अगर आप चने का व्यापार या खेती करते हैं तो आपको यह रिपोर्ट जरूर देख लेनी चाहिए | चना तेजी मंदी रिपोर्ट 17 मार्च 2025
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों ज्यादा दिन की बात नहीं हुई है जब दिल्ली में लॉरेंस रोड पर चने का रेट ₹8000 के स्तर को पार कर गया था। बहुत सारे यूट्यूब और फेसबुक के तथाकथित जानकार यह कह रहे थे कि चने का भाव ₹10000 हो जाएगा । लेकिन मंडी मार्केट मीडिया ने उसी समय अपने ऑडियंस को बता दिया था कि चना बेचने का यही सबसे सही समय है। हमें पूरी उम्मीद है कि उस समय का आपने ऊंचे भाव का पूरा लाभ उठाया होगा। ठीक उसके बाद से ही चने के भाव में गिरावट शुरू हो गई थी और आज चने के भाव पिटते पिटते दिल्ली में 5600 से 5700 के स्तर पर आ गए हैं। मंडियों में तो भाव और भी कम मिल रहे हैं। देसी चने की कीमतों में गिरावट का रुख बना हुआ है। भाव इतने नीचे आ गए हैं फिर भी बाजार में खरीदारों की कमी बनी हुई है। प्रमुख बाजारों, जैसे दिल्ली के लॉरेंस रोड, में चने की आवक कम है, फिर भी कीमतों में सुधार देखने को नहीं मिल रहा। चना की पल पल की जानकारी पाने के लिए ले हमरी प्रीमियम सर्विस केवल 500 रूपये में 6 महीनो तक लेने के लिए 9518288171 पर मैसेज या कॉल करे |
क्या है गिरावट की वज़ह
चने में गिरावट के पीछे सबसे बड़ा कारण ऑस्ट्रेलिया से सस्ते भाव में आयात सौदों का होना है, जिससे बाजार में घबराहट बनी हुई है। जनवरी-फरवरी की डिलीवरी के लिए ऑस्ट्रेलिया से सस्ते आयात सौदे हुए, जिससे सप्लाई पर दबाव बना और कीमतें लगातार गिरती रहीं। इसके अलावा चने का सीजन भी चल रहा है इसलिए सप्लाई बढ़ने से कीमतों पर दबाव जारी है। हालांकि, आगे चलकर खपत बढ़ने की संभावना है, जिससे बाजार में थोड़ा बहुत सुधार देखने को मिल सकता है। वहीं, फरवरी में हुए आयात सौदों की डिलीवरी में संभावित दिक्कतें आ सकती हैं, जिससे बाजार में मजबूती आ सकती है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
चना उत्पादन का अनुमान
दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार 2024-25 रबी सीजन में देश में चने का उत्पादन लगभग 115.35 लाख टन रहने का अनुमान है, जो पिछले साल के 110.39 लाख टन से 4.49% अधिक है। हालांकि, देसी चने की उपलब्धता के बावजूद, देश में कुल खपत 123 लाख टन के आसपास आंकी गई है, जिससे बाजार में कुल आपूर्ति पर दबाव बना रहेगा। दूसरी तरफ व्यापारी देशी चने का उत्पादन केवल 80 लाख टन मानकर चल रहे हैं। चने के भाव को प्रभावित करने वाला एक दूसरा बड़ा फैक्टर चने की सरकारी खरीद है । आइए जानते हैं की राज्यवार सरकारी खरीद के लक्ष्य क्या रखे गए हैं।
चने के मौजूदा रेट क्या है
दिल्ली मंडी में नया चना एमपी लाइन ₹ 5400/25 और राजस्थान जयपुर लाइन ₹ 5500/25 रहा, आवक उपलब्ध नहीं। अमरावती मंडी में चना नया ₹ 5000/5450 मंदी ₹ 50, आवक 800/1000 बोरी रही। देवास मंडी में काबुली चना ₹ 8000/8700, आवक 500 बोरी रही। उज्जैन मंडी में काबुली चना ₹ 8000/8500, आवक 20/25 बोरी रही। जयपुर मंडी में चना ₹ 5400 मंदी ₹ 50 और चना दाल ₹ 6425 मंदी ₹ 100 रही। जालना मंडी में चना ₹ 5150/5200 मंदी ₹ 50, आवक 6000/6500 बोरी रही। विदिशा मंडी में चना नया ₹ 5100/5400 मंदी ₹ 50, आवक 200 बोरी रही। अकोला मंडी में चना मिक्स सेल्टेड ₹ 5450/5500 और चना मिक्स बेस्ट ₹ 5400/5450 रहा।
