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लहसून के बाजार में क्या है हलचल | लहसून के भाव बढ़ेंगे या घटेंगे | जाने रिपोर्ट में

What is the buzz in the garlic market
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किसान साथियों पिछले 2 साल से लहसुन का उत्पादन करने वाले किसानों में खुशी का ठिकाना नहीं है। अच्छा उत्पादन होने के साथ-साथ भाव भी अच्छे मिल रहे हैं। इस समय MP की मंडियों में लहसून के भाव 10000 से लेकर 24000 तक बोले जा रहे हैं।  कृषि विभाग ने इस साल रबी सीजन में लहसुन के रकबे में करीब 37000 हेक्टेयर क्षेत्र की वृद्धि की उम्मीद जतायी हैं। बाजार के कुछ जानकारों का अनुमान है कि उत्पादन बढ़ने के कारण इस साल लहसुन का औसत भाव थोड़ी कमजोरी की तरफ जा सकता है। जबकि अन्य का मानना है कि लहसून की बढ़िया ग्राहकी निकल रही है और आने वाले समय में लहसून में और तेजी आएगी। दोस्तो आज की रिपोर्ट में हम लहसुन की तेजी मंदी का  विश्लेषण करके यह पता लगाने की कोशिश की बाजार की दिशा दशा क्या रह सकती है। अगर आपके पास लहसुन का स्टॉक पड़ा हुआ है तो आपको यह रिपोर्ट जरूर देखनी चाहिए। 

रकबा को लेकर क्या है स्थिति 
देश में सबसे ज्यादा लहसुन मध्यप्रदेश में होता है, और उसके बाद राजस्थान का स्थान आता है। इस बार कोटा, बूंदी, बारां, और झालावाड़ में लहसुन की पैदावार बहुत अधिक हुई है। पिछले सीजन में यहां 51,448 हेक्टेयर में लहसुन बोई गई थी, जिसमें करीब 2,96,278 मीट्रिक टन का उत्पादन हुआ था। भावों को देखते हुए इस वर्ष रकबा बढ़कर 88,207 हेक्टेयर होने की उम्मीद है, जिससे लहसुन के उत्पादन का अनुमान 5,90,906 मीट्रिक टन तक पहुंच सकता है। 

क्या रही थी तेजी की वज़ह 
किसान साथियों आपने देखा ही होगा कि इस साल मध्यप्रदेश में लहसुन की कीमत 33 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक भी पहुंच गई। पिछले दो सालों से अच्छी मांग के चलते किसानों को अच्छे भाव मिले हैं, लेकिन दो साल पीछे जाएं तो साल 2020-21 और 2021-22 में इसके भावों में भारी गिरावट आई थी । विशेषकर वर्ष 2021-22 में लहसुन के भाव सबसे सबसे ज्यादा पिटे थे । इस कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। यही बड़ी वज़ह रही कि किसानों ने लहसून की खेती से मुह मोड़ लिया जिसके कारण अगले सीजन में लहसुन का रकबा कम हो गया था। परंतु इस साल लहसुन की अच्छी पैदावार देखने को मिली है और भाव भी ठीक ठाक देखने को मिल रहे है। भाव की बात करें तो इस बार राजस्थान की हाड़ौती क्षेत्र की मंडियों में लहसुन के भाव 25 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गए थे। औसत भाव 12 से 16 हजार रुपए प्रति क्विंटल के तो सबको मिले हैं । 

इंदौर मंडी से क्या है अपडेट 
किसान साथियों आज इंदौर मंडी की चौतराम मंडी में लहसुन की 4000 से 4500 कट्टे की आवक देखने को मिली । पुडी ,लड्डू और मीडियम माल मे आज इंदौर मंडी में मोटा मोटा तोर पर मानेंगे तो बाजार मे 500 से 800 रुपये तेजी देखने को मिली है आज इंदौर मंडी में बढ़िया लहसुन का भाव 17810 प्रति कुंतल से बिक रहा है सुपर क्वालिटी लहसुन का भाव 18890 प्रति क्विंटल से बिका | मिक्स मॉल में लहसुन 15150  से 15700 रुपए प्रति क्विंटल तक से बिकी है और बारीक लहसुन (मीडियम लड्डू ) माल आज 11900 रुपये प्रति क्विंटल बिकी रही है । लहसुन में पुडी क्वालिटी का माल 8210 से 9700 प्रति क्विंटल में बिका। 

