पाम में तूफानी तेजी के बाद कितनी तेज होगी सरसों | जाने सरसों की तेजी मंदी रिपोर्ट में
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों पिछले कुछ दिनों से पाम तेल के बाजार में सभी को चकित कर रखा है। कई हफ्तों से ऐसा ट्रेंड चल रहा है कि पाम तेल में पहले तो तूफानी तेजी आती है और फिर उतनी ही बड़ी गिरावट। ओवरऑल ट्रेंड को देखें तो पाम का भाव इस समय अपने टॉप रेट के आसपास चल रहा है। मलेशिया में भारी बाढ़ का कहर छाया हुआ है, जिसके चलते पाम तेल का उत्पादन घटने की आशंका बन गई है। यही कारण है कि पाम तेल का बाजार अपने कई साल के टॉप रेट की तरफ बढ़ रहा है। हालांकि पाम तेल की तेजी के अनुपात में सरसों का बाजार नहीं बढ़ रहा। हमने मंडी भाव टुडे पर पहले भी बताया था कि सरसों का बाजार इस समय दबाव में है और यह विदेशी बाजारों के ट्रेंड को फॉलो नहीं कर रहा। अब देखने वाली बात यह है कि भारतीय बाजार कब तक विदेशी बाजारों में आई इस तेजी को नजरअंदाज कर सकता है। हमने आज की रिपोर्ट में तेल तिलहन के बाजार का गहराई से विश्लेषण करके यह जानने की कोशिश की है कि आने वाले समय में क्या भारतीय बाजार विदेशी बाजारों को फॉलो करने लग जाएंगे और पाम तेल जैसी तेजी सरसों तेल और सरसों के बाजार में दिखाई देगी या नहीं। अगर आप सरसों, सोया तेल या फिर अन्य किसी तिलहन के किसान या व्यापारी हैं तो आपको यह रिपोर्ट अंत तक पढ़नी चाहिए।
भारत खाद्य तेलों के लिए विदेशों पर निर्भर
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों, इसमें कोई शक नहीं है कि भारत को अपनी खाद्य तेलों की जरूरत के लिए विदेशी बाजारों पर निर्भर रहना ही होगा। क्योंकि भारत को अपनी जरूरत का 60% से ज्यादा हिस्सा विदेशों से ही आयात करना पड़ता है, इसलिए इसमें कोई दो राय नहीं है कि अगर विदेश में पाम तेल के भाव लगातार बढ़ते रहते हैं तो भारतीय बाजार में इसका असर देर-सवेर अवश्य ही दिखेगा। पिछली बार जब पाम तेल के भाव 5200 के नजदीक गए थे, तब भी हमने यही कहा था लेकिन उस समय बाजार अपने ऊंचे स्तर को होल्ड नहीं कर पाया था। इसलिए भारत में इसका कोई असर नहीं दिखा। अब देखने वाली बात यह है कि अगर आने वाले एक हफ्ते तक पाम तेल के बाजार 5200 के ऊपर बने रहते हैं तो निश्चित रूप से सरसों के बाजार में ₹200 तक की तेजी आ सकती है।
क्या कहता है घरेलू बाजार
दोस्तों, घरेलू बाजार की बात करें तो फिलहाल बाजार में स्थिरता का माहौल दिखाई दे रहा है। कल विदेशी बाजारों में तूफानी तेजी आने के बावजूद भी जयपुर में कंडीशन 42% सरसों के भाव 6600 के स्तर से टस से मस नहीं हुए। भरतपुर में भी बाजार हिला तक नहीं और भाव 6185 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए। बात दिल्ली और च दादरी की करें तो यहाँ सरसों के रेट क्रमशः 6375 और 6350 के रहे। अन्य मुख्य व्यापार केंद्रों के भाव को देखें तो अलवर में सरसों का रेट 6200, बरवाला में 6000, हिसार में 5900, मुरैना में 5950, खैरथल में 6175, टोंक में 6155, निवाई में 6175, खैरथल में 6260 और नदबई में 6185 रुपए प्रति क्विंटल तक के रेट तक सरसों का व्यापार हुआ। मंगलवार को सरसों की आवक 2 लाख बोरी के आसपास देखी गई।
प्लांटों पर क्या रहे भाव
