Movie prime

वायदे में गिरावट आने से ग्वार गम की कीमतें हुईं कमजोर

वायदे में गिरावट आने से ग्वार गम की कीमतें हुईं कमजोर
WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

दोस्तों, पिछले हफ्ते ग्वार‑गम के बाजार में कुछ ऐसा ही हुआ जो ट्रेडर्स और मंडी के कारोबारियों की आंखों में जलन पैदा कर गया। ग्वार‑गम का भाव जिस तेजी से बढ़ने की उम्मीद की जा रही थी, वैसा तो हुआ नहीं, बल्कि अचानक वायदा (futures) में गिरावट का दौर शुरू हो गया। यहां तक कि मंडी (spot market) में भी यह कमजोरी साफ झलक रही थी। ग्वार गम फ्यूचर्स 9,600 रुपये से गिरकर 9,564 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। और ग्वार बीज फ्यूचर्स 5,115 से बढ़कर 5,150 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया। फ्यूचर्स मार्केट में सट्टेबाजी (speculation) कम होने से ग्वार गम के भाव दबाव में रहे, लेकिन ग्वार बीज में थोड़ी तेजी देखने को मिली। इसके विपरीत ग्वार की चूरी पर इसका कोई असर दिखाई नहीं दिया और ग्वार चूरी कीमतों में काफी मजबूती दिखी। Industrial demand कमजोर होने से लेंस ऑफ ट्रेडर्स थोड़ा संकुचित हो गया, जिससे बाजार का सेंटीमेंट काफी नरम दिखाई दे रहा था। ऐसा बदलाव अचानक ही नहीं आया। फिलहाल ग्वार‑गम की मांग में थोड़ी कमजोरी का असर दिख रहा है। मिलों से लेकर एग्ज़पोर्ट तक के डिमांड में गिरावट ने भावों को दबाया। मगर साथ ही, चूरी की कमी और घरेलू खपत ने इसकी कीमतों को पुश दिया। ये बदलाव केवल मंडी का मामला नहीं रहे, बल्कि एनसीडीईएक्स (NCDEX futures exchange) में भी वायदा भावों में ओछी-ऊंची लहरें देखने को मिलीं। हालांकि क्रूड ऑयल (crude oil) की कीमतों में मामूली बढ़त ने थोड़ा संतुलन बना लिया लेकिन फिलहाल कुल मिलाकर कीमती कमजोर ही बनी हुई है। जोधपुर, अहमदाबाद और हिसार जैसी प्रमुख मंडियों में ग्वार से जुड़े उत्पादों का कारोबार धीमा रहा, साथ ही, कच्चे तेल (crude oil) की कीमतों में तेजी ने भी ग्वार गम के लिए एक अप्रत्यक्ष सपोर्ट का काम किया। अगर आप ग्वार के बिजनेस से जुड़े हैं या इसमें निवेश करना चाहते हैं, तो यह रिपोर्ट आपके लिए बेहद जरूरी है

सिर्फ 600 रुपये में 6 महीने तक Whatsapp पर भाव पाने के लिए 9729757540 पर मैसेज करें

जोधपुर मंडी में ग्वार गम की सुस्त रफ्तार

जोधपुर, ग्वार गम ट्रेडिंग का एक प्रमुख हब है, लेकिन पिछले हफ्ते यहां कारोबार काफी स्लो (slow) रहा। पिछले हफ्ते जोधपुर में ग्वार गम के भाव 9,600-9,700 रुपये प्रति क्विंटल के बीच ऊपर-नीचे होते रहे, लेकिन कोई बड़ी तेजी नहीं दिखी। इसकी मुख्य वजह वायदा बाजार (futures market) में गिरावट और एक्सपोर्ट डिमांड (export demand) का कमजोर होना था। इसका कारण औद्योगिक यूज़ कम होने से ग्वार गम की खरीदारी धीमी रही। वहीं दूसरी ओर वायदा बाजार में दबाव के कारण ट्रेडर्स ने नए ऑर्डर कम दिए। इसके अलावा निर्यात (exports) के ऑर्डर में भी कमी आई, जिससे प्राइस सपोर्ट नहीं मिल पाया।

