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पाम हुआ धड़ाम , सरसों के भाव पर पड़ा दबाव | सरसों में अब क्या बनेगा समीकरण, जाने इस रिपोर्ट में

आयातित खाद्वय तेलों की मांग कमजोर होने से सरसों के भाव पर पड़ा दबाव | क्या आने वाले दिनों में सरसो में आएगी तेजी जाने इस रिपोर्ट में
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किसान साथियों आयातित खाद्वय तेलों कि किमते कमजोर होने के कारण घरेलू बाजार में मंगलवार को सरसों के भाव मे गिरावट देखने को मिली। जयपुर मंडी में कंडीशन की सरसों के भाव 50 रुपए तक गिर कर 5,975 रुपये प्रति क्विंटल तक रह गए। बाजार बंद होने से पहले और 25 रूपाय की गिरावट की आवाज आ रही थी । गिरावट के बावजूद किसान भर भर कर सरसों को मंडियों में लेकर आ रहे हैं जिसके कारण सरसों की दैनिक आवक 5 लाख बोरियों के ऊपर बनी हुई हैं ।  पिछले कुछ दिनों से विश्व बाजार में खाद्वय तेलों की कीमतों में लगातार गिरावट देखने देखने को मिल रही है।  मलेशियाई पाम तेल की कीमतों में लगातार दूसरे दिन 1.5% से भी ज्यादा कि गिरावट आई है, अमेरिकी बाजार शिकागो में भी सोया तेल कि कीमतों मे गिरावट देखने को मिल रही है। सोया तेल के भाव जो की कुछ दिन पहले 65 के स्तर पर चल रहे थे वे अब 51-52 की रेंज में आ चुके हैं ।

घरेलू बाजार में त्योहारी सीजन की डिमांड के चलते सरसों में लगातार मजबूती बनी हुई थी लेकिन विदेशी बाज़ारों में खाद्य तेलों में लागातार गिरावट का प्रैशर सरसों के भाव पर अब दिखने लगा है । मंगलवार को घरेलू बाजार में सरसों के तेल की कीमतों में लगातार पांच दिनों की तेजी के बाद अब इस मे गिरावट दर्ज की गई, जबकि इस दौरान सरसों खल के भाव मे भी गिरावट आई है। आप की जानकारी के लिए बता दे कि ब्रांडेड तेल मिलों ने सरसों की खरीद कीमतों में 50 से 75 रुपये प्रति क्विंटल तक की कटौती की है। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें

जयपुर मंडी में सरसों तेल कच्ची घानी और एक्सपेलर की कीमतों में मंगलवार को लगातार पांच दिनों की तेजी के बाद अब गिरावट आई है गई। इस के साथ ही कच्ची घानी तेल के भाव 10 रुपए तक गिर कर 1,084 रुपये प्रति 10 किलो तक रह गए, जबकि एक्सपेलर तेल कि किमते भी 10 रुपए तक गिर कर 1,074 रुपये प्रति 10 किलो तक रह गए। जयपुर मंडी में मंगलवार को सरसों खल कि कीमती मे 15 रुपए तक गिर कर 3,035 रुपये प्रति क्विंटल पर रह गए।

साथियों देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक 5 लाख बोरियों की ही हुई, जबकि इसके पिछले कारोबारी दिवस में भी आवक इतनी ही बोरियों की ही हुई थी। अभी तक देशभर मे कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में 2.50 लाख बोरी कि हुई, मध्य प्रदेश की मंडियों में 60 हजार बोरी कि हुई, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 50 हजार बोरी कि हुई, पंजाब और हरियाणा की मंडियों में 20 हजार बोरी तथा गुजरात में 30 हजार बोरी कि हुई, एवं अन्य राज्यों की मंडियों में 90 हजार बोरियों की आवक हुई।

दिवाली तक इंतजार करना कितना सही

साथियो हम मानते हैं की विदेशी बाज़ारों में गिरावट का प्रेसर  सरसों के भाव पर आना ही है। लेकिन सरसों बेचने से पहले दिवाली के त्योहार का इंतजार कर लेना चाहिए। हो सकता है विदेशी बाज़ारों मे गिरावट रुक जाये। उम्मीद है की ऐसा हुआ तो भारतीय बाजार तेज गति से ऊपर की तरफ जा सकते हैं । गौरतलब है कि अगर दिवाली तक सरसों के भाव में सुधार नहीं बनता हैं तो आगे चलकर इसमें औरे गिरावट आ सकती है । इसलिए दिवाली से पहले ही सरसों को निकालने में समझदारी है । व्यापार अपने विवेक से करें ।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।