दलहन के बाजार में क्या हो रही है हलचल | रिपोर्ट में जाने
उड़द बाजार रिपोर्ट
गुरुवार को उड़द के भाव में मिश्रित रुख रहा। घरेलू बाजार में दाल मिलों की बढ़ती खरीद से कीमतों में तेजी देखी गई, वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बर्मा से आयातित उड़द के भाव कमजोर हो गए।
चेन्नई में उड़द एफएक्यू के मई-जून शिपमेंट के 5 डॉलर गिरकर 795 डॉलर/टन C&F, जबकि एसक्यू के भाव 5 डॉलर घटकर 875 डॉलर/टन C&F बोले गए।
चेन्नई में घरेलू उड़द एफएक्यू 100 रुपये तेज होकर ₹6,925–6,950/क्विंटल, एसक्यू ₹7,550/क्विंटल
दिल्ली में एफएक्यू ₹7,325–7,350/क्विंटल (स्थिर), एसक्यू ₹7,875–7,900/क्विंटल (तेजी ₹25)
मुंबई में एफएक्यू ₹7,050/क्विंटल (तेजी ₹25)
कोलकाता में एफएक्यू ₹7,000/क्विंटल (स्थिर)
गुंटूर में उड़द पॉलिश ₹7,200/क्विंटल (स्थिर)
विजयवाड़ा में उड़द पॉलिश ₹7,300/क्विंटल (स्थिर)
बाजार विश्लेषण के अनुसार बर्मा एवं ब्राजील से नई उड़द फसल का उत्पादन ज्यादा है, जिससे भावों पर दबाव रह सकता है। लेकिन घरेलू मंडियों में जबलपुर लाइन की आवक आने और खपत के सीजन से मांग बनी रहने की उम्मीद है।
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अरहर बाजार रिपोर्ट
साथियो आज अरहर के बाजार में गुरुवार को मिलाजुला रुख रहा।
चेन्नई में लेमन अरहर के C&F भाव ₹785/टन (स्थिर)
चेन्नई लोकल मंडी में लेमन अरहर भाव 150 रुपये तेज होकर ₹6,800/क्विंटल
दिल्ली में लेमन अरहर ₹7,100/क्विंटल (स्थिर)
मुंबई में लेमन अरहर ₹6,800/क्विंटल (150 रुपये मंदी के बावजूद स्थिर)
देसी अरहर
कटनी में देसी अरहर के भाव में तेजी
अकोला में देसी अरहर में कमजोरी
अन्य मंडियों में भाव स्थिर
मुंबई में अफ्रीकी अरहर (सूडान, गजरी, मतवारा, सफेद) ₹6,200 से ₹6,600/क्विंटल के बीच स्थिर
व्यापारियों के अनुसार स्टॉकिस्ट अरहर में नीचे बिकवाली नहीं कर रहे और शादी-विवाह के सीजन के चलते मांग बनी हुई है।
चना बाजार रिपोर्ट
चना में लगातार दूसरे दिन भावों में तेजी रही।
दिल्ली में राजस्थान का बेस्ट चना ₹5,850–5,875/क्विंटल (तेजी ₹25)
मध्य प्रदेश का चना ₹5,800–5,825/क्विंटल (तेजी ₹25)
उत्पादक राज्यों में आवक घटने और स्टॉकिस्टों के सक्रिय होने से दाम में सुधार आया है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया से आयातित चना के स्टॉक अधिक होने के कारण बड़ी तेजी के आसार नहीं हैं।
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मसूर बाजार रिपोर्ट
देसी मसूर के भाव लगातार तीसरे दिन 50 रुपये तेज हुए, जबकि आयातित मसूर स्थिर रही।
दिल्ली में देसी मसूर बिल्टी ₹6,800–6,825/क्विंटल (तेजी ₹50)
पटना में देसी मसूर ₹6,550/क्विंटल (स्थिर)
मुंद्रा पोर्ट ₹6,000–6,025/क्विंटल (स्थिर)
कांडला पोर्ट ₹6,025/क्विंटल (स्थिर)
हजीरा पोर्ट ₹6,050–6,075/क्विंटल (स्थिर)
कनाडा कंटेनर मसूर ₹6,250/क्विंटल (स्थिर)
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की मंडियों से आवक घटने और उत्पादन अनुमान कम होने से तेजी बनी है, लेकिन सरकारी बिकवाली के चलते एकतरफा तेजी की संभावना कम है।
मूंग बाजार रिपोर्ट
दूसरे दिन भी मूंग के भाव तेज बने रहे।
इंदौर में बोल्ड मूंग ₹8,250–8,300/क्विंटल (तेजी ₹100)
