सोयाबीन के बाजार को लेकर क्या कहते हैं जानकार | जाने सोयाबीन की तेजी मंदी रिपोर्ट
भारत में सोयाबीन का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है, लेकिन वैश्विक स्तर पर इसका योगदान केवल 3% है। विश्व के 81% सोयाबीन का उत्पादन ब्राजील, अमेरिका और अर्जेंटीना से होता है। भारत में सोयाबीन तेल की खपत का 50% से अधिक हिस्सा आयात किया जाता है। देश में सोयाबीन तेल की इतनी अधिक मांग होने के बावजूद, किसानों और व्यापारियों को इसका पर्याप्त लाभ नहीं मिल पाता है। इसका मुख्य कारण सोयाबीन तेल और अन्य उत्पादों का भारी मात्रा में आयात है। जब आयातित माल घरेलू बाजार में पहुंचता है, तो देशी उत्पाद उससे प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाते हैं। इसका सबसे बड़ा नुकसान किसानों को होता है, जो अधिक लागत पर खेती करते हैं। जब उनकी उपज बेचने का समय आता है, तो आयातित उपज उनसे आगे निकल जाती है और उनका माल नहीं बिक पाता है। दालों और सोयाबीन के मामलों में यही स्थिति देखी जा रही है। यही कारण है कि किसान अच्छे दामों के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं। नोट :- अगर आपको धान, चावल, सरसों, सोयाबीन, और चना के लाइव भाव whatsapp पर चाहिए तो आप 500 रुपए दे कर 6 महीनो तक लाइव भाव की सर्विस ले सकते है | जिन्हे लेनी है वही व्हाट्सअप पर मैसेज करे 9518288171 इस नंबर पर खाली भाव पूछने के लिए काल या मैसेज ना करे |
क्यों गिर रही है सोयाबीन की कीमते
सोयाबीन के दामों में गिरावट का मुख्य कारण आयात में वृद्धि है, जो देश में सोयाबीन के उत्पादन में कमी के कारण हुआ है। जब उत्पादन कम होता है, तो मांग को पूरा करने के लिए सरकार को आयात पर निर्भर रहना पड़ता है, जिससे किसानों की उपज के दाम गिर जाते हैं। भारत में सोयाबीन की खेती का रकबा लगातार कम हो रहा है, और कटाई के बाद 12-15% तक नुकसान होता है, जिसे कम करना आवश्यक है। कोविड-19 महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध ने वैश्विक सोयाबीन आपूर्ति को बाधित किया है, जिससे सोयाबीन तेल की कीमतों में 140% तक की वृद्धि हुई है। भारत, जो एक प्रमुख आयातक है, में व्यापारी आयातित सोयाबीन से तेल निकालकर मुनाफा कमाते हैं, जबकि किसानों को उनकी उपज के लिए उचित मूल्य नहीं मिल पाता है।
सोयाबीन बाजार में गिरावट
मध्य प्रदेश की इंदौर मंडी में सोयाबीन के दामों में 20 रुपये प्रति 100 किलोग्राम की गिरावट दर्ज की गई, जिससे कीमतें 3,480-4,100 रुपये तक पहुंच गईं। मंडी में सोयाबीन की आवक में 100 बोरी की वृद्धि हुई और यह 4,500 बोरी हो गई। व्यापारी नरेंद्र पोरवाल ने चिंता जताई है कि यदि सोयाबीन के दाम इसी प्रकार गिरते रहे, तो किसान अन्य फसलों की ओर रुख कर सकते हैं। राजस्थान के कोटा मंडी में भी सोयाबीन के दाम 21 रुपये घटकर 4,100 रुपये प्रति 100 किलोग्राम हो गए, जबकि आवक 10,000 बोरी पर स्थिर रही। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SOPA) के अनुसार, पोल्ट्री फीड में सोयामील के स्थान पर डिस्टिलर्स ड्राइड ग्रेन (DDGS) के उपयोग में वृद्धि से सोयामील की मांग प्रभावित हुई है। मांग में कमी को देखते हुए, SOPA ने स्थानीय खपत का अनुमान 6.6 मिलियन टन से घटाकर 6.3 मिलियन टन कर दिया है। फरवरी 2025 में, देशभर की मंडियों में सोयाबीन की कुल आवक 8.5 लाख टन रही, जबकि पिछले साल फरवरी में यह 8 लाख टन थी।
आगे क्या रह सकता है सोयाबीन के बाजार में
देश में सोया तेल के बढ़ते आयात ने घरेलू तेल की कीमतों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। फरवरी 2025 में क्रूड सोया तेल का आयात बढ़कर 2,83,737 टन हो गया, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 1,72,936 टन था। नवंबर 2024 से फरवरी 2025 तक कुल सोया तेल आयात 16 लाख टन तक पहुंच गया है, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 6.64 लाख टन था। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (SEA) के अनुसार, नेपाल से ड्यूटी-फ्री रिफाइंड सोया तेल के आयात में भी वृद्धि हुई है, जिससे घरेलू तेल उद्योग पर और दबाव बढ़ रहा है। सोयामील की कमजोर मांग और सोया तेल के अधिक आयात के कारण सोयाबीन के दाम गिर रहे हैं। सोया तेल का आयात तेजी से बढ़ रहा है, जबकि सोया मील का निर्यात और मांग घट रही है, जिससे घरेलू तेल उद्योग को भारी नुकसान हो रहा है। मूंगफली के दाम भी कमजोर निर्यात मांग और खराब गुणवत्ता के कारण नीचे बने हुए हैं। यदि सरसों और सोयाबीन की आवक और बढ़ती है, तो इनके दामों पर और अधिक दबाव आ सकता है। यदि सरकार खाद्य तेल आयात पर नियंत्रण नहीं लगाती है, तो घरेलू तेल उद्योग को और अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। बाकि व्यापार अपने विवेक से करे
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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।