सरसों का स्टॉक पड़ा हुआ है और नुकसान से बचना है | तो ये रिपोर्ट जरूर देख लेना
किसान साथियो और व्यापारी भाइयों सरसों में तेजी का इंतजार करते-करते अब किसान साथियों को 2 महीने का वक्त बीत चुका है। लेकिन सरसों के भाव ऊपर जाने की बजाय नीचे की तरफ ही फिसलते जा रहे हैं । मंडी भाव टुडे पर हमने अक्टूबर महीने में ही बता दिया था कि जिन साथियों को सरसों निकालनी है वह इस समय बिना किसी झिझक के निकाल दें । लेकिन हमारे बहुत सारे साथी है जो उसे समय नहीं निकाल पाए और अब जब भाव ₹500 नीचे चल रहे हैं तो अब उनको घबराहट होने लगी है कि आगे चलकर सरसों में और गिरावट तो नहीं बन जाएगी। दोस्तो सरसों के बाजार में क्या होने वाला है यह तो कोई नहीं जानता लेकिन सरसों तेल की डिमांड, सप्लाई, स्टॉक, अंतर्राष्ट्रीय बाजार के रूझान और बाजार के सेंटिमेंट के आधार पर काफी कुछ अंदाजा लगाया जा सकता है। मंडी भाव टुडे पर हम पिछले कई वर्षों से यह काम कर रहे हैं और हमारी सलाह का काफी किसानो और व्यापारियों ने फायदा उठाया है। आज की रिपोर्ट में हम सरसों के बाजार में चल रही तेजी मंदी को लेकर चर्चा करेंगे और यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि सरसों के भाव में तेजी बनेगी या यह गिरावट का दौर जारी रहने वाला है। अगर आप सरसों के किसान या व्यापारी हैं और आपके सरसों को रखा हुआ है तो आपको यह रिपोर्ट अवश्य ही पढ़ लेनी चाहिए।
क्या कहता है ट्रेंड
किसान साथियों सबसे पहले हम आपको सरसों के भाव का ट्रेंड समझने की सलाह देते हैं। दोस्तों आमतौर पर यही देखा गया है कि सरसों के भाव दिवाली के त्यौहार के बाद से ही नीचे की तरफ चलने लगते हैं। अगर 1 आध साल के अपवाद को छोड़ दे तो ऐसा कोई सीजन नहीं रहा जिसमें दिसंबर के बाद सरसों के भाव गिरे ना हो। तो दोस्तों क्या यह सम्भव है कि इस साल ऐसा ना हो। क्या बाजार में ऐसे कुछ घटक हैं जो सरसों के बाजार में हर साल बनने वाली गिरावट को रोक सकते हैं। तो दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस साल सरसों के बाजार में कोई बहुत बड़ा बदलाव नहीं है सरसों का रकबा मोटे तौर पर थोड़ी बहुत घटत के साथ समान ही बताया जा रहा है। हां यह बात जरूर है कि इस साल नाफेड ने बड़ी मात्रा में सरसों बची है जिससे सरसों का सरकारी स्टॉक कमजोर हुआ है। सरसों की कमजोर आवक को देखते हुए यह भी निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल किसानों और स्टॉकिस्टों के पास सरसों का स्टॉक कमजोर है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पाम तेल के भाव 5200 के ऊपर चल रहे हैं जो कि पिछले साल 3800-3900 के थे। दोस्तों ये सब कुछ ऐसे घटक है जो सरसों की कमजोरी को सीमित कर सकते हैं। लेकिन बाजार का सेंटिमेंट इस समय सही नहीं दिख रहा है। जिस हिसाब से बाजार में सेंटीमेंट है उसे देखते हुए लगता है कि बाजार में रुकावट का गिरना मुश्किल है। पिछले साल मार्च का महीना आते-आते जयपुर में कंडीशन सरसों के भाव 5000 के नीचे फिसल गए थे। हम मानते हैं कि इस साल इतनी गिरावट तो नहीं आएगी लेकिन भाव यहां से और कमजोरी की तरफ जाएंगे इसमें कोई दो राय नहीं है। इस समय सरसों के भाव जयपुर में 6575 के आसपास चल रहे हैं। जिन साथियो के पास माल पड़ा हुआ है वे थोड़ा बहुत हल्का करते चले।
ताजा मार्केट अपडेट
दोस्तों अगर कल के बाजार की बात करें तो तेल मिलों की खरीद बढ़ने के कारण घरेलू बाजार में सोमवार को सरसों के भाव में मामूली सुधार देखने को मिला जयपुर में कंडीशन 42 लैब की सरसों के भाव 25 रुपये तेज होकर दाम 6,575 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। बात भरतपुर के बाजार की करें तो सरसों का भाव 6200 के स्तर को छूने में कामयाब रहा दिल्ली लारेंस रोड सरसों के भाव 6350 के रहे । सोमवार को सरसों की आवक बढ़कर 1 लाख 85 हजार बोरी की हुई।
प्लांटों पर क्या रहे रेट
