क्या चना में सीजन का टॉप भाव आ चूका है | जाने पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में
चना की कीमतें इस साल लगातार बढती ही जा रही हैं। इसका मुख्य कारण रबी सीजन में उम्मीद से कम चने का उत्पादन होना और त्योहारी सीजन में इसकी मांग में वृद्धि होना है। दिल्ली और जयपुर जैसे बड़े बाजारों में चना की कीमतें लगभग 8000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई हैं, जो इस सीजन का टॉप भाव है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
सरकारी रणनीति से बाजार पर क्या असर पड़ा
भारतीय सरकार ने घरेलू बाजार में चने की उपलब्धता बढ़ाने के लिए मई में इस पर लगा 66% का आयात शुल्क हटा दिया था। लेकिन इसके बावजूद, चने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। दिल्ली में चने की कीमतें पिछले कुछ महीनों में करीब 35% बढ़कर ₹7,950-8,025 प्रति क्विंटल हो गई हैं। सरकार का अनुमान है कि इस साल चने का उत्पादन पिछले साल की तुलना में थोड़ा कम होगा। हालांकि, उद्योग के जानकारों का मानना है कि वास्तविक उत्पादन अनुमान से भी कम हो सकता है। उत्पादन में कमी और मांग में वृद्धि के कारण ही कीमतें लगातार बढ़ रही हैं।
बाजार में में चल रहा है मिला जुला रुख
चने की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि ने बाजार में एक अनिश्चितता पैदा कर दी है। एक ओर जहां घरेलू उत्पादकों और व्यापारियों को इस बढ़ोतरी से लाभ मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया से चने के बढ़ते आयात ने बाजार में एक नई चुनौती खड़ी कर दी है। ऑस्ट्रेलियाई चने की प्रतिस्पर्धी कीमतें घरेलू उत्पादकों के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती हैं। मुंबई बंदरगाह पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, आयातित चने की कीमतें घरेलू बाजार में उपलब्ध चनों की कीमतों के लगभग बराबर हैं। इस स्थिति के कारण, आने वाले समय में घरेलू बाजार में चने की कीमतों में स्थिरता या गिरावट देखने को मिल सकती है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
ऑस्ट्रेलिया में कैसी है चना की फसल
दोस्तों ऑस्ट्रेलिया में देसी चने का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है, और यह भारत जैसे देशों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। इस सीजन में ऑस्ट्रेलिया लगभग 13.5 लाख टन चना का निर्यात करने की योजना बना रहा है, जो वैश्विक बाजार में इसकी स्थिति को मजबूत करेगा। अनुमान के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया का कुल चना उत्पादन इस सीजन में 15.2 लाख टन तक पहुंच सकता है। भारत में चने की मांग अधिक होने के कारण, ऑस्ट्रेलिया से होने वाला यह निर्यात भारतीय बाजार में चने की उपलब्धता को बढ़ाएगा और कीमतों में आ रही तेजी को कम करने में मदद कर सकता है। इस प्रकार, ऑस्ट्रेलिया से चने का आयात भारत में चने की कमी को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
चना का भाव पहुंच चूका है 8000 रुपए तक
दोस्तों त्यौहारी मांग के कारण प्रमुख उपभोक्ता बाजारों में चना 8,000 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास पहुंच चूका है। ऑस्ट्रेलिया में नई फसल के आगमन के साथ अक्टूबर के मध्य से इसमें कमी आ सकती है। त्योहारी सीजन की मांग बढ़ने से दिल्ली और जयपुर जैसे प्रमुख उपभोक्ता बाजारों में देसी चना की कीमतें लगभग ₹8,000 प्रति क्विंटल के मौसमी उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं। सूत्रों से पता चल है कि अक्टूबर के मध्य से ऑस्ट्रेलियाई फसल की कटाई शुरू होने पर कीमतों में गिरावट आने की संभावना है। उम्मीद से कम रबी 2023-24 सीजन की फसल के कारण 2024 के विपणन सीजन में चना की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं और त्योहारी सीजन की मांग के कारण तेजी का रुख अभी बरकरार है। बाकि व्यापार अपने विवेक से करे
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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।