क्या ग्वार के भाव बढ़ने की संभावना है | देखे इस रिपोर्ट में
किसान साथियो ग्वार के कुल उत्पादन को लेकर लगातार मंथन चल रहा है लेकिन अभी तक कुल उत्पादन की तस्वीर साफ नहीं हुई है। हालांकि ज्यादातर एक्सपर्ट इस बात से सब सहमत हैं कि उत्पादन कमजोर है इसलिए भाव के मामले में ग्वार का फंडामेंटल मजबूत है। सभी को एकमत रूप से ग्वार में आगे चलकर भाव के बढ़ने की संभावना दिखाई दे रही है। लेकिन एक स्पष्ट उत्पादन आंकड़ा और अधिकतम भाव सीमा पर कोई साफ़ दृष्टिकोण नहीं बन पा रहा । आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मंदिरों के शहर ओसियां में सोमवार को एथनिक ग्रुप की ओर से ग्वार सेमिनार आयोजित किया गया था। श्री पुखराज चोपड़ा के नेतृत्व में एथनिक ग्रुप अथवा जोधपुर परिवार की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में ग्वार उत्पादन को लेकर अलग- अलग राय रही। यहां पर जानकारों के 55 लाख बोरी से लेकर 75 लाख बोरी तक उत्पादन होने के अलग-अलग विचार सामने आए। सेमिनार में हमेशा की तरह किसान पैनल, मिलर्स निर्यातक पैनल, टैक्निकल पैनल तो शामिल थे ही साथ में देशभर से टाप विशेषज्ञ भी शामिल हुए। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें
अगर ओवर ऑल देखा जाए तो सभी पक्षों को सुनने के बाद निष्कर्ष यह निकला कि इस साल ग्वार की बिजाई 15-20 प्रतिशत तक कम हुई है। गुजरात व राजस्थान में एडवांस बारिश से ग्वार की बिजाई समय से पहले ही शुरू हो गई लेकिन अगस्त में बारिश न होने से फसल का विकास रुक गया। सितंबर की बरसात से राजस्थान के बारानी क्षेत्र में 5-10 प्रतिशत तक फसल को सहारा जरूर मिला लेकिन गंगानगर-हरियाणा बैल्ट में इस बरसात से क्वालिटी कमजोर हुई और कुछ उत्पादन भी प्रभावित हुआ। सेमिनार में भाव को लेकर हुई चर्चा में इस प्रश्न पर विचार किया गया कि कैसे 55 दिन तक बरसात न होने के बावजूद भी वायदा में भाव गिरावट दर्शाता रहा । फंडामेंटल मजबूत होने तथा हाजिर
में बाजार ऊंचा होने के बावजूद वायदा के कमजोर प्रदर्शन को सवालिया निशान लगाए गए। एक पैनल के संचालक एवं प्रख्यात टीवी एंकर श्री मृत्युंजय ने इस मामले में दर्शकों के साथ ध्वनि माध्यम से पोलिंग भी करवाई । पोल में पूछा गया था कि ग्वार के भाव दबाया जा रहा है या इसे स्वाभाविक गिरावट माना जाए । इस पर बहुमत ग्वार के भाव को दबाया गया की तरफ़ गया।बाद में तकनीकी सैशन के विशेषज्ञों में शामिल केडिया कमोडिटी कंपनी के निदेशक श्री अजय केडिया सहित सभी वक्ताओं ने कहा कि फंडामेंटल और टैक्निकल दोनों दृष्टियों से भाव बढ़ने की संभावना है । इसलिए किसानों और व्यापारियों को निराश नहीं होना चाहिए। ग्वार सम्मेलन का यह कार्यक्रम उपस्थिति, व्यवस्था और अनुशासन की दृष्टि से अत्यंत सफल रहा।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 24 सितंबर को श्रीगंगानगर में पहली बार हुए ग्वार सेमिनार में कुल उत्पादन का अनुमान 55- 60 लाख बोरी निकल कर आया था और राजस्थान एग्री ग्रुप की ओर से रुपेश गोयल ने 12500 किसानों पर आधारित सर्वे प्रस्तुत किया गया था जिसकी चौतरफा सराहना हुई।
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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।