चावल निर्यात में लगे चार चांद | क्या फिर से लौटेंगे बासमती में पुराने रेट? देखें रिपोर्ट
चावल निर्यात के आंकड़े हुए जारी | बासमती और गैर बासमती चावल के निर्यात आकड़े उम्मीद से बेहतर | देखें पूरी रिपोर्ट
किसान साथियो और व्यापारी भाइयों मंडी भाव टुडे पर हम अपने ऑडिएंस को कई महीनों से बता रहे हैं कि पिछले दो सालों में बासमती चावल निर्यात के मोर्चे पर भारत ने काफी अच्छा काम किया है। अनेक तरह की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आ रही समस्याओं और गैर बासमती चावल पर लगे प्रतिबंधों के बावजूद चावल निर्यात के नए रिकार्ड बने हैं। भले ही गैर बासमती चावल के निर्यात में कमी आयी हो लेकिन प्रीमियम बासमती के निर्यात ने गैर बासमती चावल में आयी कमी की पूर्ति कर दी है।
2023 में लगाया था निर्यात पर प्रतिबंध
दोस्तो सरकार ने गैर बासमती चावल के निर्यात से प्रतिबंध हटा लिया है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सितंबर और अक्टूबर 2024 में भारत करीब सभी प्रतिबंध खत्म कर दिए, जो गैर बासमती और प्रीमियम बासमती के निर्यात पर जुलाई और अगस्त 2023 में लगाए गए थे। दोस्तो प्रतिबंध हटने के बाद विश्व के सबसे बड़े चावल निर्यातक भारत से निर्यात जारी रहने से चावल की वैश्विक कीमतें कम करने में मदद मिल सकती है और पिछले सीज़न में अत्यधिक उत्पादन के बाद भारत को रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचे स्टॉक घटाने में मदद मिलेगी।
अनुमान से बेहतर हुआ निर्यात
एक सरकारी अधिकारी के हवाले से खबर मिली है कि निर्यात प्रतिबंध हटाए जाने के बाद दिसंबर तिमाही में चावल का निर्यात बढ़ा है और इससे इस साल की पहली छमाही में आई गिरावट की भरपाई हो गई है। अधिकारी ने अपना नाम उजागर नहीं करने का अनुरोध किया क्योंकि उन्हें मीडिया से बात करने का अधिकार नहीं है।
क्या कहते हैं निर्यात आंकड़े
Igrain इंडिया के आंकड़ों के अनुसार तमाम सरकारी नियंत्रणों-प्रतिबधों के बावजूद भारत से वर्ष 2024 में चावल का कुल निर्यात 178 लाख टन पर पहुंच गया जो वर्ष 2023 के सकल शिपमेंट 178.60 लाख टन से महज 60 हजार टन कम रहा।
बासमती ने मारी बाज़ी
केवल बासमती की बात करें तो 2024 में बासमती चावल का निर्यात 16.3 प्रतिशत बढ़कर 57 लाख टन हो गया है सऊदी अरब, ईराक और संयुक्त अरब अमीरात ने तेज भाव रहने के बावजूद के बावजूद खरीद बढ़ाई है। पिछले साल निर्यात प्रतिबंध के कारण गैर बासमती चावल का निर्यात 6.9 प्रतिशत कम होकर 121 लाख टन हो गया है। इसके अलावा दाम अधिक होने के कारण बांग्लादेश, कैमरून, जिबूती और जांबिया ने खरीद घटा दी। भारत के बाद सबसे ज्यादा चावल निर्यात थाईलैंड, वियतनाम, पाकिस्तान व अमेरिका करते हैं। लेकिन असल बात यह है कि ये चारों मिलकर भी भारत जितना चावल निर्यात नहीं कर पाते हैं।
बासमती के क्या चल रहे हैं रेट
आपकी जानकारी के लिए बासमती चावल के ताजा भाव की जानकारी नीचे दे दी गई है
