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क्या चना बेचने का समय आ गया है | जाने क्या कहते हैं जानकार

क्या चना बेचने का समय आ गया है | जाने क्या कहते हैं जानकार
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किसान भाइयों, दिवाली से पहले देसी चने को लेकर काफी अटकलें लगाई जा रही थीं कि दिवाली के बाद चने के दामों में गिरावट देखने को मिलेगी। इस बार की दिवाली पर देसी चने के बाजार में अभूतपूर्व तेजी देखी गई है। प्रमुख उत्पादक राज्यों में चने की आवक कम और मांग अधिक होने से इसके दामों में भारी वृद्धि दर्ज की गई है। लेकिन दिवाली के त्योहार के बाद भी चने के दामों में स्थिरता बनी हुई है और आने वाले समय में चने के भाव में और तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है। पिछले साल दिवाली पर चने का औसत भाव 6425 रुपये प्रति क्विंटल था, जो इस दिवाली तक बढ़कर 7225 रुपये तक पहुंच गया। सितंबर के दौरान यह भाव कुछ मंडियों में 8450 रुपये प्रति क्विंटल तक देखा गया। बाजार में माल की कमी और उच्च मांग को देखते हुए दिवाली के बाद भी इस तेजी के बने रहने की उम्मीद है। जानकारों के अनुसार चने की घरेलू खपत लगभग 130 लाख मीट्रिक टन है, जबकि वर्तमान उत्पादन में कमी और सीमित स्टॉक के कारण अगले कुछ महीनों में चने की कीमतों में और उछाल की संभावना बनी हुई है। नए चने की फसल के बाजार में आने से पहले तक भाव में सुधार की संभावना नहीं दिखती है। क्योंकि चने का सरकारी स्टॉक भी सीमित मात्रा में बचा हुआ है, जिससे आगे कीमतें और बढ़ने की संभावना है। गत सप्ताह 7300 रुपये प्रति क्विंटल ऑस्ट्रेलिया के माल की दहशत बाजार में फैल गई, जबकि वहां से कोई विशेष माल लोडिंग में नहीं है। दूसरी तरफ सटोरिये अपना माल काटने लगे, जिससे चौतरफा मंदे का एक बार दलदल बन गया। राजस्थानी चना 7400 से लुढ़ककर 7100 रुपये प्रति क्विंटल नीचे में रह गया, बाद में 7150 रुपये 7225 बोलने लगे तथा इस भाव में घबराकर माल काटना नहीं चाहिए। अभी दहशत में कुछ दिन बाजार दबा जरूर रहेगा, लेकिन आगे चलकर चने के भाव में 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल की और तेजी देखने को मिल सकती है। आज की इस रिपोर्ट में हम चने के साप्ताहिक भावों का विश्लेषण करेंगे, राज्यों की प्रमुख मंडियों के भावों पर प्रकाश डालेंगे, और भाव में आई इस तेजी के कारणों पर विस्तृत चर्चा करेंगे। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

मंडी भाव
किसान भाइयों, चने के दामों में तेजी की उम्मीद लगातार बनी हुई है। इसका प्रमुख कारण चने की बढ़ती मांग और कम उत्पादन को बताया जा रहा है। आज के आंकड़ों के अनुसार अगर चने के भाव की बात करें तो राजस्थान की प्रमुख मंडियों जयपुर और जोधपुर में चने का आज का औसत भाव 7100 से 7300 रुपये प्रति क्विंटल है, मध्य प्रदेश की इंदौर और भोपाल मंडियों में 7200 से 7400 रुपये प्रति क्विंटल, उत्तर प्रदेश के लखनऊ और कानपुर मंडियों में 7000 से 7150 रुपये प्रति क्विंटल, हरियाणा की हिसार और करनाल मंडियों में 7300 से 7500 रुपये प्रति क्विंटल, गुजरात की अहमदाबाद और सूरत मंडी में 7100 से 7250 रुपये प्रति क्विंटल, और महाराष्ट्र की नागपुर और मुंबई मंडी में 7350 से 7500 रुपये प्रति क्विंटल के रहे। हरियाणा की मंडियों में दाल मिलों द्वारा चने की अधिक मांग होने के कारण चने के बाजार में तेजी का रुख देखा गया। वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र की मंडियों में भी चने की मांग अधिक होने और स्टॉक में कमी के कारण दामों में अधिक उछाल देखने को मिला।

