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ईरान इजरायल के युद्ध का बासमती के भाव पर असर होगा या नहीं | जाने रिपोर्ट में

basmati me teji
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किसान साथियों बासमती धान का सीजन शुरू हो चुका है । हरियाणा पंजाब उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश और राजस्थान की मंडियों में धान की आवक बढ़ने लगी है । साथियों जब से धान का सीजन शुरू हुआ है तब से जो रुझान निकलकर आ रहा है वह पिछले साल की तरह ही है । पिछले साल भी धान के भाव शुरुआत में काफी कमजोर खुले थे लेकिन अक्टूबर महीने के आखिरी सप्ताह तक भाव में अच्छा खासा उछाल आ गया था।

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किसान साथियों बासमती धान का सीजन शुरू हो चुका है । हरियाणा पंजाब उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश और राजस्थान की मंडियों में धान की आवक बढ़ने लगी है । साथियों जब से धान का सीजन शुरू हुआ है तब से जो रुझान निकलकर आ रहा है वह पिछले साल की तरह ही है । पिछले साल भी धान के भाव शुरुआत में काफी कमजोर खुले थे लेकिन अक्टूबर महीने के आखिरी सप्ताह तक भाव में अच्छा खासा उछाल आ गया था। अगर इस सीजन से तुलना करें तो इस साल भी भाव कमजोर चल रहे हैं लेकिन तेजी का रुझान लगभग एक समान दिखाई दे रहा है। भावों को कमजोर रहने का मुख्य कारण चावल के भाव का कमजोर होना है पिछले साल 1121 में इस समय बासमती स्टीम ए प्लस ग्रेड का भाव 10800 के आसपास चल रहा था जो कि इस समय 8500 के आसपास घूम रहा है । यही वजह है कि धान के भाव कमजोर चल रहे हैं । बाकी परिस्थितियां लगभग समान बनी हुई है। पिछले साल इसराइल और गाजा की लड़ाई का असर बाजारों पर पड़ रहा था और इस साल ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष के कारण बाजार सहमा हुआ है।  इस्राइल और ईरान सहित गाजा में शुरू हुए युद्ध के बीच गल्फ कंट्री की उथल-पुथल बाजारों को प्रभावित करती दिख रही है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल सीज़न का पीक आते आते भाव शुरुआती भाव से काफी तेज हो गए थे। किसान उम्मीद लगा रहे हैं कि इतिहास अपने आपको दोहराएगा और इस साल भी नवंबर महीने में धान के ऊंचे भाव मिलेंगे । लेकिन वास्तव में धान में कितनी तेजी बनेगी यह जानने के बाजार का विश्लेषण करना जरूरी है। आज की रिपोर्ट में हम बासमती चावल के भाव, पुराना स्टॉक, निर्यात की स्थिति, अंतर्राष्ट्रीय माहौल, धान का उत्पादन और बाजार में चल रहे सेंटिमेंट के आधार पर बाजार का विश्लेषण करेंगे। अगर आप धान के किसान या व्यापारी हैं तो आपको यह रिपोर्ट अंत तक पढ़नी चाहिए।

प्रीमियम चावल के भाव क्या दे रहे हैं इशारा
किसान साथियो अगर केवल चावल के भाव को देखें तो ऐसा नहीं लगता कि बाजार में कोई बड़ी तेजी इस साल आएगी। इस समय 1121 स्टीम का A+ ग्रेड का माल 8500 का चल रहा है जो कि पिछले साल 10800 का था सेला में भाव 8000 के थे जो कि पिछले साल 8400 के थे। चूंकि ज्यादातर माल सेला क्वालिटी का बनता है इसलिए हम इसे ही संदर्भ मानकर चलेंगे। सेला चावल के भाव पिछले साल से मात्र 400 कम है। सरकार ने इस साल MEP की लिमिट को हटा लिया है इसलिए 1121 के चावल को अन्य किस्मों में मिक्स करने की प्रवृत्ति को बल मिलेगा। इसी के चलते 1121 के तेज होने की संभावना हम लगातार बता रहे हैं। भाव भी हमारे बताये अनुसार ही चल रहे हैं। अभी तक 1121 धान के भाव 3900 से उठकर 4400 रुपये प्रति क्विंटल तक जा चुके हैं। अन्य किस्मों के रूझान भी 1121 के बाजार के समान ही है

