सरसों बाजार रिपोर्ट: विदेशी तेलों के दबाव में आई कमजोरी, खल में भी मांग घटी। जाने बाजार में क्या है आज माहौल
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों सोमवार को जब बाजार खुला तो सरसों के भाव स्थिर नजर आ रहे थे लेकिन धीरे-धीरे बाजार गिरावट की ओर चला गया। अलग-अलग मंडियों में सरसों के भाव में 25 से लेकर ₹50 तक की गिरावट देखने को मिली। विदेशी तेलों में आई गिरावट का सीधा असर देखने को मिला। जयपुर में सरसों का भाव ₹50 टूटकर ₹6250 प्रति क्विंटल पर आ गया, जबकि भरतपुर मंडी में ₹5905 का भाव दर्ज किया गया। यह संकेत है कि वैश्विक बाजार की कमजोरी अब घरेलू मंडियों पर भी दबाव बना रही है।
विदेशी बाजारों की अपडेट
साथियों हमने अपनी पिछली रिपोर्ट में भी बताया था कि अगर विदेशी बाजारों में भारी गिरावट होती है तो भारतीय बाजार पर इसका असर जरूर दिखेगा। कल मलेशिया की बाजार में पाम तेल का भाव 67 रिंगिट यानी कि 1.73% तक गिरकर 3814 रिंगिट प्रति टन पर आ गया। बात अमेरिका की करें तो यहां पर भी सोया तेल के भाव में 1.42% की गिरावट देखने को मिली। आज के बाजार को देखें तो आज भी बाजार में गिरावट का ही माहौल दिख रहा है मलेशिया का बाजार लगभग 1% और चीन के बाजार में पाम तेल लगभग 2% की कमजोरी दिखा रहा है जब भी सोया तेल में गिरावट 1% के आसपास की है। इन हालातो को देखकर ऐसा लगता है कि भारतीय तिलहन बाजार में आज भी तेजी नहीं दिखने वाली।
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आवक में बढ़ोतरी से भी दबाव
शनिवार के मुकाबले कल सरसों की दैनिक आवक में हल्की बढ़ोतरी हुई और कुल आवक 4.75 लाख बोरी के आसपास रही। आवक में यह वृद्धि भी बाजार की नरमी का एक कारण बनी।
तेल स्थिर, खल कमजोर
सरसों तेल के भाव दिल्ली में स्थिर रहे, लेकिन खल की मांग में गिरावट आई। दादरी में सरसों खल का भाव ₹2140 प्रति क्विंटल रहा, जो चीन से घटती मांग का संकेत है। सरसों तेल का एक्सपेलर भाव पहले ₹1290 था, जो अब ₹1280 पर आ गया है। सोया तेल से अंतर अधिक होने के कारण मांग सीमित बनी हुई है।
व्यापारिक सलाह
फिलहाल 10-12 दिन के स्टॉक के साथ चलने की सलाह दी जा रही है। यदि गिरावट और आती है तो लंबी अवधि के लिए भी स्टॉक बनाना लाभकारी रहेगा।
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खल की स्थिति
सरसों खल में गिरावट का प्रमुख कारण चीन की कमजोर मांग है। फिलहाल बाजार में सीमित तेजी रह सकती है, लेकिन जून के आते-आते इसमें सुधार की संभावना बनी हुई है।
बाजार का रुख और संभावनाएं
अगर फंडामेंटल को देख तो इस हफ्ते के अगले दिनों में सरसों में किसी बड़ी तेजी या मंदी की संभावना नहीं दिखती। हालांकि आज फिर से विदेशी बाजार नकारात्मक रुझान दिखा रहे हैं । इसलिए बाजार पर दबाव रह सकता है। अगर विदेशी बाजारों में गिरावट और नहीं बढ़ती है तो घरेलू बाजार में सरसों के भाव स्थिर हो सकते हैं अन्यथा हल्की कमजोरी दिखा सकते हैं। अगर लंबी अवधि के नजरिए से देखें तो सरसों का बाजार मजबूत लग रहा है। मलेशिया के बाजार में पाम तेल का भाव अपने निचले स्तर के आसपास चल रहा है और जल्दी ही यह गिरावट रुक जाएगी। इसके बाद भारतीय बाजार में सरसों के भाव स्थिर होकर धीरे-धीरे ऊपर की तरफ चलना शुरू कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में थोड़ा समय लग सकता है लेकिन ऐसा होने की संभावना प्रबल है। जिन साथियों के पास इस समय सरसों का स्टॉक रखा हुआ है वह कुछ दिन तक इसे होल्ड कर सकते हैं और जो साथी सरसों खरीदना चाहते हैं वह इन स्तरों पर खऱीद कर सकते हैं। व्यापार अपने विवेक से करें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।