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मलेशियाई पाम तेल में कल की 2% की तेजी के बाद आज कैसा है तेलों का बाजार - रिपोर्ट

पाम तेल
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दोस्तों, कल मलेशियाई पाम तेल के वायदा भाव में 2% से अधिक की तेजी देखने को मिली, जिसने निवेशकों और व्यापारियों का ध्यान खींचा है। यह उछाल कई कारकों की वजह से आया, जिनमें मांग में बढ़ोतरी, सोया तेल के दामों में वृद्धि, और जून महीने में उत्पादन के कम होने की आशंका शामिल हैं। पाम तेल की कीमतों में यह बदलाव न केवल मलेशिया बल्कि भारत जैसे आयातक देशों के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत पाम तेल का सबसे बड़ा खरीदार है। बाजार के विश्लेषकों का मानना है कि पाम तेल की कीमतों में यह तेजी अस्थायी हो सकती है, हालांकि मांग और आपूर्ति का यही ट्रेंड जारी रहा, तो आने वाले दिनों में भी कीमतें ऊपर की ओर बनी रह सकती हैं। आपको बता दें कि मलेशिया के बुर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज पर सितंबर डिलीवरी वाले पाम तेल के वायदा भाव में 95 रिंगिट (लगभग 2.39%) की बढ़ोतरी हुई, जिसके बाद यह 4063 रिंगिट (961.40 डॉलर) प्रति टन पर बंद हुआ। यह उछाल पिछले कुछ दिनों की गिरावट के बाद आया है, जिससे बाजार में एक नई उम्मीद जगी है। गौरतलब है कि मुनाफावसूली के चलते आज मलेशिया पाम ऑयल बाजार (KLC) 4 जुलाई 2025 के अपडेट अनुसार जुलाई का भाव RM 4005, मंदी RM 27 (-0.67%), अगस्त का भाव RM 4062, मंदी RM 21 (-0.51%), सितंबर का भाव RM 4066, मंदी RM 23 (-0.56%), और अक्टूबर का भाव RM 4067, मंदी RM 23 (-0.56%) रहा। आज की रिपोर्ट में हम जानेंगे कि बाजार में यह बदलाव किन वजहों से हुआ, और इसका बाजार पर क्या असर पड़ा, और आगे क्या हो सकता है।

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क्या रही तेजी की वजह 

पाम तेल के भाव इस समय 4050 के ऊपर चल रहे हैं । पाम तेल में जो तेजी देखी जा रही है, उसका सबसे बड़ा कारण त्योहारी सीजन और सरसों तेल का तेज होना है। सस्ते विकल्प को देखते हुए पाम तेल की मांग फिर से बढ़ने लगी है, खासकर भारत और चीन जैसे बड़े आयातक देशों से। वहीं दूसरी ओर देखा जाए तो जून महीने में मलेशिया में पाम तेल का उत्पादन कम होने की आशंका है, जिससे आपूर्ति पर दबाव बना हुआ है। जिसके कारण पाम तेल की कीमतों में तेजी के संकेत दिखाई दे रहे हैं। और यदि बाजार में इसी प्रकार का ट्रेंड जारी रहा तो पाम तेल की कीमतों में कुछ और सुधार भी हो सकता है।

सोया तेल का प्रभाव

पाम तेल की कीमतें अक्सर सोया तेल और अन्य वनस्पति तेलों के भाव से प्रभावित होती हैं। इस बार भी ऐसा ही हुआ है। डालियान कमोडिटी एक्सचेंज पर सोया तेल के वायदा भाव में 0.63% की बढ़ोतरी हुई, जबकि शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (CBOT) पर सोया तेल 1.12% महंगा हुआ। जिसका असर पाम तेल पर भी पड़ रहा है क्योंकि जब सोया तेल महंगा होता है, तो कई खरीदार सस्ते विकल्प की तलाश करते हैं, और पाम तेल उनके लिए बेहतर ऑप्शन बन जाता है। इसके अलावा, रिंगिट (मलेशियाई करेंसी) का डॉलर के मुकाबले कमजोर होना भी एक वजह रहा। रिंगिट में बीच में 0.71% की गिरावट आई, जिससे विदेशी खरीदारों के लिए पाम तेल सस्ता हो गया और उनकी खरीदारी बढ़ी।

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आयात बढ़ने का असर

भारत दुनिया का सबसे बड़ा पाम तेल आयातक है, और यहां की मांग का सीधा असर मलेशिया और इंडोनेशिया जैसे निर्यातक देशों पर पड़ता है। पिछले जून महीने में भारत ने 11 महीने के सबसे ऊंचे स्तर पर पाम तेल आयात किया, जिससे वैश्विक बाजार में इसकी कीमतों को सपोर्ट मिला। भारत में आयात बढ़ने का सबसे बड़ा कारण यह है कि पाम तेल, सोया तेल और सूरजमुखी तेल की तुलना में सस्ता है, इसलिए भारतीय रिफाइनर्स ने इसकी खरीद बढ़ा दी। इसके अलावा घरेलू स्टॉक कम होने के कारण आयातकों ने ज्यादा मात्रा में ऑर्डर दिए, जिसके कारण डिमांड बढ़ने से पाम तेल की कीमतों में मजबूती देखने को मिली।

बाजार के अनुमान

कल की तेजी के बाद आज मलेशिया में पाम तेल गिरावट दिखा रहा है। 10 जुलाई को MPOB की रिपोर्ट आएगी जिसके बाद पाम के उत्पादन और स्टॉक की स्थिति साफ होगी । कुछ व्यापारी मान रहे हैं कि इंडोनेशिया और मलेशिया में पाम तेल का उत्पादन बढ़ सकता है, जिससे आपूर्ति बढ़ेगी और भाव पर दबाव आ सकता है। इसके अलावा सोया तेल की कीमतों में यदि गिरावट आती है, तो वह भी पाम तेल को प्रभावित कर सकती है। लेकिन त्योहारी सीजन को देखते हुए सरसों और सोया तेल की डिमांड घरेलू बाजारों में बढ़ती है, तो इसका असर पाम तेल पर भी दिखाई देगा और कीमतों में कुछ तेजी देखने को मिल सकती है। अगर एक और फैक्टर की बात करें तो इजराइल और ईरान के मध्य फिर से तनाव बढ़ने की चर्चा  फिर से शुरू हो गई हैं, अगर ईरान और इजरायल के बीच फिर से तनाव बनता है तो इसका सकारात्मक  असर खाद्य तेल बाजार पर जरूर दिखाई दे सकता है। फिलहाल, बाजार की स्थिति देखते हुए लगता है कि अगले कुछ हफ्तों तक पाम तेल की कीमतें ऊपर-नीचे होती रहेंगी, लेकिन एक बड़ा उछाल या गिरावट होने की संभावना कम है। व्यापार अपने विवेक और संयम से करें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।

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