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सरसो में शनिवार की मंदी के बाद अगली चाल की क्या है तैयारी | जाने पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में

सरसो में शनिवार की मंदी के बाद अगली चाल की क्या है तैयारी | जाने पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में
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किसान साथियो और व्यापारी भाइयो, मंडी भाव टुडे और मंडी मीडिया ग्रुप की कल की रिपोर्ट में हमने स्पष्ट किया था कि बड़ी तेजी के बाद मुनाफावसूली स्वाभाविक प्रक्रिया है और शनिवार को बाजार में यही देखने को मिला। सरसों के भाव में ₹50 से ₹100 तक की गिरावट दर्ज हुई। कई मंडियों में सरसों के भाव फिर से MSP से नीचे फिसल गए। इस गिरावट के पीछे मुख्य वजह केवल मुनाफा वसूली ही नहीं, बल्कि वित्तीय वर्ष के अंतिम सप्ताह में व्यापारियों की खरीद में रुचि कम होना भी रहा। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि मंगलवार को बाजार किस दिशा में खुलेंगे। सरसों की पल पल की जानकारी पाने के लिए ले हमरी प्रीमियम सर्विस केवल 500 रूपये में 6 महीनो तक लेने के लिए 9518288171 पर मैसेज या कॉल करे | इसी सवाल के उत्तर को समझने के लिए मंडी भाव टुडे ने एक फंडामेंटल रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें देशी व विदेशी बाजार, सरकारी खरीद, उत्पादन अनुमान, गुणवत्ता और मंडियों की स्थिति का विश्लेषण किया गया है।

 ताजा मार्केट अपडेट
शनिवार को बाजार खुलते ही दबाव में आ गए। दिल्ली मंडी में सरसों का भाव ₹6150 रहा, जिसमें ₹75 की गिरावट आई। चरखी दादरी में सरसों का रेट ₹6125 रहा, ₹50 की गिरावट के साथ। जयपुर मंडी में सुबह भाव ₹6325 रहे लेकिन दिन के अंत तक ₹25 की गिरावट के साथ ₹6300 पर बंद हुए। भरतपुर मंडी बंद रही, पर आसपास की मंडियों में भाव ₹5901 तक रिपोर्ट किए गए, जो लगभग ₹150 की कमजोरी दर्शाते हैं।

 सलोनी प्लांट पर सरसों के भाव स्थिर रहे।
अन्य मंडियों की स्थिति इस प्रकार रही: अलवर मंडी ₹6000, बरवाला मंडी ₹5800, हिसार मंडी ₹5900, मुरैना मंडी ₹6000, ग्वालियर मंडी ₹5950, खैरथल मंडी ₹5950, टोंक मंडी ₹5734, निवाई मंडी ₹5750, गंगापुर सिटी मंडी ₹5975, शिवानी मंडी ₹5800 प्रति क्विंटल। सरसों तेल के भाव भी नरम रहे दिल्ली में ₹1300 और चरखी दादरी में ₹1285 प्रति 10 किलो पर बंद हुए, ₹10 से ₹15 की कमजोरी के साथ।

 विदेशी बाजारों की अपडेट
मलेशिया डेरिवेटिव एक्सचेंज पर जून डिलीवरी वाला पाम ऑयल कॉन्ट्रैक्ट शुक्रवार को 2.5% बढ़कर 4,420 रिंगित ($990.64/टन) पर बंद हुआ, जो साप्ताहिक रूप से 1% की बढ़त दर्शाता है। चीन के डालियन एक्सचेंज पर सोया ऑयल में 0.71% और पाम ऑयल में 2.48% की तेजी रही। CBOT सोया ऑयल वायदा शुक्रवार को 45.68 सेंट पर बंद हुआ, जिसमें 0.93 सेंट की तेजी रही। सरसों की पल पल की जानकारी पाने के लिए ले हमरी प्रीमियम सर्विस केवल 500 रूपये में 6 महीनो तक लेने के लिए 9518288171 पर मैसेज या कॉल करे | हालांकि, इंडोनेशिया में स्टॉक बढ़ने से आगामी तेजी सीमित रह सकती है। GAPKI के अनुसार, जनवरी के अंत में इंडोनेशिया का पाम ऑयल स्टॉक 13.98% बढ़ा है। यदि ईद 31 मार्च को होती है तो मलेशिया में सोमवार और मंगलवार को ट्रेडिंग बंद रहेगी, अन्यथा केवल मंगलवार को बंदी हो सकती है। फिलहाल CBOT और BMD के बीच प्राइस स्प्रेड -$14.71 प्रति टन है। कुल मिलाकर विदेशी बाजारों का रुझान हल्की तेजी का बना हुआ है।