जयपुर में मूंग बिल्टी ₹6,900–7,800/क्विंटल (तेजी ₹200)
जलगांव में चमकी मूंग ₹7,500–8,150/क्विंटल (स्थिर)
अकोला में चमकी मूंग ₹8,100/क्विंटल (लगातार दूसरे दिन तेजी ₹100)
उत्पादक मंडियों में आवक कम हुई है और समर सीजन की मूंग की नई आवक में अभी समय है। हालांकि सरकार की बिकवाली और स्टॉक की उपलब्धता के चलते एकतरफा बड़ी तेजी नहीं देखी जा रही है।
भारत में आयातित दालों की आपूर्ति प्रवृत्तियों में हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण परिवर्तन देखे गए हैं। नीचे 2025 के लिए प्रमुख आयातित दालों की आपूर्ति प्रवृत्तियों का विश्लेषण प्रस्तुत है:
2024 vs 2025
2024 में आयात में वृद्धि: भारत ने 2024 में लगभग 6.63 मिलियन टन दालों का आयात किया, जो 2023 के 3.31 मिलियन टन के मुकाबले दोगुना है।
2025 में संभावित गिरावट: भारतीय पल्स एंड ग्रेन्स एसोसिएशन (IPGA) के अनुसार, 2025 में दालों का आयात 4-4.5 मिलियन टन तक घट सकता है, जो 2023-24 के 4.74 मिलियन टन से कम है।
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कितना बढ़ा आयात
मसूर (लेंटिल्स): भारत ने 2024 में कनाडा से 1.2 मिलियन टन से अधिक लाल मसूर का आयात किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना है।
अरहर (पिजन पी): 2024 में अरहर का आयात 28% बढ़ा।
उड़द (ब्लैक मैटपे): 2024 में उड़द का आयात 28% बढ़ा।
चना (चिक पी): 2024 में चना का आयात 574,000 टन रहा, जो 2023 के 131,000 टन से चार गुना अधिक है।
आयात बढ़ने के क्या हैं कारण
घरेलू उत्पादन में गिरावट: 2023-24 में भारत का दाल उत्पादन 24.25 मिलियन टन रहा, जो 2022-23 के 26 मिलियन टन से कम है।
बढ़ती मांग: भारत की दालों की मांग 2030 तक 40 मिलियन टन तक पहुंचने की उम्मीद है, जबकि वर्तमान उत्पादन लगभग 26 मिलियन टन है।
नीतिगत निर्णय: सरकार ने 2024 में दालों पर आयात शुल्क हटाया, जिससे आयात में वृद्धि हुई।
सप्लाई को लेकर क्या है रूझान
आयात में संभावित गिरावट: 2025 में आयात 4-4.5 मिलियन टन तक घट सकता है, जो 2023-24 के 4.74 मिलियन टन से कम है।
नीतिगत बदलाव: सरकार ने 2025 में आयात पर नियंत्रण के लिए शुल्क लगाने की योजना बनाई है।
घरेलू उत्पादन में वृद्धि: सरकार ने 2030 तक दालों का उत्पादन 30 मिलियन टन तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
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प्रमुख आपूर्तिकर्ता देश
कनाडा: मसूर और पीली मटर के प्रमुख आपूर्तिकर्ता।
म्यांमार: उड़द और अरहर के प्रमुख आपूर्तिकर्ता।
ऑस्ट्रेलिया: मसूर और चना के प्रमुख आपूर्तिकर्ता।
रूस: हाल ही में मसूर और पीली मटर के नए आपूर्तिकर्ता के रूप में उभरा है।
अफ्रीकी देश: मोज़ाम्बिक और तंजानिया से अरहर और उड़द का आयात होता है।
ओवर ऑल आयात रूझान
भारत में दालों की आयातित आपूर्ति प्रवृत्तियाँ 2025 में स्थिर रहने की संभावना है, क्योंकि सरकार घरेलू उत्पादन बढ़ाने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए विभिन्न उपाय कर रही है। हालांकि, मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए आयातित दालों की भूमिका महत्वपूर्ण बनी रहेगी। व्यापार अपने विवेक से करें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।