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सोयाबीन को लेकर बाजार में आई नई खबर जाने भाव पर क्या होगा असर | सोयाबीन की तेजी मंदी रिपोर्ट

सोयाबीन को लेकर बाजार में आई नई खबर जाने भाव पर क्या होगा असर | सोयाबीन की तेजी मंदी रिपोर्ट
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किसान साथियो और व्यापारी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कल रात सोया खली और सोयाबीन के भाव में मजबूती देखी गई है। जून महीने के लिए सोया खली का अनुबंध 3 डॉलर की तेजी के साथ 390 डॉलर पर बंद हुआ, जबकि सोयाबीन सीडी मार्च अनुबंध 1012 के स्तर पर कारोबार करता दिखा। यह तेजी मुख्य रूप से चीन द्वारा मजबूत खरीदी और वैश्विक स्तर पर तेल आपूर्ति में संभावित कमी के कारण आई है। आगामी समय में भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में यह मजबूती बनी रह सकती है क्योंकि तेल की शॉर्टेज का असर लगातार बाजार को समर्थन दे रहा है।

भारतीय बाजार में क्या हल चल है
अमेरिकी कारोबार में तेजी का असर भारतीय बाजार में भी देखने को मिल सकता है। आज भारतीय बाजारों में सोयाबीन के भाव में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। उल्लेखनीय है कि भारत में 12 जनवरी को सरकारी सोयाबीन खरीदी बंद होने वाली है, जिससे बाजार में हलचल तेज हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, वर्तमान भाव से सुधार की गुंजाइश है, लेकिन इसमें थोड़ा समय लग सकता है। खरीफ फसल के अंतर्गत सोयाबीन की बुवाई और कटाई के बाद अब व्यापारियों की नजर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मांग पर भी टिकी हुई है।

ब्राजील का ऐतिहासिक उत्पादन रिकॉर्ड स्तर की उम्मीद
लैटिन अमेरिकी देश ब्राजील में 2024-25 के सीजन के दौरान सोयाबीन उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। ब्राजील का उत्पादन 1700 लाख टन के सर्वकालीन उच्च स्तर पर पहुंच सकता है। इस उछाल के कारण वर्ष 2025 में देश के निर्यात योग्य स्टॉक में भारी बढ़ोतरी की उम्मीद है। हालांकि, इतनी बड़ी उपज के बावजूद निर्यात शिपमेंट में कुछ चुनौतियां सामने आ सकती हैं। ब्राजील के बंदरगाहों पर सोयाबीन और उसके उत्पादों का भारी भंडारण हो सकता है, जिससे निर्यात प्रक्रिया में देरी की संभावना जताई जा रही है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि ब्राजील से केवल सोयाबीन ही नहीं, बल्कि चीनी और अन्य कृषि उत्पादों का भी बड़े पैमाने पर निर्यात किया जाता है। ऐसे में, बंदरगाहों पर जगह की कमी और माल वाहक जहाजों की सीमित उपलब्धता के कारण निर्यातकों को परेशानी उठानी पड़ सकती है।

निर्यात की क्या है अपडेट
विश्लेषकों का अनुमान है कि वर्ष 2025 के दौरान ब्राजील से 10.50 लाख टन सोयाबीन और 230 लाख टन सोयामील का निर्यात हो सकता है। इस तरह केवल इन उत्पादों का कुल निर्यात 240.50 लाख टन से अधिक हो सकता है, जो वर्ष 2024 के कुल अनुमानित शिपमेंट से भी अधिक है। हालांकि, ब्राजील में सोयाबीन की बिजाई में हुई देरी के कारण कटाई और तैयारी फरवरी तक टलने की संभावना है। अगर इस दौरान मौसम में बदलाव आता है, जैसे बारिश या नमी बढ़ती है, तो कटाई-तैयारी में और भी अधिक देरी हो सकती है। ब्राजील के प्रमुख कृषि उत्पादक राज्यों में ट्रकों और माल वाहक वाहनों के भाड़े में वृद्धि की आशंका है। उदाहरण के लिए, माटो ग्रोसो के सोरिसो से परानागुआ बंदरगाह तक माल पहुंचाने के लिए जुलाई 2024 में ट्रक का भाड़ा 473 रियाल प्रति टन था, जो दिसंबर में घटकर 386 रियाल प्रति टन हो गया था। हालांकि, फरवरी 2025 में सोयाबीन का नया स्टॉक बाजार में आने के साथ ही भाड़े में वृद्धि की संभावना है। ऐसे में, परिवहन लागत में इजाफा अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों को और प्रभावित कर सकता है।