ब्रांडेड तेल मिलों ने भी सरसों के भाव में ₹25 की बढ़ोतरी की प्लांट वाइज भाव को देख तो अदानी अलवर और बूंदी प्लांट पर सरसों का भाव 6525 वंश सीतापुर प्लांट पर सरसों का भाव 6200 शारदा ब्रांड पर 6700 बीपी आगरा प्लांट पर 6650 और गोयल कोटा प्लांट पर सरसों के भाव 6250 के रहे। बात सलोनी प्लांट की करें तो यहां पर कोई बड़ा परिवर्तन हुआ नहीं और सरसों के भाव 7125 पर स्थिर रहे। कुछ प्लांटों में सरसों भाव 25-50 रुपये बढ़ गया।
हाजिर मंडियों के ताजा भाव
हाजिर मंडियों के ताजा भाव को देखें तो संगरिया मंडी में सरसों के भाव 5608 के 5808 रुपए, बीकानेर मंडी में 5200 के 5701 रुपए, जैतसर मंडी में 5541 रुपए, सिरसा मंडी में 5300 के 6019 रुपए, ऐलनाबाद मंडी में 5300 के 6019 रुपए, नोहर मंडी में 5700 के 6050 रुपए, फतेहाबाद मंडी में 6022 रुपए, देवली मंडी में 5000 के 6150 रुपए, गजसिंहपुर मंडी में 5118 के 5794 रुपए, श्री गंगानगर मंडी में 4811 के 6040 रुपए, घड़साना मंडी में 5854 रुपए, पीलीबंगा मंडी में 5292 के 5847 रुपए, सूरतगढ़ मंडी में 5292 के 5847 रुपए प्रति क्विंटल।
विदेशी बाजारों में गिरावट
विदेशी बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट का रुख रहा था। मलेशियाई और चीन में पाम तेल के दाम शाम के सत्र में नरम होकर बंद हुए। आज मलेशिया का बाजार 34 रिंगिट प्रति टन की कमजोरी दिखा रहा है। कल की बात करें तो मलेशिया के बाजार में पाम तेल का फरवरी वायदा 10 रिंगिट यानी कि 0.2% की गिरावट के बाद 5118 रिंगिट प्रति टन पर बंद हुआ था। चीन की बात करें तो यहां पर पाम तेल के भाव 0.23% तक गिरे जबकि सोया के भाव में 0.71% की गिरावट आई। अमेरिका के बाजार से भी अच्छी खबर नहीं है वहां पर भी सोया तेल के भाव में 0.28% की मंदी देखने को मिली है। मलेशिया के मौसम विभाग ने 8 से 14 दिसंबर तक मौसम खराब होने का अनुमान लगाया है, जिससे प्रायद्वीपीय मलेशिया के पूर्वी तट और बोर्नियो द्वीप पर सबा और सरवाक के कुछ हिस्सों में लगातार बारिश होने की उम्मीद है।
तेल और खल का क्या रहा रेट
घरेलू बाजार सोमवार को सरसों तेल की कीमतों में हल्की नरमी दर्ज की गई, जबकि इस दौरान सरसों खल के भाव में तेजी दर्ज की गई। जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी के भाव एक रुपए घटकर 1341 रुपए प्रति 10 किलो रह गए इसी के साथ सरसों तेल एक्सपेलर के भाव भी एक रुपए कमजोर होकर 1331 रुपए प्रति 10 किलो रह गए जयपुर में सरसों कल के भाव में तेजी दर्ज की गई और कल का रेट ₹15 तेज होकर 2320 रुपए प्रति क्विंटल हो गया।
सरसों की आवक
सोमवार को सरसों की दैनिक आवक बढ़कर 1.85 लाख बोरियों की हुई, जबकि शनिवार को सरसों की आवक केवल 1.50 लाख बोरियों की ही हुई थी। राज्यवार आवक को देखें तो राजस्थान की मंडियों में सरसों की 90 हजार बोरी, जबकि मध्य प्रदेश की मंडियों में 20 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 25 हजार बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 5 हजार बोरी तथा गुजरात में 5 हजार बोरी, एवं अन्य राज्यों की मंडियों में 40 हजार बोरियों की आवक दर्ज की गई।
सरसों को निकालने में फायदा
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों ताज मार्केट के सेंटीमेंट को देखते हुए और आने वाले सरसों सीजन को देखते हुए हमारी यह सलाह है कि जिन किसान साथियों और व्यापारी भाइयों के पास सरसों का स्टॉक पड़ा हुआ है इसे हल्का करते चले और ज्यादा तेजी का इंतजार ना करें। अगर विदेशी बाजारों में पाम तेल के भाव में थोड़ी बहुत भी गिरावट होती है तो सरसों के भाव जयपुर में 6400 का स्तर दिखा सकते हैं। ऊपर जाने की संभावना फिलहाल बहुत ही कमजोर है ऐसा लगता नहीं कि इस सीजन में अब 7000 के भाव फिर से देखेंगे। अगर पाम तेल में कोई बहुत बड़ी तूफानी तेजी आ गई तो ही सरसों के भाव बढ़ सकते हैं अन्यथा इसकी संभावना बहुत कम है। व्यापार अपने विवेक से ही करें
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।