त्योहारों के पहले ही गेहूं की कीमतों मे हुई भारी बढ़ोत्तरी | जाने पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में
किसान साथियो त्योहारी सीजन के दौरान भारत में गेहूं के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे रबी सीजन की मुख्य फसल पर इसका असर दिखाई दे रहा है। उपभोक्ता मामले मंत्रालय द्वारा 18 अगस्त को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, देशभर में गेहूं के रिटेल दाम 50 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुके हैं। औसत दाम 30.9 रुपये प्रति किलो है, जबकि न्यूनतम दाम 22 रुपये प्रति किलो दर्ज किया गया है। इस साल गेहूं की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया है। केंद्र सरकार के मुताबिक, 1 से 14 अगस्त के बीच किसानों को गेहूं का औसत थोक दाम 2518 रुपये प्रति क्विंटल मिला है। हालांकि, देश के विभिन्न राज्यों में गेहूं के दामों में काफी अंतर देखा जा रहा है। उदाहरण के लिए, कर्नाटक में इसी अवधि में गेहूं का थोक दाम 3302 रुपये प्रति क्विंटल रहा। यह पिछले साल की तुलना में 8.78 प्रतिशत कम है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
महाराष्ट्र में गेहूं का क्या भाव चल रहा है
देश में गेहूं की कीमतें राज्यवार अलग-अलग हैं। महाराष्ट्र में इस साल गेहूं का औसत थोक दाम 2939.82 रुपये प्रति क्विंटल रहा है, जो पिछले साल के 3450.22 रुपये प्रति क्विंटल के मुकाबले 14.79 प्रतिशत कम है। यह कमी राष्ट्रीय स्तर पर देखी गई वृद्धि के बिल्कुल विपरीत है। राष्ट्रीय स्तर पर गेहूं के दाम में इस साल 5.19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले साल गेहूं का औसत दाम 2393.43 रुपये प्रति क्विंटल था जबकि इस साल यह बढ़कर 2517.71 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। यह अंतर विभिन्न राज्यों में उत्पादन, मांग, परिवहन लागत और सरकारी नीतियों जैसे कारकों के कारण होता है।
गेहूं के आटे की कीमतों में हुई वृद्धि
गेहूं की कीमतों में वृद्धि का सीधा असर गेहूं के आटे की कीमतों पर भी पड़ा है। 18 अगस्त, 2024 को गेहूं के आटे का अधिकतम खुदरा मूल्य 65 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया। हालांकि, औसत खुदरा मूल्य 35.78 रुपये प्रति किलो रहा और न्यूनतम मूल्य 28 रुपये प्रति किलो रहा। विभिन्न राज्यों में आटे के दामों में काफी अंतर देखा जा रहा है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में आटा 32 रुपये प्रति किलो, जम्मू-कश्मीर में 41.5 रुपये प्रति किलो, हरियाणा में 33.33 रुपये प्रति किलो और महाराष्ट्र में 43.53 रुपये प्रति किलो मिल रहा है। ये अंतर स्थानीय उत्पादन, परिवहन लागत, और अन्य कारकों के कारण होते हैं। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
मंडियों में आई गेहूं की आवक में कमी
गेहूं की कीमतों में वृद्धि के साथ-साथ गेहूं की मंडियों में आवक में भी कमी देखी गई है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 1 से 14 अगस्त तक गेहूं की आवक पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 13 प्रतिशत कम रही है। इस साल इस अवधि में कुल 4,78,658 टन गेहूं की आवक हुई, जबकि पिछले साल 5,51,728 टन गेहूं की आवक हुई थी। राज्यवार देखें तो उत्तर प्रदेश में गेहूं की आवक सबसे अधिक रही है। अगस्त के पहले दो सप्ताह में उत्तर प्रदेश में 2,78,144 टन गेहूं बिका, जो पिछले साल की तुलना में 9 प्रतिशत अधिक है। हालांकि, मध्य प्रदेश में गेहूं की आवक में 26 प्रतिशत की कमी देखी गई है। इस साल मध्य प्रदेश में 1,65,347 टन गेहूं की आवक हुई, जबकि पिछले साल 2,22,931 टन गेहूं की आवक हुई थी। राजस्थान और महाराष्ट्र में भी गेहूं की आवक में क्रमशः 57 प्रतिशत और 72 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई है। गेहूं की आवक में कमी के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि सूखा, कम उत्पादन, किसानों द्वारा गेहूं का भंडारण करना, और अन्य फसलों की ओर किसानों का रुझान। यह कमी गेहूं की कीमतों में और वृद्धि का कारण बन सकती है। व्यापार अपने विवेक से करे
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।