1509 चावल: 1509 स्टीम ग्रेड A+ ₹ 6450-6500, ग्रेड A ₹ 6550-6300, गोल्डन सेला ₹ 5650-5750, सेला ₹ 5250-5350, 1121 चावल: 1121 स्टीम ग्रेड A+ ₹ 7900-7950, ग्रेड A ₹ 7800-7850, गोल्डन ₹ 7800-7900, सेला ₹ 6700-6750 (तेजी ₹ 100)। 1718 चावल: 1718 स्टीम ग्रेड A+ ₹ 6550-6650, ग्रेड A ₹ 6400-6500, गोल्डन सेला ₹ 6100-6200 (मंदी ₹ 250), सेला ₹ 5500-5600। 1401 चावल: 1401 स्टीम ग्रेड A+ ₹ 6050-6100, ग्रेड A ₹ 6000-6050, सेला ₹ 5900-5950।
ताज चावल: ताज गोल्डन ₹ 4300-4350, ताज सेला ₹ 4100-4150। सुगंधा चावल: सुगंधा स्टीम ₹ 5550-5600, गोल्डन ₹ 5100-5150, सेला ₹ 4700-4750। सरबती चावल: सरबती सेला ₹ 4200-4250। PR14 चावल: PR14 स्टीम ₹ 3900-4000, गोल्डन ₹ 4000-4050, सेला ₹ 3850-3900। RH10 चावल: RH10 स्टीम ₹ 4450-4500, गोल्डन ₹ 4200-4250, सेला ₹ 3950-4000। पूसा PB1 चावल: स्टीम ₹ 5350-5450, गोल्डन सेला ₹ 5100-5250, सेला ₹ 4875। सोना मसूरी: स्टीम ₹ 4100-4150
निर्यात और बढ़ने की उम्मीद
कोलकाता के एक चावल निर्यातक ने बताया कि बाजार के जानकार 2024 में चावल निर्यात में 20 प्रतिशत से ज्यादा गिरावट की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन दिसंबर तिमाही में भारी मांग ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। कुल मिलाकर 2024 में निर्यात स्थिर रहा और उम्मीद है कि 2025 में आगे और यह और बढ़ेगा। मंडी भाव टुडे को उम्मीद है कि इस तरह के उत्साहित करने वाले आंकडे बाजार के सेंटिमेंट को बदलेंगे और आने वाले समय में चावल का बाजार मंदी के दलदल से बाहर निकल कर तेजी की पटरी पर दौड़ेगा।
बासमती के किसानों के आ सकते हैं अच्छे दिन
मंडी भाव टुडे को उम्मीद है कि निर्यात के लगातार बढ़िया रहने, सरकार के द्वारा नीतिगत सुधार करने विदेश में भारतीय बासमती की डिमांड बढ़ने के कारण आने वाले समय में आपको फिर से तेजी का माहौल देखने को मिल सकता है । मंडी भाव टुडे को खबर मिली है कि कल शाम को 1718 चावल का व्यापार 5750 तक हुआ है जो की 2 दिन पहले 5350 में हो रहा था। रातों रात इस तरह की तेजी आना बाजार के सेंटीमेंट को बदल सकता है। इसके अलावा गोहाना मंडी में कल 1121 धान के रेट 4200 पर पहुंच गए हैं इसे भी एक सकारात्मक संकेत माना जाना चाहिए। इस समय धान के भाव धरातल पर चल रहे हैं और खरीद का मौका यहां पर बन रहा है। दोस्तों आप सबको पता है कि नवंबर 2023 के बाद से लगातार बासमती धान में गिरावट का माहौल देखने को मिल रहा है। बहुत सारी अंतरराष्ट्रीय स्तर की समस्याओं सरकार की नीतियों और बाजार में फैले नेगेटिव सेंटीमेंट ने बासमती के भाव का बंटाधार कर दिया है। चावल की प्रीमियम किस्म 1121 के भाव जो कि 2023 में 10800 पर चल रहे थे अब 8000 के नीचे फिसल गए हैं। इतनी बड़ी गिरावट होने के कारण बासमती धान के किसानों को पिछले साल के मुकाबले 500-1500 रुपये प्रति क्विंटल तक का घाटा हो रहा है। लेकिन अब माहौल सुधरता दिखाई दे रहा है। जो साथी माल को होल्ड करके बैठे हैं वह थोड़े दिन और इंतजार कर सकते हैं। व्यापार अपने विवेक से करें
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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।