उत्पादन
दोस्तों, पिछले साल की तुलना में इस साल चने के उत्पादन में भी भारी कमी आई है। इसका सबसे बड़ा कारण पिछले साल चने के दामों में आई भारी गिरावट को बताया जा रहा है, जिसके कारण किसानों ने चने की खेती से किनारा करना शुरू कर दिया था। पिछले साल चने का कुल उत्पादन 110 लाख मीट्रिक टन हुआ था, जिसकी अगर इस साल से तुलना करें तो यह बहुत ही कम है। इस साल चने का कुल उत्पादन लगभग 70 लाख मीट्रिक टन बताया जा रहा है। चने के उत्पादन में आई इस कमी के चलते घरेलू बाजारों में चने की मांग और आपूर्ति में असंतुलन बना हुआ है, जिसके कारण घरेलू बाजारों में चने के दामों में लगातार तेजी बनी हुई है। पिछले साल की तुलना में सरकार ने इस साल चने का न्यूनतम समर्थन मूल्य 210 रुपये बढ़ाकर 5650 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है, लेकिन मिलों की बढ़ती मांग और चने के स्टॉक में कमी के कारण घरेलू बाजारों में चने की कीमतें एमएसपी से कहीं ऊंचे दामों में चल रही हैं।

मांग और आवक
दोस्तों, फिलहाल घरेलू बाजारों में चने की आवक में काफी कमी दर्ज की जा रही है, जबकि दाल मिलों और व्यापारियों की मांग लगातार बढ़ रही है। चने की मांग इस समय बीजाई में भी बहुत ज्यादा हो रही है, क्योंकि जिस प्रकार पिछले कुछ समय से चने के दामों में लगातार तेजी बनी हुई है, किसानों का रुझान चने की बीजाई की तरफ फिर से बढ़ने लगा है। बीज की बढ़ती मांग के कारण चने के स्टॉक में कमी हो रही है। देश की प्रमुख मंडियों में माल की सीमित आपूर्ति के चलते चने के भाव में तेजी की स्थिरता दिखाई दे रही है। नई फसल के आने में अभी काफी समय है। ऑस्ट्रेलिया से भी चने की आयात के अभी संकेत नहीं मिले हैं, क्योंकि प्राप्त जानकारी के अनुसार ऑस्ट्रेलिया से कोई विशेष माल लोडिंग में नहीं है। इसलिए घटते स्टॉक और बढ़ती मांग को देखते हुए अनुमान यही लगाया जा रहा है कि चने के दामों में गिरावट की संभावना कम ही नजर आ रही है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

भविष्य की संभावनाएं
दोस्तों, मौजूदा स्थिति को देखते हुए चने का आने वाला समय किसानों के लिए काफी लाभदायक हो सकता है, क्योंकि उत्पादन में आई कमी के कारण घरेलू बाजारों में चने की आपूर्ति प्रभावित हुई है। चने की घरेलू खपत लगभग 130 लाख मीट्रिक टन है, जबकि इस साल चने का कुल उत्पादन 70 लाख मीट्रिक टन ही हुआ है। इसके साथ ही मिलों की बढ़ती मांग और चने की बीजाई में बीज की मांग को देखते हुए जानकारों द्वारा अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में चने के दामों में 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हो सकती है। फिलहाल चने के दाम स्थिर बने हुए हैं, लेकिन जब तक चने की नई फसल बाजार में नहीं आ जाती, तब तक चने के भाव में सुधार की उम्मीद कम ही नजर आ रही है। अगर किसान भाइयों ने चने का स्टॉक बचा कर रख रखा है तो वे आवश्यकता के अनुसार थोड़ा-बहुत माल निकाल सकते हैं।

नोट: दोस्तों, रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी अनुमानों पर आधारित है। बाजार की परिस्थितियाँ कभी भी बदल सकती हैं, इसलिए आप व्यापार अपने विवेक से करें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।

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