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सरसों में अब और गिरावट नहीं | जाने क्या कहते हैं जानकार

सरसों में अब और गिरावट नहीं | जाने क्या कहते हैं जानकार
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किसान साथियो शनिवार को सरसों की आवक घटकर मात्र 5 लाख 50 हज़ार बोरी की रह गई। इसका सीधा सा मतलब यह है कि किसान अब निचले भाव पर अपना माल बेचने के लिए तैयार नहीं हैं। यदि आने वाले कुछ दिनों तक सरसों की आवक में बढ़ोतरी नहीं होती है तो सरसों के भाव अब तेजी की तरफ मुड़ सकते हैं। आज की रिपोर्ट में हम सरसों के भाव की तेजी मंदी का बारीकी से विश्लेषण करेंगे

ताजा बाजार अपडेट
शनिवार को तेल मिलों की सरसों की मांग सीमित ही बनी रही। लेकिन सीमित मांग होने के बावजूद भी सरसों के भाव में गिरावट नहीं हुई और  जयपुर में कंडीशन 42% सरसों के भाव 5475 के लेवल पर स्थिर बने रहे। हालांकि सरसों की आवक के कम होने का दूसरा कारण यह भी हो सकता है कि शनिवार को ईद का त्यौहार होने के कारण छुट्टी थी और राज्यों की काफी मंडियां बंद रही। दिल्ली लारेंस रोड पर सरसों के भाव ₹5200 प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे सलोनी प्लांट पर भी अंतिम भाव 5825 कर रहे। जबकि भरतपुर मंडी में सरसों के भाव में मामूली सुधार देखने को मिला भरतपुर में सरसों के भाव ₹19 बढ़कर 5020 पर बंद हुए।

हाजिर मंडियों के ताजा भाव
हाजिर मंडियों के ताजा भाव की बात करें तो राजस्थान की श्री गंगानगर मंडी में सरसों का भाव 4850 संगरिया मंडी में सरसों का रेट 4701 गजसिंहपुर मंडी में सरसों का भाव 4781 श्री विजयनगर मंडी में सरसों का टॉप रेट 4821 रावला मंडी में सरसों का टॉप भाव 4895 जैतसर मंडी में सरसों का भाव 4670 रायसिंहनगर मंडी में सरसों का रेट 4827 आदमपुर मंडी में 42 लैब सरसों का भाव 4850 ऐलनाबाद मंडी में सरसों का रेट 4870 सिवानी मंडी में 40 लैब सरसों का रेट 4950 रुपए प्रति क्विंटल तक दर्ज किया गया। शुरुआती सुस्ती के बाद गेहूं खरीद ने पकड़ी रफ़्तार | पिछले साल से ज्यादा खरीद | रिपोर्ट

सरसों की आवक घटी
साथियो सरसों की आवक घटते घटते साढ़े पांच लाख बोरी के नीचे आ गई है। लेकिन सरसों के भाव में अभी तक कुछ बड़ा सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। भाव में सुधार नहीं होने का मुख्य कारण यही है कि भारत में विदेशी तेलों का बड़ा स्टॉक पड़ा है। जिसके कारण सरसों तेल की डिमांड कम निकल रही है। यही बड़ी वज़ह है कि तेल मिलों की सरसों की मांग भी कमजोर बनी हुई है

विदेशी बाजारों से क्या है खबर
विदेशी बाजारों की बात करें तो सार्वजनिक अवकाश होने के कारण मलेशिया के बाजार बंद हैं।  ब्राजील में सोयाबीन का रिकार्ड उत्पादन होने का अनुमान है, जिससे सोया तेल की कीमतों पर भी दबाव बना है। लेकिन अर्जेंटीना में सोयाबीन के उत्पादन में कमी आने की आशंका बनी हुई है। रूस द्वारा कलासागर के समझौते पर अटकल लगने के बाद वहां से खाद्य तेल की सप्लाई लाइन प्रभावित होने की आशंका है कुल मिलाकर विदेशी बाजारों से मिली जुली खबरें निकल कर आ रही है। जिसके चलते सरसों की दिशा दशा का सही अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा है।

सरसों तेल एवं खल के भाव
सरसों तेल में भी शनिवार को भी  गिरावट देखने को मिली है। जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें शुक्रवार को 10-10 रुपये कमजोर होकर भाव क्रमशः 1025 रुपये और 1015 रुपये प्रति 10 किलो रह गई। इस दौरान सरसों खल के दाम 2480 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर स्थिर रहे ।

सरसों में रुकेगी गिरावट
किसान साथियों जैसा कि हमने अपनी पिछली रिपोर्ट में बताया था की निचले भाव पर किसान अपनी सरसों को होल्ड कर सकते हैं। शनिवार को सरसों की आवक घटने से इसको जोड़ा जा सकता है। वैसे भी सरसों के भाव गिरते-गिरते 2 साल के सबसे निचले स्तर पर आ चुके हैं। और यहां से आगे सरसों में गिरावट आने की संभावना कम है। किसान साथी चाहे तो अपनी सरसो को होल्ड कर सकते हैं। व्यापारी भाई सरसों के इन भावों पर खरीद के बारे में भी सोच सकते हैं। हम मानते हैं कि आने वाला सीजन गर्मी का है जिसमें सरसों तेल की डिमांड कम रहेगी इसलिए अच्छे भाव लेने के लिए लंबा इंतजार भी करना पड़ सकता है। व्यापार अपने विवेक से ही करें।

About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट(Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।