ग्वार के भाव

साथियों, ग्वार गम बनाने वाली मिलों की मांग कम होने से ग्वार बीज के दाम भी 5,100-5,150 रुपये प्रति क्विंटल तक सीमित रहे। अगर मांग और घटी, तो यह कीमतें और नीचे जा सकती हैं। अगर फिलहाल के ग्वार के भावों की बात करें तो जोधपुर मंडी में ग्वार के भाव 4,850 से 5,000 रुपए प्रति क्विंटल रहे, मॉडल भाव 4,800 रुपए रहा, राजस्थान में औसत भाव 5,250 रहा और रेंज 5,000 से 5,900 रुपए प्रति क्विंटल तक रही, हरियाणा की मंडियों में ग्वार का भाव 4,091 से 4,977 रुपए प्रति क्विंटल रहा और औसत भाव 4,720.5 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया, चुरू मंडी में 4,700 से 4,900 रुपए, और मॉडल भाव 4,800 रुपए रहा, और नागौर के जयाल मंडी में ग्वार के भाव 4,500 से 5,000 रुपए प्रति क्विंटल, और मॉडल भाव 4,700 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किए गए।

सिर्फ 600 रुपये में 6 महीने तक Whatsapp पर भाव पाने के लिए 9729757540 पर मैसेज करें

ग्वार चूरी में मजबूती

साथियों, ग्वार गम की मांग कमजोर होने के बावजूद, ग्वार चूरी की कीमतों पर इसका कोई असर नहीं दिखाई दिया और ग्वार चूरी के भाव 3,000-3,100 रुपये प्रति क्विंटल के बीच टिके रहे। इसकी सबसे बड़ी वजह पशु आहार इंडस्ट्री की मांग बनी रहना था। जानकारों का कहना है कि सप्लाई कम होने से मंडियों में ग्वार चूरी का स्टॉक कम था, जिससे कीमतों को सपोर्ट मिला। वहीं *डेयरी और पोल्ट्री सेक्टर में चूरी की नियमित खरीदारी जारी रही। लेकिन हाजिर बाजार में कम माल होने के कारण ट्रेडर्स के पास ज्यादा स्टॉक नहीं था, इसलिए भाव नीचे नहीं आए। अनुमान यही लगाया जा रहा है कि अगर सप्लाई और कम होती है, तो चूरी के दाम और बढ़ सकते हैं।

कैसा रहेगा यह सप्ताह

इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल (crude oil) के भाव 60.79 डॉलर से बढ़कर 64.58 डॉलर प्रति बैरल हो गए। चूंकि ग्वार गम का इस्तेमाल ऑयल ड्रिलिंग (oil drilling) में होता है, इसलिए अगर कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो ग्वार गम की मांग भी बढ़ सकती है। हालांकि, अभी तक इसका सीधा असर ग्वार गम के भावों पर नहीं दिखा, लेकिन अगर तेल की कीमतें और बढ़ती हैं, तो ग्वार गम के एक्सपोर्ट में सुधार हो सकता है। इसके अलावा अगर औद्योगिक मांग (industrial demand) बढ़ती है, तो ग्वार गम के भाव सुधर सकते हैं। वही उम्मीद की जा रही है कि पशु आहार सेक्टर की मांग बनी रहने से चूरी के दाम स्थिर रहेंगे। फिलहाल ग्वार के भावों में कोई खास उम्मीद दिखाई नहीं दे रही। बाजार हल्की तेजी मंदी के साथ आगे बढ़ने की संभावना है। अगर आप ग्वार के व्यापारी हैं, तो आपको बाजार में हो रहे घटनाक्रम पर नजर बनाए रखना जरूरी है, इसके अलावा व्यापार अपने विवेक और संयम से करें।


👉व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़े

👉 चावल के रियल टाइम में भाव और चावल व्यापार के लिए एप डाउनलोड करें

👉 सिर्फ सर्विस लेने वाले ही *WhatsApp करें – 9729757540*

👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट

👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव

👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें

About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।