मंदसौर और नीमच मंडी से क्या है अपडेट 
बात मंदसौर मंडी की करें तो यहाँ पर आज 9 जुलाई को 5 से 6 हजार कट्टे की आवक देखने को मिली है। उपर में भाव 21000 रुपये प्रति क्विंटल तक और कमजोर माल में 10000 तक के भाव देखने को मिले हैं। नीमच मंडी में आज 9 जुलाई को ऊटी क्वालिटी का लहसून 22000 रुपये प्रति तक बिका है। जबकि देशी लहसून में भाव 20000 रुपये प्रति क्विंटल तक के हैं। नीमच मंडी में आवक 5 से 6 हजार कट्टे के आसपास है। 

बांग्लादेश को हो रहा है निर्यात 
किसान साथियों जैसा की आप जानते हो की देश से लहसुन का निर्यात बांग्लादेश में होता है, लेकिन अन्य देशों जैसे यूएई, ईरान आदि देशों से लहसुन की मांग बनी रहती है क्योंकि लहसुन और प्याज के पेस्ट, पाउडर और फ्लैक्स बनाए जाते है लहसुन के भावों में उतार-चढ़ाव के पीछे मांग और आपूर्ति के अनुपात के अलावा विदेशों से चुपचाप आने वाला लहसुन भी एक महत्वपूर्ण कारण है। विशेषज्ञों के अनुसार जब देश में खपत से ज्यादा विदेशी लहसुन आ जाता है तो इसके भाव बहुत कम हो जाते हैं। विशेष रूप से, चीन और अफगानिस्तान से लहसुन आता है। भावों पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार ने लहसुन के आयात पर 200 प्रतिशत शुल्क लगा रखा है।

लहसुन उत्पादक किसानों की उम्मीदों को वर्ष 2022-23 में पंख लग गए थे। वैसे ही इस वर्ष लहसुन के भावों अच्छे मिल जाए ऐसी उम्मीद है | इस साल अच्छी गुणवत्ता वाला लहसुन 25 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक के उच्च स्तर के भाव पर बिका। हालांकि औसत भाव 11 से 20 हजार रुपए प्रति क्विंटल रहा।

संभाग में इस वर्ष इतना हुआ उत्पादन

जिला

रकबा (हेक्टेयर)

उत्पादन (मीट्रिक टन)

कोटा

11,909

80,981

बारां

22,631

161,131

झालावाड़

15,676

94,056

बूंदी

2,032

5,110

2024-25 में संभावित रकबा

जिला

संभावित रकबा (हेक्टेयर)

कोटा

21,800

बारां

31,211

झालावाड़

33,032

बूंदी

2,164

इस वर्ष लहसुन का रकबा वर्ष 2024-25 में गत वर्ष की तुलना में भारी स्तर पर बढ़ने की उम्मीद है। इस वर्ष करीब 36,759 हेक्टेयर में अधिक बुवाई होना संभावित है। हालांकि, लहसुन की फसल में अधिक पानी की जरूरत पड़ती है।

कैसे चल सकता है लहसून का बाजार 
दोस्तों पिछले सप्ताह में चीन से कुछ जगहों पर माल आने की खबर मार्केट में फैल गई थी। इसके चलते किसानो में थोड़ी सी घबराहट बन गई थी जिसके कारण किसानो ने एक दम से लहसून की आवक बढ़ा दी। यही वज़ह रहीं की पिछले हफ्ते भाव थोड़े से नर्म ही रहे। सोमवार को नीमच मंदसौर और इंदौर मंडी में सेंटर पर ग्राहकी थोड़ी सी कमजोर ही रही है। लेकिन आज 9 जुलाई को ग्राहकी अच्छी देखने को मिल रही है। हालांकि चीन के माल की आवक का डर बना हुआ है इसलिए बाजार तेज ना होकर स्थिर रह सकता है।  दोस्तो व्यापार आपको अपने विवेक से ही करना है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।