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धान की तेजी मंदी का पूरा हिसाब किताब | जाने नए सीजन में क्या रहेंगे बासमती के भाव

धान की तेजी मंदी का पूरा हिसाब किताब | जाने नए सीजन में क्या रहेंगे बासमती के भाव
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किसान साथियों आए दिन धान के भाव में नई हलचल देखने को मिल रही है। धान के भाव 2600 से लेकर 2850 की रेंज में जाकर फंस गए हैं। ना तो नए 1509 धान में 2900 तक का भाव किसी भी मंडी में लग रहा है और ना ही टॉप भाव 2600 से कम जा रहा है। नीचे की तरफ देखा जाए तो ऐसा लगता है कि बासमती के भाव ने अपना बॉटम बना लिया है। और इसके नीचे जाने की अब संभावना नहीं दिखती। अब सवाल यह उठ रहा है कि उपर की तरफ बासमती में क्या रेंज बन सकती है? क्या 1509 के भाव का कमजोर रहना आने वाले समय में 1121, 1718, 1401 और 1885 जैसी किस्मों के भाव को भी कमजोर कर सकता है। यह एक ऐसा सवाल है जिसका उत्तर देने से सब बच रहे हैं। लेकिन मंडी भाव टुडे ने कोशिश की है कि बासमती के भाव को प्रभावित करने वाले घटकों जैसे बासमती का रकबा, मौजूदा समय में उत्पादन अनुमान निर्यात की स्थिति, सरकारी नीति, बासमती डिमांड, अन्य देशों से सप्लाई, पुराने स्टॉक की स्थिति, पिछले सालों के ट्रेंड और ताजा मार्केट सेंटीमेंट के आधार पर किसान साथियो को बताया जाए कि बाजार की चाल किस तरह से रहने वाली है। दोस्तो दी गई जानकारी पूर्वानुमान पर आधारित है और परिस्थितियों में कभी भी बदलाव हो सकता है। इसलिए इसे केवल अनुमान भर मान कर चलें। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

भारत में कुल कितना लगा है बासमती
किसान साथियों आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में हर साल बासमती का रकबा बढ़ रहा है। इस बढोतरी में UP के साठी 1509 और MP के पूसा धान का बड़ा योगदान है। अगर 10 साल पीछे जाएं तो बासमती की खेती मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर जैसे क्षेत्रों में की जाती थी। लेकिन बासमती के अच्छे भावों को देखते हुए पूर्वी UP और MP के किसान अब अच्छी खासी मात्रा में बासमती उगा रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार भारत में बासमती की खेती इस साल लगभग 15 लाख हेक्टेयर के पार हो गई है। बढ़ते रकबे और बढ़ते उत्पादन को देखते हुए मौजूदा कीमत में गिरावट किसानों के लिए चिंताजनक है। व्यापारियों का अनुमान है कि बासमती की आपूर्ति बढ़ सकती है और पिछले साल के मुकाबले इस साल बासमती 1121, 1718 और 1885 जैसी किस्मों के भाव में भी गिरावट हो सकती है।

क्या है गिरावट की वज़ह
साथियो बासमती के भाव में इस समय चल रही भारी गिरावट का मुख्य कारण बासमती चावल के निर्यात को लेकर बन रही चिंताओं को माना जा रहा है । पाकिस्तान में भी बासमती का उत्पादन इस बार बम्पर बताया जा रहा है और उनका चावल भारत से सस्ते में (700 डॉलर प्रति टन) के दाम पर उपलब्ध है। जिससे आयातक पाकिस्तान की तरफ जा सकते हैं। गौरतलब है कि पाकिस्तान के पास अभी भी इतना बासमती उत्पादित नहीं होता जो कि पूरी ग्लोबल डिमांड को पूरा कर सके। लेकिन अगर उनका सारा चावल सस्ते भाव में बिकता है तो भारत को इसका कुछ ना कुछ नुकसान तो होगा ही। भारत सरकार द्वारा निर्धारित 950 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) इस स्थिति के पीछे का सबसे बड़ा कारण है। ऊंचे न्यूनतम निर्यात मूल्य ने विदेशी बाजार में भारतीय बासमती की प्रतिस्पर्धात्मकता को कम कर दिया है। उपर से रकबा बढ़ने और बंपर फसल की संभावना के चलते स्थिति और भी खराब हो गई है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल भारत में बासमती का उत्पादन 25 प्रतिशत तक बढ़ गया था। रकबा बढ़ने, अनुकूल मौसम और अच्छी बुआई की परिस्थितियों के कारण इस साल भी उत्पादन में 15 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