राज्यवार चना की सरकारी खऱीद का लक्ष्य इस प्रकार है:
मध्य प्रदेश: 7.28 लाख टन (अनुमानित सरकारी खरीद)
महाराष्ट्र: 7.08 लाख टन
गुजरात: 2.66 लाख टन
उत्तर प्रदेश: 1.96 लाख टन
कर्नाटक: 96,498 टन
आंध्र प्रदेश: 74,945 टन
तेलंगाना: 37,083 टन
छत्तीसगढ़: 52,738 टन
हरियाणा: 2,718 टन
स्टॉक और आयात की स्थिति
साथियों आप सबको पता ही है कि पिछले साल चने का उत्पादन कम रहने के कारण पिछला स्टॉक उपलब्ध नहीं है। हालांकि इस साल घरेलू चना उत्पादन ज्यादा होने के साथ-साथ, ऑस्ट्रेलिया और तंजानिया से शुल्क मुक्त आयात घरेलू कीमतों को प्रभावित कर रहा है। चना का शुल्क मुक्त आयात 31 मार्च 2025 तक मंजूर है। इसके अलावा, दिसंबर 2023 से अब तक 30 लाख टन से अधिक पीले मटर का भारी आयात हुआ, जिससे चना की कीमतों पर दबाव बना रहा। पिछले सप्ताह सरकार ने पीले मटर के शुल्क मुक्त आयात को मई के अंत तक तीन महीने के लिए बढ़ा दिया, जिससे निकट भविष्य में चना बाजार पर और असर पड़ सकता है। चना की पल पल की जानकारी पाने के लिए ले हमरी प्रीमियम सर्विस केवल 500 रूपये में 6 महीनो तक लेने के लिए 9518288171 पर मैसेज या कॉल करे |
सरकारी नीति और खरीद की स्थिति
सरकार ने रबी 2025 विपणन सत्र में मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत 32 लाख टन से अधिक दालों की खरीद करने की योजना बनाई है।
चना के लिए 21.64 लाख टन से अधिक चना खरीदने की मंजूरी दी गई है। तेलंगाना में चना खरीद पहले ही शुरू हो चुकी है और 12 मार्च तक 1,055.25 टन की प्रगतिशील खरीद हो चुकी थी। मध्य प्रदेश में 25 मार्च से 31 मई के बीच 7.28 लाख टन चने की खरीद का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, सरकार ने मसूर पर 10% शुल्क लगाया है, जबकि पीले मटर के आयात को बढ़ाकर चना पर अप्रत्यक्ष रूप से दबाव बनाए रखा है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
चना बाजार में तेजी या मंदी का अनुमान
अल्पावधि (शॉर्ट टर्म): बाजार में आयात और अधिक स्टॉक के कारण मंदी बनी हुई है, लेकिन खपत बढ़ने की संभावना से आगे चलकर 100 रुपये तक की तेजी आ सकती है।
मध्यम अवधि (मीडियम टर्म): फरवरी में हुए आयात सौदों की डिलीवरी में संभावित दिक्कतें बाजार को फिर से मजबूती दे सकती हैं।
दीर्घावधि (लॉन्ग टर्म): यदि सरकार पीले मटर के आयात पर और नियंत्रण नहीं लगाती, तो चना की कीमतें दबाव में रह सकती हैं।
चने की तेजी मंदी रिपोर्ट
1. देसी चना बाजार में फिलहाल मंदी बनी हुई है, लेकिन आगे जाकर खपत बढ़ने से कीमतों में सुधार संभव है।
2. 2024-25 में चना उत्पादन पिछले साल से तो अधिक है, लेकिन 123 लाख टन की खपत के मुकाबले उत्पादन कम है।
3. ऑस्ट्रेलिया और तंजानिया से आयात तथा पीले मटर के भारी आयात से चना बाजार प्रभावित हो रहा है। चना की पल पल की जानकारी पाने के लिए ले हमरी प्रीमियम सर्विस केवल 500 रूपये में 6 महीनो तक लेने के लिए 9518288171 पर मैसेज या कॉल करे |
4. सरकार ने 21.64 लाख टन से अधिक चने की खरीद योजना बनाई है, लेकिन क्या यह योजना प्रभावी होगी, यह बाजार की स्थिति पर निर्भर करेगा।
5. आगे आने वाले दिनों में यदि सरकारी खरीद तेज होती है और आयात प्रभावित होता है, तो चने के दामों में मजबूती देखने को मिल सकती है बाकि व्यापार अपने विवेक से करे
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।