हालांकि देसी चना का बकाया स्टॉक कम है, तथा हल्की क्वालिटी के माल ज्यादा है। इसलिए देसी चना की नई फसल की आवक से पहले दाम रुक सकते हैं। घरेलू बाजार में देसी चना का अच्छी क्वालिटी में स्टॉक नहीं के बराबर है। खपत का सीजन होने के कारण चना दाल और बेसन में मांग बनी रहने की उम्मीद है। दाल मिलों के पास बकाया स्टॉक सीमित मात्रा में ही बचा हुआ है बाकि एक रिपोर्ट के अनुसार आस्ट्रेलिया से एक जहाज जिसमें 23,297 टन चना है, वो मुंद्रा बंदरगाह पर 1 फरवरी को पहुंचने की उम्मीद बताई जा रही है। और साथ ही रसिया से एक जहाज जिसमें 31,200 टन पीली मटर है, इसके हजिरा बंदरगाह पर 1 फरवरी को पहुंचने की उम्मीद है। जिससे चना के भाव में गिरावट देखने को मिल सकती है बाकि व्यापार अपने विवेक से करे नोट :- अगर आपको धान, चावल, सरसों, सोयाबीन, और चना के लाइव भाव चाइये तो आप 500 रुपए दे कर 6 महीनो तक लाइव भाव की सर्विस ले सकते है | जिन्हे लेनी है वही व्हाट्सअप पर मैसेज करे 9518288171 इस नंबर पर खाली भाव पूछने के लिए काल या मैसेज ना करे  |

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।