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तेल तिलहन के बाजार में क्या चल रहे हैं रूझान | जानिए क्या कहते हैं कारोबारी

तेल तिलहन के बाजार में क्या चल रहे हैं रूझान | जानिए क्या कहते हैं कारोबारी
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किसान साथियो और व्यापारी भाइयो होली के बाद तिलहन और तेल के बाजार में स्थिरता देखने को मिली। पिछले सप्ताह सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल और पामोलीन तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। वहीं, महाराष्ट्र में सोयाबीन तिलहन की मांग बढ़ने और आवक कम होने के कारण इसकी कीमतों में सुधार हुआ। मूंगफली तेल-तिलहन की मांग में भी बढ़ोतरी देखी गई, जिससे इसकी कीमतें बढ़ गईं। बिनौला तेल, जो पामोलीन से सस्ता है, की कीमतों में भी सुधार देखने को मिला है ।

बाजार से जुड़े लोगो का क्या हैं कहना?
बाजार से जुड़े लोगों के अनुसार, पिछले सप्ताह बड़ी तेल मिलें सरसों किसानों को हतोत्साहित करने के लिए सरसों की कीमतों में उतार-चढ़ाव कर रही थीं। इससे छोटे और सीमांत किसानों में थोड़ी घबराहट पैदा हुई और उनकी छोटी-मोटी बिक्री से कीमतों में गिरावट आई। हालांकि, इस बार पहले का बचा हुआ स्टॉक खत्म हो गया है, उत्पादन कम हुआ है, और वार्षिक लेखाबंदी के बाद सरसों की मांग बढ़ने की संभावना है। इसके अलावा, सरकार ने भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सरसों की सरकारी खरीद शुरू कर दी है। भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (NAFED) के आंकड़ों के अनुसार, 20 मार्च तक हरियाणा और असम से कुल 864 टन से अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सरसों की खरीद की जा चुकी है। इससे छोटे और सीमांत किसानों को भी लाभकारी मूल्य मिलेगा और सरकार भी अपनी जरूरतों के लिए सरसों का स्टॉक बना सकेगी। सरसों और सोयाबीन से जुडी पल पल की जानकारी पाने के लिए ले हमरी प्रीमियम सर्विस केवल 500 रूपये में 6 महीनो तक लेने के लिए 9518288171 पर मैसेज या कॉल करे |

सरसों का हाजिर दाम फिलहाल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से लगभग 4-5 प्रतिशत कम है, और यह सरकारी खरीद के लिए एक उपयुक्त समय हो सकता है। वार्षिक खाताबंदी के बाद सरसों की खरीद में तेजी आने पर सरसों के दाम बढ़ने की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को इस स्थिति पर निगरानी रखनी चाहिए, खासकर जब सरसों तिलहन का हाजिर दाम एमएसपी से कम होने के बावजूद, बाजार में सरसों तेल 155-160 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा है, जबकि यह 145-146 रुपये प्रति लीटर के आसपास होना चाहिए।

आज 27 मार्च 2025 को सरसों के भाव में तेजी देखने को मिली है बाकि की जानकारी निचे दिए गये फोटो में देख सकते है 👇🏻

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बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि महाराष्ट्र में सोयाबीन की मांग में वृद्धि के कारण सोयाबीन तिलहन की कीमतों में सुधार हुआ है। महाराष्ट्र की पॉल्ट्री कंपनियों की सोयाबीन डी-आयल्ड केक (डीओसी) की मांग सबसे अधिक है। हालांकि, इस सुधार के बावजूद, सोयाबीन तिलहन की कीमतें अभी भी एमएसपी से 17-18 प्रतिशत कम हैं। पिछले सप्ताह की तुलना में, सोयाबीन डीगम तेल की कीमत 1,090-1,095 डॉलर प्रति टन से घटकर 1,060-1,065 डॉलर प्रति टन हो गई, जिससे सोयाबीन तेल की कीमतों में गिरावट आई। सूत्रों के अनुसार, मूंगफली की हाजिर कीमत एमएसपी से 14-15 प्रतिशत कम है। बाजार में सूरजमुखी और पामोलीन तेल की कमी के कारण मूंगफली की मांग बढ़ी है, जिससे पिछले सप्ताहांत की तुलना में मूंगफली तेल-तिलहन की कीमतों में सुधार हुआ है।

क्या कहते है आंकड़े ?
बीते सप्ताह से पहले, सीपीओ की कीमत 1,205-1,210 डॉलर प्रति टन से घटकर 1,175-1,180 डॉलर प्रति टन रह गई। विदेशों में कीमत में इस गिरावट के कारण, पिछले सप्ताह सीपीओ और पामोलीन तेल की कीमत में भी गिरावट आई। इस गिरावट के बावजूद, सोयाबीन की तुलना में पामोलीन का आयात 10 रुपये प्रति किलो महंगा पड़ता है। सूत्रों के अनुसार, देश में कपास की उपलब्धता कम है और मंडियों में आवक लगातार घट रही है। कुछ दिन पहले 90-95 हजार गांठ की आवक अब घटकर 60-65 हजार गांठ रह गई है। अगली फसल आने में लगभग सात महीने लगेंगे। इस स्थिति में, पिछले सप्ताह बिनौला तेल की कीमत में सुधार देखा गया। हरियाणा और पंजाब में 7,250-7,350 रुपये प्रति क्विंटल की बेहतरीन कपास नरमा की कीमत पिछले सप्ताह बढ़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से थोड़ी अधिक यानी लगभग 7,550-7,650 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। सरसों और सोयाबीन से जुडी पल पल की जानकारी पाने के लिए ले हमरी प्रीमियम सर्विस केवल 500 रूपये में 6 महीनो तक लेने के लिए 9518288171 पर मैसेज या कॉल करे |

बीते सप्ताह सरसों के बाजार में गिरावट दर्ज की गई। सरसों दाने का थोक भाव 10 रुपये गिरकर 6,100-6,200 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल का भाव भी 75 रुपये घटकर 13,250 रुपये प्रति क्विंटल रहा। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल के दाम भी 10-10 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 2,340-2,440 रुपये और 2,340-2,465 रुपये प्रति टिन (15 किलो) पर बंद हुए। हालांकि, महाराष्ट्र में मांग बढ़ने के कारण सोयाबीन दाने और सोयाबीन लूज के थोक भाव में 30-30 रुपये का सुधार हुआ, जिससे इनके दाम क्रमश: 4,180-4,230 रुपये और 3,880-3,930 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुँच गए। लेकिन, अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम गिरने के कारण सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम के दाम में क्रमश: 325 रुपये, 225 रुपये और 275 रुपये की गिरावट देखी गई। और इनके दाम क्रमश: 13,600 रुपये, 13,350 रुपये और 9,550 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।

समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तिलहन के भाव में 25 रुपये की वृद्धि हुई, जिससे यह 5,725-6,050 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। मूंगफली तेल गुजरात का भाव 50 रुपये बढ़कर 14,500 रुपये प्रति टिन हो गया, जबकि मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल का भाव 10 रुपये बढ़कर 2,250-2,550 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ। कच्चे पाम तेल (सीपीओ) के दाम में 250 रुपये की गिरावट आई और यह 13,000 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन दिल्ली का भाव 425 रुपये घटकर 14,400 रुपये प्रति क्विंटल और पामोलीन एक्स कांडला तेल का भाव भी 425 रुपये घटकर 13,300 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। मांग बढ़ने के कारण बिनौला तेल के भाव में 75 रुपये की वृद्धि हुई और यह 13,825 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। बाकि व्यापार अपने विवेक से करे

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।