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सरकारी उपायों के चलते गेहूं के किसानों को हो रहा नुकसान | क्या अब 2125 के उपर बिक पाएगा गेहूँ | देखें गेहूं की तेजी मंदी रिपोर्ट

सरकारी उपायों के चलते गेहूं के किसानों को हो रहा नुकसान | क्या अब 2125 के उपर बिक पाएगा गेहूँ | देखें गेहूं की तेजी मंदी रिपोर्ट

किसान साथियो पिछले 3-4 महीने से गेहूं के भाव में रिकॉर्ड तेजी देखने को मिल रही थी। दिल्ली में गेहूं 3200 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक गया था। जैसे कि अभी गेहूं का सीजन आ गया है सरकार चाहती है कि गेहूं के भाव कम हो जाएं ताकि सरकार को MSP पर गेहूं मिल सके। वैसे MSP का मतलब मिनिमम सपोर्ट प्राइस है, लेकिन सरकारी कोशिशों को देखकर लगता है कि सरकार इसे मैक्सिमम सेलिंग प्राइस बनाना चाहती है और किसी भी तरह कीमत को MSP के नीचे रखने का प्रयास किया जा रहा है जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है। आज की रिपोर्ट में हम गेहूं के भाव को लेकर बन रही सम्भावनाओं पर चर्चा करेंगे WhatsApp पर भाव पाने के लिए ग्रुप join करे

पिछले कई सालों से अमूमन 2000 रुपये प्रति क्विंटल के नीचे बिकने वाले गेहूं के 2022-23 में  जब भाव बढ़े तो इसके दो तरह के प्रभाव देखने को मिले हैं। पहला तो यह कि किसानों को शानदार भाव मिला और अच्छा खासा लाभ हुआ। दूसरा यह कि 2022-23 में बुवाई का रकबा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इसका एक यह भी असर हुआ कि पिछले साल सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर किसानों से खरीद के लिए पर्याप्त गेहूं नहीं मिला। होली के बाद क्या रहेंगे सरसों के भाव | रोके या बेचे | सरसों तेजी मंदी रिपोर्ट

देखा जाए तो किसानो और सरकार के हिसाब से ये अच्छी स्थिति है कि सरकार को किसानों से कुछ न खरीदना पड़े। किसानों को अच्छा भाव मिले और सरकार पर भी खरीद करके स्टॉक रखने का भार ना पड़े। MSP का मतलब ही यह है कि भाव इसके ऊपर रहें। हाँ यदि किसी कारणवश भाव MSP से नीचे आ जाए, तो सरकार को मदद के तौर पर किसानों से फसल खरीदना पड़े। सही व्यवस्था ऐसी ही होनी चाहिए लेकिन, गेहूं के मामले में कहानी कुछ अलग है। सरकार अपने भंडार को भरने के लिए किसानों के हित को ताक कर रखे हुए है।
पिछले साल गेहूं के भाव को कन्ट्रोल करने के लिए किए गए सरकारी प्रयासों को देखें, तो समझ आता है कि मुफ्त अनाज बांटने की सरकारी स्कीमों और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के नाम पर हमारे देश की सरकारें किसानों का गला कैसे घोंटती हैं। पिछले साल पहली बार जब कम उत्पादन और रूस यूक्रेन के युद्ध के चलते गेहूं के भाव जब बढ़ने लगे तो पहले तो सरकार ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी। इसके बावजूद भी कीमतें बढ़ना रुकी नहीं, तो भारतीय खाद्य निगम (FCI) के स्टॉक बेचना शुरू किया। ऐसा पहली बार हुआ था कि गेहूं के किसानों को

अच्छी कीमत मिल रही थी, लेकिन सरकारी प्रयासों से गेहूं आखिरकार लगभग 1000 रुपये प्रति क्विंटल नीचे आ ही गया।
गेहूं को लेकर सरकार की मुश्किल अलग है। सरकार को मुफ्त अनाज बांटने और देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किसानों से गेहूं की खरीद करनी ही पड़ती है। और भाव बढ़ने पर इस गेहूं को सस्ते दामों पर बेचना पड़ता है। बफर नियमों के मुताबिक FCI के भंडार में हर साल 1 अप्रैल तक कम से कम 74 लाख टन और 1 जुलाई तक कम से कम 275 लाख टन गेहूं होना चाहिए। लेकिन पिछले साल 2021-22 के दौरान गेहूं के दाम MSP से बहुत ऊपर होने के कारण सरकार द्वारा लक्ष्य किए गए 434 लाख टन की तुलना में सिर्फ 188 लाख टन गेहूं की खरीद की जा सकी जो खरीद लक्ष्य के आधे से भी कम था।

खुले मार्केट में गेहूं बेचने के बाद अभी हालात यह है कि FCI के गोदामों में 126 लाख टन गेहूं बचा है जिसके 1 अप्रैल तक 95 लाख टन हो जाने की संभावना है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह 2017 के बाद से इस समय तक FCI का सबसे कम भंडार है। सरकारी खरीद अमूमन अप्रैल से शुरू होती है और लगभग 4 महीनों तक चलती है। सरकार ने गेहूं का MSP 2125 रुपये प्रति क्विंटल रखा है। फ़िलहाल मध्य प्रदेश और गुजरात का अगेता गेहूं जिसकी अभी मंडियों में आवक हो रही है, उसकी कीमत 2200-2300 रुपये प्रति क्विंटल चल रही है।
ऐसे में अब सरकार को अब यह चिंता होने लगी है कि यदि गेहूं के भाव एमएसपी से ऊपर बने रहे, तो किसान सरकार को गेहूं क्यों बेचेगा। इसलिए सरकार लगातार गेहूं की कीमतों को नीचे लाने की कोशिश कर रही है और यही किसानों के लिए सबसे बुरी खबर है। गेहूं की फसल अभी खेतों में खड़ी है और अब तक के अनुमान के मुताबिक एक बार फिर रिकॉर्ड उत्पादन होने की संभावना है। 3 दिन के उछाल के बाद आज सरसों में मंदा | देखें आज के सरसों के लाइव रेट Sarso Live Rate Today 03 Mar 2023

