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आने वाले कुछ दिनों में क्या रह सकता है गेहूं का रेट | जाने क्या कहते हैं जानकार

आने वाले कुछ दिनों में क्या रह सकता है गेहूं का रेट | जाने क्या कहते हैं जानकार
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किसान साथियो और व्यापारी भाइयो गेहूं के बढ़े हुए भावों पर मुनाफा वसूली के चलते बिकवाली चल रही है, जिसके कारण बाजार में पिछले दो दिनों में 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई है। रोलर फ्लोर मिलों में पिसाई के लिए स्टॉक की कमी नहीं है, लेकिन सरकारी टेंडर के माल की लगातार आपूर्ति होने के कारण, अब आगे तेजी आने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। इसलिए, अगर आपने गेहूं को स्टॉक कर रखा है तो यही सही समय है गेहूं को बेचने का। क्योकि आगे तेजी देखने को नहीं मिलेगी। आने वाले समय में गिरावट ही देझने को मिलेगी और व्यापारियों का तो यह भी कहना है की इस महीने के बाद कीमतों में 200 रुपये तक की गिरावट आने की संभावना है। पिछले 10 दिनों में गेहूं की कीमतों में 350 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है, जिसके बाद व्यापार 2990/3000 रुपये प्रति क्विंटल पर हो रहा है। गेहूं की पल पल की जानकारी पाने के लिए ले हमरी प्रीमियम सर्विस केवल 500 रूपये में 6 महीनो तक लेने के लिए 9518288171 पर मैसेज या कॉल करे | कुछ व्यापारी और चक्की मालिक सरकारी टेंडर में कम कीमत पर गेहूं खरीदकर बाजार में तेजी आने पर मुनाफा कमा रहे हैं, जिसका बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

गेहूं से बने उत्पादों की खासी है मांग
उत्तर प्रदेश में आटा, मैदा और सूजी की मांग में पहले की तुलना में कमी आई है। राज्य की रोलर फ्लोर मिलें अपनी क्षमता के अनुसार चल रही हैं, और उन्हें गेहूं भी उचित दामों पर मिल रहा है। महाकुंभ के कारण बढ़ी हुई खपत अब समाप्त हो गई है, जिससे गेहूं की मांग में कमी आई है। दूसरी ओर, मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा क्षेत्र में नई गेहूं की फसल की आवक शुरू हो गई है, और अगले दस दिनों में फसल का दबाव और बढ़ने की संभावना है। अगले महीने उत्तर भारत में भी गेहूं की नई फसल आने वाली है। बड़ी कंपनियां अपने स्टॉक की बिक्री कर रही हैं, और मक्की के भाव भी कम हो रहे हैं। इन सभी कारणों से गेहूं की कीमतों में अब तेजी की संभावना नजर नहीं आ रही है।

गेहूं के भाव में आगे क्या रह सकता है
गेहूं की कीमतों में फिलहाल उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। बाजार में गेहूं 3000 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रहा है, लेकिन छोटी चक्कियां और फ्लोर मिलें ऊंची कीमतों के कारण खरीद से बच रही हैं। उन्हें डर है कि ऊंचे दामों पर आटा, मैदा और सूजी बेचना मुश्किल होगा। इसके अलावा, व्यापारियों को यह भी चिंता है कि अगले महीने हरियाणा और पंजाब में नई फसल आने से कीमतें गिर सकती हैं और सरकार भी कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कोई कदम उठा सकती है। पहले दिल्ली में गेहूं की कमी थी, लेकिन नई फसल आने और सरकार की बिक्री नीति के चलते कीमतों में गिरावट आई है। वर्तमान में, गेहूं की बुआई को देखते हुए सरकारी आंकड़ों के अनुसार 1160 लाख मीट्रिक टन उत्पादन का अनुमान है। गेहूं की पल पल की जानकारी पाने के लिए ले हमरी प्रीमियम सर्विस केवल 500 रूपये में 6 महीनो तक लेने के लिए 9518288171 पर मैसेज या कॉल करे | हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि समय से पहले गर्मी शुरू होने से पैदावार में कमी आ सकती है। दूसरी ओर, गेहूं की कीमतें काफी बढ़ी हुई हैं और सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जिस पर मध्य प्रदेश और राजस्थान में 175 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस भी मिल रहा है। यानि कुल मिला कर किसानो को 2600 रुपये प्रति क्विंटल भाव मिलेंगे व्यापारियों का कहना है की अगर गिरावट की बात की जाये तो आने वाले दिनों में मंडियों में गेहूं का भाव 2750 से 2850 रूपये तक रह सकते है बाकि व्यापार अपने विवेक से करे

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।