सोयाबीन बाजार की तेजी मंदी रिपोर्ट -20 जून 2025
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों सोयाबीन की कीमतों में कल मजबूती देखने को मिली। नाफेड द्वारा निचले रेट्स पर स्टॉक रिलीज़ न करने की नीति से सपोर्ट मिला है, खासकर तब जब पिछले ऑक्शन में महाराष्ट्र की सभी बिड्स रिजेक्ट कर दी गईं। इसके अलावा, महाराष्ट्र में कीर्ति प्लांट द्वारा जून महीने में अब तक 190 से 225 रुपये प्रति क्विंटल की खरीद बढ़त दर्ज की गई है, जो बाजार में उठाव का एक और संकेत है। 20 जून 2025 (शुक्रवार) के ताज़ा अपडेट अनुसार सोयाबीन के भाव दाहोद मंडी में ₹ 4250 से ₹ 4300, इंदौर की लक्ष्मीनगर मंडी में भाव ₹ 4000 से ₹ 4350 (स्थिर), और इंदौर की छावनी मंडी में भी भाव ₹ 4000 से 4350 प्रति क्विंटल पर (स्थिर) रहे। मानसून की शुरुआती देरी के बावजूद सोयाबीन की बुवाई रफ्तार पकड़ चुकी है और 16 जून तक 3.22 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हो चुकी है, जो पिछले साल से 83% अधिक है। इसका कारण न केवल एमएसपी में बढ़ोतरी है, बल्कि अन्य फसलों की तुलना में सोयाबीन का भाव अधिक आकर्षक लग रहा है, जिससे किसानों की रुचि सोया में बनी हुई है। घरेलू बाजार में वर्तमान में स्टॉक्स सीमित हैं और डिमांड साइड भी बनी हुई है, जिससे भाव में गिरावट की संभावना कम है।
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कुछ विश्लेषकों का मानना है कि इस समय की मजबूती मौसमी है, लेकिन सीज़न के शुरुआती दौर तक सोया में बड़ी गिरावट की कोई संभावना नहीं दिखती। जिनके पास पहले से स्टॉक है वे इस स्तर पर होल्ड कर सकते हैं, जबकि नए खरीदारों के लिए गिरावट पर खरीद का मौका रह सकता है। साथ ही, एक्सपोर्ट डिमांड और इंटरनेशनल मार्केट में भी तेल बीजों में सीमित तेजी का रुख सपोर्ट दे रहा है। इस समय किसान और व्यापारी दोनों की नजरें मानसून की गति, भाव की स्थिरता और नाफेड की अगली पॉलिसी पर हैं। बाजार में कुल मिलाकर माहौल सकारात्मक है, लेकिन एकतरफा तेजी की कोई गारंटी नहीं है, इसलिए सावधानीपूर्वक खरीद-बिक्री जरूरी है। उत्पादन क्षेत्र से आ रहे आंकड़े दर्शा रहे हैं कि इस बार किसानों का झुकाव सोया की ओर ज्यादा है और अगर मानसून ने साथ दिया तो उत्पादन में भी सुधार हो सकता है।
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ट्रेडर्स की रणनीति यही है कि गिरावट पर खरीद करें और तेज़ी में प्रोफिट बुकिंग करें। अभी के स्तर पर सोयाबीन में हल्का करेक्शन आ सकता है, लेकिन बड़ी गिरावट आने की संभावना कम है। जिन किसानों ने पहले की दरों पर माल रोका हुआ है, उन्हें हड़बड़ाने की ज़रूरत नहीं है। बाजार स्थिरता की ओर बढ़ रहा है और वायदा मार्केट में भी सपोर्ट देखने को मिला है। आगे की चाल मानसून, नाफेड की नीति और मलेशिया से आने वाले संकेतों पर निर्भर करेगी। अब तक के संकेत ये दर्शाते हैं कि सोयाबीन में डिमांड बरकरार है और अगर सप्लाई साइड में कोई बड़ा झटका नहीं आता, तो बाजार में मौजूदा रेंज में ही व्यापार चलता रहेगा। तेल-तिलहन में फिलहाल सोया सबसे मजबूत खिलाड़ी बना हुआ है। व्यापार अपने विवेक और संयम से करें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।