मंडियों से क्या मिल रही है रिपोर्ट
MEP घटाने को लेकर चल रही कानाफूसी और साठी 1509 की आवक कमजोर पड़ने के चलते बुधवार दिन में बासमती 1509 के भाव में 100 रुपये की तेजी बन गई है। करनाल मंडी के व्यापारी दीपक दुकान न 491 ने मंडी भाव टुडे को बताया कि बुधवार को 1509 का औसत भाव 100 रुपये प्रति क्विंटल तेज हुआ है। 1509 धान के भाव जो कि 2 अगस्त के आसपास 2450 तक पहुँच गए थे अब इसके भाव 2750 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास चल रहे हैं। करनाल मंडी में धान की आवक पिछले साल से ज्यादा हो रही है। बुधवार के भाव को देखें तो लाडवा मंडी में 1509 धान का भाव सबसे तेज 2850 रुपये प्रति क्विंटल तक बोला गया। इसके अलावा रादौर मंडी में भाव 2800 के आसपास बना रहा। बाकी मंडियों में भाव 2500 से 2750 के बीच बने रहे।

पुराने स्टॉक की क्या है स्थिति
किसान साथियों निर्यात के लिहाज से देखें तो साल 2023 24 के शुरुआती दौर में निर्यात को लेकर बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। लेकिन अच्छी बात यह रही कि इतना सब होने के बावजूद भी बासमती के निर्यात में पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। बासमती का निर्यात 50 लाख टन के पार हो चुका है। चूंकि साल 2023 में पिछला स्टॉक नहीं था और साल 2024 में निर्यात बढ़ा है इसलिए बहुत कम सम्भावना है कि मिलों और निर्यातकों के पास कोई बहुत बड़ा स्टॉक होगा। ऐसे में बासमती की सप्लाई बहुत अधिक होने का खतरा नहीं है। हालांकि मौजूदा फसलों का बम्पर उत्पादन सप्लाई के अनुमान को बढ़ा भी सकता है ।

चावल के भाव का क्या है इशारा
किसान साथियों बासमती धान का भाव इस बात पर भी निर्भर करता है कि बाजार में इस समय बासमती चावल का भाव क्या चल रहा है। दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल के मुकाबले बासमती चावल के भाव कमजोर चल रहे हैं। पिछले साल सितंबर के महीने में बासमती 1121 चावल के टॉप क्वालिटी के भाव 10000 के पार चल रहे थे जो कि अब 8500 के नीचे फिसल गए हैं। इसी अनुपात में अन्य किस्मों के भाव भी कमजोर है। चावल में कमजोरी को देखते हुए बासमती धान के भाव आने वाले सीजन में 500 से 800 तक कमजोर रह सकते हैं। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

आगे कैसा रह सकता है बासमती का बाजार
दोस्तो जैसे कि हमने चर्चा की कि भारत सरकार को बासमती के निर्यात को बढ़ाना है तो भारत को प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए या तो अपना एमईपी घटाकर 700 डॉलर करना होगा या इसे पूरी तरह से हटा देना होगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो पाकिस्तान का निर्यात बढ़ जाएगा, जिससे भारत के बासमती व्यापार को नुकसान हो सकता है। इसका असर अंत में किसानों के उपर ही पड़ेगा जिन्हें मंडियों में बासमती धान बेचने में दिक्कत होगी और भाव कम मिलेंगे । किसान साथियों अगर सरकार ने समय लेते बासमती की न्यूनतम समर्थन मूल्य को नहीं घटाया तो आने वाले सीजन में बासमती धान के भाव 2023 के मुकाबले 500 से 800 रुपये तक कमजोर रह सकते हैं । यानी की 1121 में आपको 4200 से 4500, 1718 में 4000 के आसपास 1509 में 2800-3000  1401 में 3500-4000, पूसा धान में 3000-3100 के भाव रहने की उम्मीद है।

Note: रिपोर्ट में दी गई जानकारी मंडियों के भ्रमण, इंटर्नेट के विश्वसनीय स्रोतो और निजी अनुभव पर इकट्ठा की गई है, बाजार में किसी वक्त भी उतार-चढ़ाव आ सकता है, इसलिए किसान भाइयों से निवेदन है कि वह व्यापार अपने विवेक और समझ से करें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।