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सरसों और सोयाबीन के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी | सरकार बढ़ा सकती है खाद्य तेलों पर आयात शुल्क | देखें पूरी रिपोर्ट

सरसों और सोयाबीन के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी | सरकार बढ़ा सकती है खाद्य तेलों पर आयात शुल्क |  देखें पूरी रिपोर्ट
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किसान साथियो सोयाबीन, सरसों और अन्य तिलहन फसलों के कमजोर भाव को देखते हुए कई दिनों से किसान संगठनों और SOPA जैसी संस्थाओं द्वारा बार बार खाद्य तेलों के आयात शुल्क को बढ़ाने की मांग की जा रही थी। इन संस्थाओ के बार बार आग्रह को देखते हुए ऐसा लगता है कि सरकार ऐसा करने के बारे में सोच रही है। हिन्दू बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के अनुसार कृषि मंत्रालय ने कथित तौर पर घरेलू किसानों की सुरक्षा के लिए खाद्य तेलों के आयात शुल्क में बढ़ोतरी का सुझाव दिया है ताकि उन्हें तिलहन फसल के लिए कम से कम न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्त हो सके। रिपोर्ट के अनुसार जल्द ही अनुकूल निर्णय की उम्मीद है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

दोस्तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस समय कच्चे पाम तेल (Crude Palm Oil), सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल पर आयात शुल्क 5.5 प्रतिशत और रिफाइनड खाद्य तेलों पर 13.75 प्रतिशत है। खाद्य तेल उद्योग के अधिकारियों के अनुसार कच्चे खाद्य तेल के आयात पर इस समय आयात शून्य है, जो किसी भी देश के बहुत दुर्लभ स्थिति है। जब तक आयात शुल्क को बढ़ाया नहीं जाएगा, तब तक किसान तिलहन फसलों को उगाने के लिए प्रेरित नहीं होंगे। सरकार जल्द ही ₹6,800 करोड़ के राष्ट्रीय तिलहन मिशन की घोषणा कर सकती है।

खाद्य तेलों में भारत नहीं है आत्मनिर्भर
भारत खाद्य तेलों के मामले में आत्मनिर्भरता से कोसों दूर है। 60% से अधिक खाद्य तेलों का आयात किया जाता है। इसीलिए सरकार खाद्य तेलों के घरेलू उत्पादन को बढावा देना चाहती है। खाद्य मंत्रालय आयात शुल्क में बढ़ोतरी के खिलाफ नहीं है क्योंकि वह यह भी चाहता है कि किसानों को अधिक तिलहन उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। खासकर आने वाले रबी सीजन को देखते हुए, जिसमें भारत की सबसे बड़ी तिलहन फसल सरसों की बुवाई की जाएगी। खाद्य मंत्रालय ने आयात शुल्क बढ़ाने की सिफारिश तो की है लेकिन इस पर पर अंतिम निर्णय सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मंत्रियों की समिति की बैठक में लिया जाएगा।

बजट से मिली थी निराशा
बजट के समय किसान संगठनों और खाद्य तेल उद्योग से संबंधित संस्थाओं को उम्मीद थी कि बजट में आया ड्यूटी को बढ़ाने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ था। बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के अनुसार कृषि मंत्रालय ने आयात शुल्क में वृद्धि करने की राय तो दी है लेकिन इसकी दर के बारे में कुछ नहीं कहा है। मंत्रालय ने सिफारिश की है कि खाद्य तेल का अंतिम आयात मूल्य किसी भी घरेलू तिलहन उद्योग द्वारा उत्पादित खाद्य तेल की लागत से कम नहीं होना चाहिए। चूंकि मूंगफली और सोयाबीन की फसल की आवक अगले महीने से शुरू हो जाएगी, इसलिए आयात शुल्क बढ़ाने को लेकर जल्द ही निर्णय लिए जाने की उम्मीद है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

सोपा का क्या है सुझाव
मुंबई स्थित सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SOPA) %%के अध्यक्ष अजय झुनझुनवाला ने पिछले महीने एक बयान में कहा था कि खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाने के साथ-साथ कच्चे तेल के बीच शुल्क अंतर को वापस लाने के संबंध में बजट में कोई घोषणा नहीं होने से उद्योग की उम्मीदों को झटका लगा है। कच्चे खाद्य तेल और रिफाइंड तेल के बीच न्यूनतम अन्तर को 15 प्रतिशत तक होना चाहिए । उन्होंने कहा था कि हम सरकार से तिलहन किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाने का लगातार अनुरोध कर रहे हैं लेकिन ऐसा लगता है कि अभी तक इस पर ध्यान नहीं दिया गया है।

एमएसपी से कम चल रहे हैं सोयाबीन और सरसों के रेट
किसान साथियों जैसा कि आप सबको पता है कि इस समय ना तो नयी सोयाबीन बाजार में है और ना ही सरसों। ऐसे समय में भी अगर किसानो को सोयाबीन और सरसों में MSP के बराबर भाव नहीं मिल पा रहा है तो जब अगले महीने सोयाबीन की आवक शुरू होगी तो भाव के और नीचे जाने का खतरा बना हुआ है । ऐसी कंडीशन में सरकार को किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए जल्दी से जल्दी आयात शुल्क बढ़ा देना चाहिए ताकि किसानों को कम से कम MSP के बराबर भाव मिल जाए। इस समय एक आध मंडियों में नयी सोयाबीन की आवक देखने को मिली है। इसके भाव मध्य प्रदेश में औसतन ₹4,150/क्विंटल और महाराष्ट्र में ₹4,185/क्विंटल के आसपास देखने को मिल रहे हैं। है, जबकि एमएसपी ₹4,892/क्विंटल है। किसानों को मूंगफली की नई फसल के भाव अपने एमएसपी ₹6,783/क्विंटल से कम मिल रहे हैं।

खाद्य तेलों के क्या हैं रेट
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों को देखें तो 1 अगस्त से 25 अगस्त 2024 के बीच सोया तेल के औसत खुदरा भाव ₹123/लीटर सरसों के तेल के भाव ₹145/लीटर, पाम तेल के भाव ₹102/लीटर, मूंगफली तेल के ₹187/लीटर और सूरजमुखी तेल ₹131/लीटर के आसपास चल रहे हैं। पिछले साल के मुकाबले ये भाव बहुत कम हैं। एक साल पहले की अवधि में सोया तेल के भाव ₹133/लीटर, सरसों तेल ₹151/लीटर, पाम तेल के भाव ₹108/लीटर, मूंगफली तेल भाव ₹192/लीटर और सूरजमुखी तेल के रेट ₹147/लीटर तक थे। खाद्य तेलों के भाव कम होने के कारण किसानों को तिलहन फसलों के भाव अच्छे नहीं मिल रहे हैं इसलिए किसानों के मन में हताशा फैल रही है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

आयात ड्यूटी बढ़ने पर किसानो को मिलेगा फायदा
साथियों मंडी भाव टुडे पर हमने पहले भी अपनी कई रिपोर्ट में बताया है कि अगर सरकार खाद्य तेलों के आयात पर आयात ड्यूटी बढ़ती है तो इससे तिलहन फसलों के किसने खासतौर पर सरसों और सोयाबीन को बड़ा फायदा हो सकता है । एक अंदाज के अनुसार सरसों के भाव 6500 और सोयाबीन के भाव 5000 के आसपास मिल सकते हैं मंडी भाव टुडे को उम्मीद है कि सरकार किसानों के हित में फैसला लेगी और जल्दी ही आयात शुल्क को बढ़ा देगी।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।