सरकारी प्याज बिगाड़ सकती है प्याज में तेजी का गणित | जाने आज मंडियों से क्या मिल रही है रिपोर्ट
नमस्कार किसान साथियों और व्यापारी भाइयों , मंडी में आजकल प्याज का बाजार थोड़ा नरम है, फिर भी बाजार में कुछ रौनक है। सरकारी प्याज के माल की अधिक आवक और हल्की क्वालिटी के प्याज के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं। प्याज की मांग में कुछ वृद्धि होने के कारण प्याज के भाव अगले कुछ दिनों में बढ़ सकते है। प्याज का बाजार इस समय तो एक मिश्रित स्थिति में है। उच्च गुणवत्ता वाले माल की मांग ज्यादा है, और अगर आप अच्छा माल लेकर मंडी में आते हैं, तो आपको अच्छे दाम मिल सकते हैं। वहीं, अगर आप हल्का माल लेकर आ रहे हैं, तो बाजार में आपको कम कीमत मिल सकती है।
नेफेड और एनसीसीएफ द्वारा भेजे गए सरकारी प्याज की हालत भी डामाडोल चल रही है। सरकारी प्याज का माल इस समय 500 से 600 रुपये प्रति मन (40 किलो) बिक रहा है। यह माल मुख्यत: कम गुणवत्ता का होता है, और आमतौर पर यह ऐसे प्याज होते हैं जो बाजार में अधिक खपत नहीं करते, लेकिन सरकारी एजेंसियों की सहायता से यह कम दाम पर बिक जाते हैं। हालांकि, सरकारी माल की बिक्री का तरीका कभी-कभी बाजार पर दबाव डालता है
आज 25 दिसंबर 2024, बुधवार का दिन है, और हम यहां आपको आजादपुर मंडी में प्याज के भाव, आवक, और क्वालिटी की ताजगी के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। इसके साथ ही यह भी चर्चा करेंगे कि वर्तमान में प्याज की कीमतें कैसे बदल रही हैं, किस गुणवत्ता का माल कहां से आ रहा है, और आने वाले दिनों में क्या रुझान बन सकते हैं।
प्याज की आवक और बाजार का माहौल
आजादपुर मंडी में कुल 75 गाड़ियां प्याज की आई हैं, जिनमें से 24 गाड़ियां ताजा माल हैं और बाकी 50 गाड़ियां पुराना माल हैं। आज की ताजा खेप में नासिक से 26 गाड़ियां आई हैं, जबकि अन्य स्थानों से भी प्याज की गाड़ियां आई हैं। पुना से 2 गाड़ियां, राजकोट गुजरात से 3 गाड़ियां, मध्य प्रदेश से 2 गाड़ियां और राजस्थान से 3 गाड़ियां आई हैं। इसके अलावा, महुआ, गुजरात से एक गाड़ी और सरकारी एजेंसियों जैसे नेफेड और एनसीसीएफ की गाड़ियां भी शामिल हैं। नेफेड की छह गाड़ियां आ चुकी हैं और एसीसीएफ से 10 गाड़ियां आ रही हैं। आमतौर पर जब सरकारी माल की आवक बढ़ती है, तो बाजार में थोड़ी राहत मिलती है, लेकिन इन दिनों क्वालिटी और कीमतों में भी अंतर देखा जा रहा है। आजादपुर मंडी में प्याज की कुल आवक 7000 कट्टे और 75 गाड़ियों की आमदनी है,
प्याज की कीमत और क्वालिटी
आजकल बाजार में प्याज की गुणवत्ता का अंतर साफ नजर आ रहा है। मंडी मे इस वक्त प्याज खैरथल, पुना, नासिक, और गुजरात से आ रहा है, और इनकी कीमतों में भी अंतर है।
खैरथल का प्याज 700 से लेकर 1000 रुपये प्रति मन तक बिक रहा है। यहां एक लॉट 1000 रुपये प्रति मन के हिसाब से बिका है, जबकि नासिक और पुना का प्याज 800 से 1000 रुपये प्रति मन के बीच बिकता है। इस दौरान, सरकारी प्याज की कीमतें 500 से 600 रुपये प्रति मन तक देखी जा रही हैं। नासिक के सीधे माल में भी क्वालिटी का फर्क है, और कुछ प्याज 500 से 550 रुपये प्रति मन में बिक रहे हैं, जबकि अच्छे माल के लिए कीमत 800 से 1000 रुपये प्रति मन तक जा रही है।