हालांकि बढ़े हुए तापमान को लेकर कुछ कृषि विशेषज्ञ यह चिंता जता रहे हैं कि अगले 3-4 हफ्तों में, जब गेहूं की कटाई का समय होगा, उस समय तक यदि तापमान औसत से ज्यादा रहा तो गेहूं की पैदावार पर बुरा असर हो सकता है। मार्च मध्य तक मध्य प्रदेश में गेहूं की कटाई शुरू होती है, और पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में यह 5 अप्रैल के आसपास शुरू होती है।

सरकार की पूरी कोशिश है कि फसल के मंडियों में पहुंचने से पहले कीमतें MSP से नीचे आ जाएं ताकि वह गेहूं खरीद का अपना लक्ष्य पूरा कर सके। इसके लिए हाल ही में FCI ने खुले बाजार में बेचने के लिए 15 मार्च तक होने वाली ई-नीलामी में गेहूं का रिजर्व प्राइस प्रति क्विंटल 200 रुपये कम कर 2150 रुपये कर दिया है।

MSP पर इतना गेहू खरीदेगी सरकार
किसान साथियो  सूत्रों के अनुसार 01 अप्रैल 2023 से शुरू होने रबी विपणन सीजन 2023 से 2024 के लिए केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP पर 350 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य तय किया है। हाल ही में खाद्य मंत्रालय राज्य के खाद्य विभागों और भारतीय खाद्य निगम की बैठक हुई थी जिस में यह निर्णय लिया गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले रबी विपणन सीजन 2022 से 2023 में FCI ( Food Corporation of India ) द्वारा MSP पर मात्र 187.92 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पायी थी। जबकि सरकार का खरीद लक्ष्य 444 लाख टन का था।
कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू रबी सीजन में गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार 11.21 करोड़ टन होने का अनुमान लगाया गया है। उत्पादक राज्यों में साफ है इसलिए होली के बाद गुजरात और मध्य प्रदेश में गेहूं की दैनिक आवकों में बढ़ोतरी होगी। कुदरत का चमत्कार | इस गांव में बिना पानी के पैदा हो रहा गेहूं | जाने कहाँ

क्या रहेंगे आगे भाव
सरकारी प्रयासों को देखते हुए और आने वाले सीजन में बंपर उत्पादन के अनुमानित आंकड़ों पर विचार किया जाए तो ऐसा नहीं लगता कि किसानों को सीजन के पीक टाइम में 2125 यानी कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के ऊपर भाव मिलेंगे। लेकिन सवाल यह है कि क्या इसके लिए किसानों के पेट पर लात मारना सही है। हर बार उपभोक्ताओं को बचाने के लिए किसानों की बलि ही क्यों ली जानी चाहिए? यदि सचमुच सरकार उपभोक्ताओं को महंगाई से बचाना चाहती है, गरीबों को मुफ्त अनाज देकर उनकी मदद करना चाहती है, तो किसानों के लिए भी सरकार को ग्राउंड लेवल पर हमदर्दी दिखानी चाहिए। गेहूं के दाम गिराने की जगह सरकार खुले बाजार से गेहूं की खरीद करे ताकि किसानों को अधिकतम कीमत मिले।

मुख्य मंडियों में गेहूं के भाव इस प्रकार से रहे :

नरसिंहपुर मंडी गेहूँ भाव ₹ 2000

इटारसी मंडी गेहूँ भाव ₹ 2000/2050

उदयपुरा मंडी गेहूँ भाव ₹ 1800/2005

राठ मंडी गेहूँ भाव ₹ 2100

लॉरेंस मंडी गेहूँ भाव ₹ 2410 तेजी ₹ 10
आवक 5000 कट्टे 

नरेला मंडी गेहूँ भाव ₹ 2400 तेजी ₹ 20
आवक  350 कट्टे 

जबलपुर मंडी गेहूँ भाव ₹ 2000/2380 तेजी ₹ 100
आवक 300

क्या MSP के उपर बिकेगा गेहूं | देखें गेहूं की तेजी मंदी रिपोर्ट

औरैया मंडी गेहूँ भाव ₹ 2200 
आवक 200 कट्टे 

कौशाम्बी मंडी गेहूँ भाव ₹ 2225 
आवक 200 कट्टे

डबरा मंडी गेहूँ भाव ₹ 2275
आवक 200  कट्टे 

गंगानगर मंडी गेहूँ भाव ₹ 2100 मंदी ₹ 25
आवक 60 कट्टे 

इटावा मंडी गेहूँ भाव ₹ 2300 
आवक 150 कट्टे 

डिबाई मंडी गेहूँ भाव ₹ 2280 मंदी ₹ 20
आवक 100 कट्टे

ऐटा मंडी गेहूँ भाव ₹ 2170 
आवक  200 कट्टे

अतरौली मंडी गेहूँ भाव ₹ 2250 
आवक 100 बैग 

खैर मंडी गेहूँ भाव ₹ 2200 तेजी ₹ 50
आवक  50 कट्टे


नोट : से  व्यापार अपने विवेक से करें।