1401 और PB1 के बाजारों पर दबाव
1121 की तरह ही हम अगर PB1 और 1401 चावल का विश्लेषण करें तो पता चलता है कि 1401 का सेला चावल जो कि पिछले साल इसी समय 8300 प्रति क्विंटल चल रहा था आज आज इसके भाव लुढ़क कर 6550 के रह गए हैं। चावल के भाव में आई 1800 रुपए की गिरावट यह बता रही है कि इस साल इस धान में कोई बहुत बड़ी तेजी आने वाली नहीं है। पिछले कुछ सालों में मध्य प्रदेश में PB1 धान जो की 1401 की तरह ही दिखता है इसका उत्पादन बहुत ज्यादा बढ़ गया है। उत्पादन बढ़ाने के कारण 1401 धान और इसकी समक्ष किस्म की सप्लाई बढ़ गई है। यही कारण है कि PB1 और 1401 में इस साल बहुत कमजोर भाव चल रहे हैं।

सरबती सुगंधा RH10 और ताज के क्या हैं हाल
किसान साथियों अगर अन्य क्वालिटी में देखें तो गैर बासमती के बढ़िया चावल जैसे शरबती, सुगंधा, RH10 और ताज जैसी किस्मों के हाल भी ज्यादा बढ़िया नहीं है। पिछले साल सुगंधा धान में इसी समय 3000 के आसपास के भाव आराम से मिल रहे थे जो कि इस साल 2500-2600 के आसपास ही चल रहे हैं। बात शरबती की करें तो गढ़मुक्तेश्वर मंडी में पिछले साल आज ही के दिन साढे 2700 के भाव 125 चल रहे थे लेकिन इस साल शरबती के भाव 2400 से 2450 की रेंज में ही है। बात RS 10 और ताज के भाव की करें तो पिछले साल के 2800 की भाव की तुलना में इस साल 22 से 2300 के भाव ही बमुश्किल मिल रहे हैं। मौजूदा परिस्थितियों को देखें तो ऐसा नहीं लगता कि इन किस्मों के भाव में कोई बड़ी तेजी आएगी लेकिन अगर अन्य बासमती के भाव यहां से ₹500 ऊपर और उठते हैं सुगंधा शरबती और ताज जैसी किस्म के भाव भी 300-400 तक सुधर सकते हैं।

निर्यात और पुराने स्टॉक पर क्या है अपडेट
दोस्तों निर्यात की मोर्चे पर कोई बुरी खबर नहीं है। साल 2023-24 में बासमती का निर्यात बढ़ा है। जुलाई महीने तक ही भारत ने पिछले साल के मुकाबले लगभग 15% तक ज्यादा निर्यात कर दिया है। इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि भले ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तनातनी चल रही हो लेकिन बासमती चावल के ग्राहकों की कोई कमी नहीं है। इतना जरूर है कि जब-जब लड़ाई और युद्ध की खबरें बाजार में फैलती हैं तो टेंपरेरी तौर पर भाव को मंदा कर देती है लेकिन अगर लंबे समय में देखें तो अंतरराष्ट्रीय माहौल से आज के परिपेक्ष में बासमती के बाजार पर बहुत बड़ा फर्क पड़ता नहीं दिख रहा है। चूंकि पिछली बार निर्यात बढ़िया हुआ है इसलिए ऐसा कहना गलत हुआ की बहुत बड़ी मात्रा में पुराना स्टॉक किसी के पास बचा होगा।

धान के उत्पादन पर क्या है अपडेट
किसान साथियों इस समय धान की आवक शुरू ही हुई है इसलिए कोई बहुत बड़ा अंदाजा उत्पादन पर लगाना मुश्किल है। लेकिन किसान साथियों से बातचीत करने पर यह पता चला है कि इस बार धान का झाड़ पिछले साल के मुकाबले कमजोर है। कुछ किसान साथियो ने मंडी भाव टुडे को बताया कि जिस खेत में पिछले साल 60 मण की धान हुई थी इस साल 45 मण से ज्यादा धान नहीं निकल रहा है। आने वाले समय में ही उत्पादन कम या ज्यादा होने की स्थिति सपष्ट हो पाएगी ।

