गेहूं के बाजार में क्या हो रही है हलचल | जाने गेहूं की तेजी मंदी रिपोर्ट में
किसान साथियों , अप्रैल मई 2024 के महीने में दिल्ली में गेहुं के भाव 2400-2500 से ज्यादा नहीं थे। लेकिन उसके बाद से ही धीरे-धीरे मामूली तेजी मंदी के ट्रेंड को फॉलो करते हुए आज गेहुं के रेट 3000 के पार हो गए हैं । हाल के 15-20 दिनों में गेहूं की कीमतों में उल्लेखनीय तेजी देखने को मिल रही है। इस तेजी के पीछे खरीदारों की बढ़ती मांग और बिकवालों की मौजूदा रेट पर गेहूं ना बेचने की वज़ह शामिल है। उपर से सरकार द्वारा फिलहाल ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) को लागू न करने के निर्णय ने भी आग में घई का काम किया है। इस समय समूचे भारत में गेहू की स्थिति मजबूत बनी हुई है।
अलग अलग केंद्रों से क्या मिल रही है रिपोर्ट
मंगलवार को गेहूं के भाव नयी ऊंचाई को छूते नजर आए।
दिल्ली: गेहूं की कीमतों में 5 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई, जिससे यह 30,25 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गई।
उत्तर प्रदेश: यहां भी 5 रुपये की वृद्धि दर्ज की गई और कीमतें 28,65 रुपये प्रति क्विंटल हो गईं।
उत्तराखंड: यहां सबसे ज्यादा 7.5 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई और कीमतें 28,87.50 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गईं।
दक्षिण भारत: दक्षिणी बाजार में 20 रुपये की बढ़त के साथ कीमतें 32,00 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गईं।
मध्य प्रदेश और राजस्थान: इन राज्यों में 10 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि के बाद कीमतें 28,70 रुपये प्रति क्विंटल हो गईं।
गुजरात: यहां भी 10 रुपये की वृद्धि दर्ज की गई, जिससे कीमतें राजस्थान के समान स्तर पर यानी 28,70 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गईं।
कोलकाता: यहां कीमतें 30,30 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रहीं, जबकि बिहार में 5 रुपये की वृद्धि के बाद कीमतें 29,05 रुपये प्रति क्विंटल हो गईं।
भारतीय खाद्य निगम (FCI) के पास OMSS के लिए स्टॉक की क्या है स्थिति
FCI के पास OMSS के तहत 2 मिलियन मीट्रिक टन गेहूं उपलब्ध है, साथ ही अप्रत्याशित परिस्थितियों के लिए अतिरिक्त 2 मिलियन मीट्रिक टन का भंडार रखा गया है। हालांकि, अभी तक सरकार ने OMSS को बाजार में लागू नहीं किया है, जिससे कीमतों में बड़ी गिरावट की उम्मीद नहीं है।
आयात और शुल्क की भूमिका
विश्लेषकों का मानना है कि वर्तमान में शून्य शुल्क पर आयात की संभावना बेहद आकर्षक है। यहां तक कि 44% प्रभावी शुल्क के साथ भी, निकट भविष्य में आयात किया जा सकता है। इस कारण से, बाजार विशेषज्ञों का अनुमान है कि कीमतों की ऊपरी सीमा 3400 से 3425 रुपये प्रति क्विंटल तक जा सकती है, जिससे 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल की संभावित वृद्धि हो सकती है।
क्या और तेज होंगे गेहूं
किसान साथियो और व्यापारी भाइयों त्यौहारी सीज़न शुरू हो चुका है और त्यौहारी सीज़न की मांग को देखते हुए गेहूं की सप्लाई पर्याप्त नहीं दिख रही है। सरकार के अड़ियल रवैये को देखते हुए निकट भविष्य में OMSS के जरिए गेहूं बाजार में आएगा ऐसा नहीं लगता। आयात पर कोई निर्णय ना होने की स्थिति में इसलिए यहां से आगे गेहूं में दिवाली तक 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी और सम्भावित है । आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गेहूं की कीमतें अब सरकार की सक्रियता पर निर्भर रहेंगे। इसलिए आपको सतर्क रहना होगा और सरकार के अगले कदम की जानकारी लेने की कोशिश होनी चाहिए और इसी आधार पर व्यापार करने की सलाह दी जाती है।
👉 चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट
👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव
👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें
About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।