दोस्तों, अगर ब्रांडेड तेल मिलों के भाव को देखें तो पिछले 5 दिन से सलोनी प्लांट पर सरसों का रेट 7100 स्तर पर बना हुआ है। पाम तेल के भाव में आई तेजी का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। अन्य प्लांट की बात करें तो वंश सीतापुर प्लांट पर सरसों का रेट ₹50 घटकर 6500 का रह गया। गोयल कोटा प्लांट पर भी सरसों का भाव 6300 के स्तर पर स्थिर रहा। इसके अलावा अदानी बूंदी और अलवर प्लांट पर सरसों के भाव 6500 के रहे और यहां भी ₹50 तक की गिरावट देखने को मिली। नोट :- अगर आपको धान, चावल, सरसों, सोयाबीन, और चना के लाइव भाव चाइये तो आप 500 रुपए दे कर 6 महीनो तक लाइव भाव की सर्विस ले सकते है | जिन्हे लेनी है वही व्हाट्सअप पर मैसेज करे 9518288171 इस नंबर पर खाली भाव पूछने के लिए काल या मैसेज ना करे |
हाजिर मंडियों के ताजा भाव
दोस्तों, मुख्य व्यापारिक केंद्रों और प्लांटों के भाव को तो हमने देख लिया, अब यह जान लेते हैं कि हाजिर मंडियों में सरसों के भाव का क्या रुझान रहा। संगरिया मंडी में सरसों रेट 5889 रु (लैब 39.63), पीलीबंगा मंडी में सरसों रेट 5660 रु, अनूपगढ़ मंडी में सरसों रेट 5742 रु, श्री गंगानगर मंडी में सरसों रेट 5540 से 5910 रु, बीकानेर मंडी में सरसों रेट 5200 से 5701 रु, आदमपुर मंडी में सरसों रेट 5786 रु (लैब 39.84), ऐलनाबाद मंडी में सरसों रेट 5700 से 5900 रु, नोहर मंडी में सरसों रेट 5650 से 5900 रु और देवली मंडी में सरसों रेट 5000 से 6150 तक देखने को मिला।
विदेशी बाजारों की अपडेट
दोस्तों, मंगलवार को विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों में बढ़िया तेजी देखने को मिली। मलेशिया में भयंकर बाढ़ और इंडोनेशिया द्वारा निर्यात में वृद्धि करने के कारण पाम तेल के भाव बड़े हैं। मलेशिया के बाजार में कल यानी कि मंगलवार को पाम तेल के फरवरी वायदा भाव 121 रिंगिट यानी कि 2.45% तेज होकर 5076 रिंगिट प्रतिदिन पर पहुंच गए। बात जनवरी और दिसंबर वायदा अनुबंध की करें तो यहां भाव क्रमशः 5200 और 5300 के पार हो गए हैं। आज भी पाम तेल के बाजार तेजी दिखा रहे हैं और दिसंबर वायदा ₹5400 रिंगिट के नजदीक पहुंचता दिखाई दे रहा है। बात जनवरी वायदा की करें तो यहां पर 5281 रिंगिट प्रति टन का रेट खुला है। बात चीन के बाजार की करें तो यहां पर भी तेजी का माहौल लगातार देखने को मिल रहा है। आज चीन के बाजार में लगभग 164 पॉइंट की तेजी देखने को मिल रही है।
पाम में तेजी के चलते तेजी की संभावना
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों, इस समय पाम तेल जिस तरह आए दिन नए रिकॉर्ड बना रहा है, उसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि भारतीय बाजार अब इस तेजी से अछूते नहीं रह पाएंगे। लेकिन देखने वाली बात यह है कि पाम में आई यह तेजी होल्ड करती है या नहीं। अगर पाम तेल के भाव 5200 रिंगिट के ऊपर बने रहते हैं तो जयपुर में कंडीशन सरसों का रेट 6800 का स्तर दिखा सकता है। हालांकि बहुत बड़ी तेजी की गुंजाइश भारतीय बाजार में नहीं है। सरसों के भाव के कमजोर रहने का दूसरा सबसे बड़ा कारण सरसों खल के रेट में तेजी नहीं आना है। जयपुर में सरसों खल के रेट इस समय 2320 रुपए प्रति क्विंटल चल रहे हैं, जो की सामान्य से कम से कम ₹400 कम है। अगर आप सरसों को स्टॉक करके रखे हुए हैं तो आपको पाम तेल के भाव को मॉनिटर करना चाहिए। पाम तेल में आई इस तेजी के कारण अगर सरसों का बाजार उठता है तो आपको अपना माल निकाल देना चाहिए। व्यापार अपने विवेक से करें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।