 सरकारी खरीद और MSP स्थिति
भरतपुर, राजस्थान में सरसों भाव ₹5800 से ₹5900 के बीच चल रहे हैं, जबकि MSP ₹5950 है। यानी किसान को सही दाम नहीं मिल रहा। इसलिए वे मंडी में अपना माल लेकर नहीं आ रहे। यही कारण है कि पीक समय होने के बावजूद सरसों की आवक नहीं बढ़ रही है। राजस्थान में अभी तक सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई है कृषि मंत्रालय ने रबी सीजन के लिए 28 लाख टन सरसों की खरीद की मंजूरी दी है। इसमें से 15 लाख टन की खरीद का लक्ष्य राजस्थान में रखा गया है, राजस्थान से कितनी मात्रा में खऱीद होगी यह घोषणा अभी तक नहीं हुई है, लेकिन बुवाई 33.8 लाख हेक्टेयर में हुई है और उत्पादन अनुमान 55 लाख टन का है। पिछले वर्ष यह उत्पादन 62 लाख टन था। यानी इस बार उत्पादन घटने की संभावना है।

 राज्यवार लक्ष्य:
मध्य प्रदेश: 4.9 लाख टन
उत्तर प्रदेश: 4.79 लाख टन
हरियाणा: 3.36 लाख टन
गुजरात: 1.29 लाख टन
छत्तीसगढ़: 3,050 टन
असम: 62,744 टन

 सरसों की आवक और गुणवत्ता का क्या है रूझान
देशभर में नई सरसों की भारी आवक शुरू हो गई है। पिछले दो तीन दिन की आवक को छोड़ दें तो रोजाना 13-15 लाख बैग की सरसों मंडियों में आ रही है, जिनमें से 7.5-8 लाख बैग राजस्थान से हैं। इस साल सरसों की गुणवत्ता अच्छी है — नमी 2-3% और तेल प्रतिशत 40% से 43% के बीच है।

 अन्य सरकारी अपडेट
सरकार ने 50 लाख टन दलहन और 28 लाख टन तिलहन की खरीद की मंजूरी दी है। मूंगफली की 15 लाख टन और सोयाबीन की 20 लाख टन खरीद पहले ही खरीफ सीजन में की जा चुकी है। तेलंगाना में मूंगफली और सूरजमुखी की सीमित खरीद को मंजूरी दी गई है। भारत में खाद्य तेल का 58% और दलहनों का 15-18% आयात होता है, जिससे घरेलू किसानों पर दबाव बढ़ रहा है।

 अगले हफ्ते कैसे चलेगा बाजार
पिछले हफ्ते जयपुर में सरसों का भाव लगभग 225 रुपए तक बढ़ा है। लगभग इतनी ही तेजी सोयाबीन के भाव में भी बनी है। शनिवार को बाजार में मुनाफा वसूली के कारण कमजोरी दिखी है। इसके अलावा टेरिफ को लेकर भी भारत और अमेरिका में बातचीत चल रही है जिससे बाजार सतर्क है। वित्तीय वर्ष की क्लोजिंग का भी शनिवार के बाजार पर असर पड़ा है। मंडियों में MSP से कमजोर भाव मिलने के कारण किसान अपनी फसल को मंडियों में लेकर नहीं आ रहे हैं लेकिन पिछले दिनों आए भाव में सुधार के कारण अगले हफ्ते से आवक का दबाव बढ़ सकता है। हमारा मानना है कि अगले हफ्ते सरसों में आवक नहीं बढ़ती है तो आगे चलकर बढ़ने वाली है भी नहीं। ऐसी स्थिति में इसे उत्पादन में पोल मानकर चलना चाहिए। सरसों की पल पल की जानकारी पाने के लिए ले हमरी प्रीमियम सर्विस केवल 500 रूपये में 6 महीनो तक लेने के लिए 9518288171 पर मैसेज या कॉल करे | और यह भाव को उपर में कहीं तक भी लेकर जा सकता है। गौरतलब है कि पिछले साल जब उत्पादन में पोल होने की खबर बाहर आयी थी तो सरसों का भाव 1 मई से 31 मई 2024 के बीच 30 दिन में ही 1000 रुपये तेज हो गया था। कहने का मतलब है कि सरसों की कमजोर आवक तेजी का संकेत है। हालांकि अभी आवक बढ़ने का इंतजार करना चाहिए। इस साल सरसों की गुणवत्ता बेहतर है और सरकारी खरीद शुरू होते ही बाजार में समर्थन मिल सकता है। अगर आवक में ज़बरदस्त बढ़ोतरी होती है तो मंगलवार को बाजार पर 50-100 रुपये का दबाव आ सकता है। अगर ऐसा नहीं होता है तो सरसों में तेजी का सिलसिला जारी रहने वाला है। जो साथी सरसों खरीदना चाहते वे इस हफ्ते पोजीशन ले सकते हैं। व्यापार अपने विवेक से करें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।