मंडी में आजकल अच्छे माल की कीमत 500 से 1000 रुपये प्रति मन (40 किलो) तक जा रही है। खासकर, अलवर और नासिक के प्याज की क्वालिटी का अंतर साफ दिखाई दे रहा है। अलवर से आयी प्याज में 900 रुपये प्रति मन (40 किलो) तक बिक रही है, जबकि यदि ग्रेडिंग बेहतर की जाती, तो यह 1000 रुपये प्रति मन (40 किलो) तक भी बिक सकता था। दिल्ली मंडी के अन्य सामान्य बाजार में, जो कम क्वालिटी वाले प्याज हैं, उनकी कीमत 600 से 800 रुपये प्रति मन (40 किलो) के बीच है।
नासिक और पुना से आई गाड़ियों में माल की क्वालिटी में बड़ा अंतर है। नासिक के प्याज में अधिकतर 500 से 600 रुपये प्रति मन (40 किलो) की कीमत मिल रही है, लेकिन यह कीमत प्याज की गुणवत्ता के हिसाब से भिन्न होती है। नासिक और पुना से आने वाले माल में 60 एमएम साइज का प्याज अधिक बिकता है, जिसका मूल्य 20 से 25 रुपये प्रति किलो तक हो सकता है। वहीं, छोटी और घटिया क्वालिटी का प्याज 14 से 17 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है।
गुजरात से आने वाले प्याज का रंग भी एक मुद्दा बन चुका है। पिंक माइक्रो कलर वाले प्याज की कीमत 600 से 800 रुपये प्रति मन (40 किलो) तक बिक रही है, जबकि अच्छे और मोटे प्याज का मूल्य 20 से 25 रुपये प्रति किलो हो सकता है। इसीलिए किसान भाइयों से मेरी अपील है कि वे अपनी जाली की गुणवत्ता पर ध्यान दें, क्योंकि इससे प्याज की कीमतों में काफी अंतर आ सकता है।
खैरथल और नासिक के प्याज में फर्क देखा जा रहा है। खैरथल का प्याज 600 रुपये तक बिक रहा है, लेकिन यह हल्का माल था, जो टाइट हुआ है। इसका कारण यह है कि अभी तक कुल आवक 7000 कट्टे तक ही पहुंची है, और बाजार में थोड़ा टाइट माहौल बना हुआ है।
आने वाले दिनों में क्या होगा माहौल
बाजार के अगले दिनों में क्या रुझान होंगे, इसे लेकर कुछ अनिश्चितता बनी हुई है। खासकर चुनावी माहौल और बॉर्डर बंद होने के कारण, कुछ माल की आवक में कमी आ सकती है, जिससे कीमतें बढ़ सकती हैं। वर्तमान में आवक कम होने के कारण प्याज की कीमतें टाइट हो रही हैं, और यह और बढ़ सकती हैं। साथ ही, यह भी देखा जा रहा है कि चुनावी प्रभाव के कारण सरकार की पॉलिसी में बदलाव हो सकता है, जिससे भाव और गुणवत्ता पर असर पड़ेगा। अभी के लिए प्याज की कीमतें स्थिर रहने की संभावना है, क्योंकि आवक की कमी और सरकारी माल की उपलब्धता इसे प्रभावित कर रहे हैं।
साथ ही इस समय, सरकारी गाड़ियों की आमदनी और प्याज की क्वालिटी का फर्क देख कर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि बाजार में अगला रुझान बढ़ने का हो सकता है। खासकर जब नेफेड और एनसीसीएफ की गाड़ियां भी आ रही हैं, तो सरकार के माल में बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे बाजार में और भी दबाव बढ़ सकता है।
अंत मे
यहां एक और महत्वपूर्ण पहलू है, जो प्याज की गुणवत्ता से जुड़ा हुआ है, वह है प्याज को भेजने के लिए इस्तेमाल होने वाली जाली। यह सही है कि जाली की गुणवत्ता सीधे तौर पर प्याज की बिक्री पर असर डालती है। अलवर के किसान भाई बड़ी साइज की जाली का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे उनकी प्याज की कीमत में वृद्धि हो रही है। अलवर से आयी प्याज की क्वालिटी भी इसी कारण बेहतर दिख रही है और उसका मूल्य ज्यादा मिल रहा है। वहीं, गुजरात के कुछ किसान जाली की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दे रहे, जिसके कारण उनके प्याज की बिक्री में गिरावट आ रही है।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।