सोयाबीन को लेकर बाजार में आई नई खबर जाने भाव पर क्या होगा असर | सोयाबीन की तेजी मंदी रिपोर्ट

सोयाबीन बाजार भाव अपडेट
सोयाबीन के भाव की बात करे तो कीर्ति प्लांट में सोयाबीन के रेट सोलापुर, लातूर, नांदेड़ और हिंगोली में ₹4420 रहे, जबकि गोयल कोटा में ₹4300 रहे। दाहोद मंडी में सोयाबीन के भाव ₹4200 से ₹4350 के बीच दर्ज किए गए। इंदौर मंडी में लक्ष्मीनगर और छावनी दोनों स्थानों पर नई सोयाबीन के भाव ₹3800 से ₹4275 के बीच रहे, जिसमें ₹75 की मंदी देखी गई और प्रत्येक स्थान पर 2000 बोरी की आवक दर्ज हुई। अगर सोयाबीन की औसत कीमतों की बात करे तो मध्य प्रदेश की मंडियों में ₹4000 से ₹4375 और प्लांट में ₹4325 से ₹4400 के भाव रहे। महाराष्ट्र की मंडियों में ₹4000 से ₹4300 और प्लांट में ₹4300 से ₹4450 के भाव रहे। राजस्थान की मंडियों में ₹4000 से ₹4350 और प्लांट में ₹4325 से ₹4375 के भाव दर्ज किए गए। भारत की कुल सोयाबीन आवक को देखे तो कुल आवक 3,20,000 बोरी की रही, जिसमें मध्य प्रदेश से 1,50,000, महाराष्ट्र से 1,25,000, राजस्थान से 25,000 और अन्य राज्यों से 20,000 बोरी की आवक शामिल रही।

उत्पादन अनुमानों में हुआ बदलाव
अर्जेंटीना और ब्राजील में आने वाले हफ्तों में गर्म और शुष्क मौसम की भविष्यवाणी की गई है। इस कारण सीबीओटी सोयाबीन के भाव में हल्की बढ़त दर्ज की गई है। स्टोनेक्स एजेंसी ने ब्राजील के सोयाबीन उत्पादन का अनुमान 166.2 मिलियन टन से बढ़ाकर 171.4 मिलियन टन कर दिया है। हालांकि, सोया तेल वायदा मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ, जिससे अर्जेंटीना के सोया तेल के भाव भी कमजोर हो गए। यह गिरावट मुख्य रूप से मौसमी परिस्थितियों और वैश्विक मांग में स्थिरता के कारण आई है।

सोयाबीन में आगे क्या रह सकता है
ब्राजील और अर्जेंटीना के मौसमी और परिवहन से जुड़े मुद्दों को देखते हुए, सोयाबीन और सोया खली की वैश्विक आपूर्ति में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है। भारतीय बाजारों में भी इसका असर देखने को मिल सकता है, जहां जनवरी के बाद मांग और आपूर्ति का संतुलन बदल सकता है। चीन की मजबूत खरीदारी और तेल आपूर्ति में संभावित कमी के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी बनी रह सकती है। दूसरी ओर, ब्राजील में उच्च उत्पादन और संभावित निर्यात संकट के कारण वैश्विक बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है। अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजारों में सोयाबीन और सोया खली की चाल आने वाले महीनों में मौसम, परिवहन लागत और निर्यात की स्थिति पर निर्भर करेगी। चीन और ब्राजील जैसे प्रमुख खिलाड़ियों के बीच मांग-आपूर्ति का संतुलन बाजार की दिशा तय करेगा। भारत में 12 जनवरी को सरकारी खरीदी बंद होने के बाद भावों में हलचल देखने को मिल सकती है। हालांकि, लॉजिस्टिक्स और मौसम से जुड़ी चुनौतियां बाजार की अस्थिरता को और बढ़ा सकती हैं। कुल मिलाकर, मौजूदा आंकड़ों और अनुमानों को देखते हुए निवेशकों और व्यापारियों को सावधानीपूर्वक रणनीति बनाने की जरूरत होगी, क्योंकि सोयाबीन और उसके उत्पादों के भाव वैश्विक घटनाक्रमों पर काफी हद तक निर्भर रहने वाले हैं। बाकी व्यापार अपने विवेक से करे

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।