आवक पर क्या कहते हैं व्यापारी
व्यापारियों का कहना है कि गल्फ कंट्री से चावल के डिमांड कम आने से यहां फसलों की खरीद नहीं हो पा रही है। दूसरी तरफ इस बार देश में खराब मौसम की वजह से फसलों की पैदावार भी कम हुई है। इसके कारण मंडी में करीब 30 से 40 परसेंट धान कम हो गई है। नरेला मंडी में काम करने वाले व्यापारियों ने बताया कि पिछले साल अक्टूबर-नवंबर के महीने में नरेला अनाज मंडी में प्रतिदिन 50 से 60 हजार क्विंटल धान मंडी में पहुंचता था जो कि इस बार घटकर 30 से 35000 क्विंटल प्रतिदिन ही रह गया है। नरेला अनाज मंडी में फसलों के कम आवक की मुख्य वजह यहां के व्यापारी नरेला से सटे हरियाणा के मंडियों में किसानों को बढ़िया रेट मिलना भी बता रहे हैं।

इस समय क्या चल रहे हैं धान के भाव
दोस्तों, आज लगातर पांचवा दिन है जब धान 1121 के भाव लगातर तेज हुए हैं आज बेरी मंडी में 1121 धान 21 रुपये तेज होकर 4321 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। 1121 ने कल नजफगढ़ मंडी में नया टॉप रेट 4401 का बनाया था। आज बहुत सारी मंडियां रविवार होने के कारण बंद हैं लेकिन अगर कल के टॉप भाव को देखें तो 1121 हाथ के उच्चतम भाव इस तरह से रहे : बेरी ₹ 4303, नजफगढ़ ₹ 4401, नरेला ₹ 4226, सोनीपत ₹ 4201, समालखा ₹ 4283, झज्जर ₹ 4200, जींद ₹ 4180 और जुलाना मंडी में ₹ 4200 तक के भाव लगे हैं। 1718 हाथ के उच्चतम भाव इस प्रकार से रहे नजफगढ़ में 3831 सोनीपत  ₹ 3771 कैथल में 3780, पूंडरी ₹ 3760, नुह ₹ 3670, रानियाँ ₹ 3741, रोहतक ₹ 3741 और जुलाना में ₹ 3751 तक के भाव लगे। समाना मंडी में 1401 के भाव 3400 के स्तर को पार करने में सफल हुए हैं अगर 1401 के शीर्ष भाव को देखें तो समाना मंडी में ₹ 3430, पूंडरी ₹ 3325, रानियाँ ₹ 3320, खैर ₹ 3151, सिरसा ₹ 3142, मुरैना ₹ 3100, और जींद में भाव ₹ 3300 तक के  लगे हैं।

आगे कैसा रहेगा धान का बाजार
दोस्तों इसमें कोई दो राय नहीं है कि बासमती के बाजार में इस समय तेजी का सेंटिमेंट है । लेकिन खबरें मिल रही है कि पिछले एक-दो दिन से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तनाव बढ़ गया है। यह तनाव बासमती के बाजार को बड़े तौर पर प्रभावित कर सकता है। इसलिए जिन किस साथियों ने धान निकाल लिया है खास तौर पर 1121 में अगर आपको 4200 के ऊपर के भाव मिल रहे हैं तो माल को निकाल देना चाहिए। अगर आप माल को होल्ड करना चाहते हैं तो कर सकते हैं लेकिन इसमें आपको भारी रिस्क लेकर चलना पड़ेगा। हम यह सपष्ट कर देना चाहते हैं कि भारी रिस्क से हमारा मतलब यही है कि अगर माहौल बिगड़ता है तो धान के भाव 4000 के नीचे जा सकते हैं। अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति बनी रहती है तो धान के बाजार में तेजी बनी रहेगी और 1121 के भाव जल्दी ही आपको 4500 के ऊपर नजर आएंगे इसी अनुपात में बाकी धान में भी तेजी की पूरी-पूरी संभावना है हालांकि 5000 के भाव होने की उम्मीद इस सीजन में नहीं है

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।